भारत पर लगे टैरिफ? अमेरिका ने G7 और EU से की अपील

G7 meeting 2025: जहां अमेरिका चाहता है कि चीन और भारत पर दबाव बढ़ाया जाए, ताकि रूस की आय कम हो. वहीं, भारत अपने राष्ट्रीय हितों के तहत रूस से तेल खरीद जारी रखने के पक्ष में है.;

Update: 2025-09-13 02:31 GMT
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oil purchase from Russia: यूक्रेन युद्ध को लेकर अमेरिका ने चीन और भारत पर तीखा रुख अपनाते हुए G7 और यूरोपीय संघ (EU) से अपील की है कि वे दोनों देशों पर रूसी तेल खरीदने के चलते प्रतिबंधात्मक शुल्क (टैरिफ) लगाए. अमेरिका का कहना है कि रूस से तेल खरीदकर ये देश मॉस्को की युद्ध मशीन को आर्थिक समर्थन दे रहे हैं.

G7 बैठक

यह अपील शुक्रवार को आयोजित G7 वित्त मंत्रियों की बैठक के दौरान की गई, जिसमें रूस पर अतिरिक्त प्रतिबंधों और उसके समर्थक देशों के खिलाफ व्यापारिक दंड की संभावनाओं पर चर्चा हुई. अमेरिकी ट्रेज़री सेक्रेटरी स्कॉट बेसेंट ने इस दौरान कहा कि पुतिन की युद्ध मशीन को आर्थिक रूप से कमजोर करने के लिए एकजुट प्रयास आवश्यक है. जब तक हम उसके राजस्व के स्रोत पर प्रहार नहीं करेंगे, युद्ध नहीं रुकेगा. उनके साथ अमेरिकी व्यापार प्रतिनिधि जैमीसन ग्रीयर ने भी संयुक्त बयान जारी किया.

भारत पर डबल टैरिफ, चीन पर नरमी

इस बीच अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पहले ही भारतीय वस्तुओं पर 25% अतिरिक्त शुल्क लगाकर कुल टैरिफ 50% कर दिया है. यह दबाव भारत पर रूसी तेल खरीद बंद कराने के लिए बनाया गया है. हालांकि, चीन के खिलाफ ऐसे प्रत्यक्ष टैरिफनहीं लगाए गए हैं, जिससे अमेरिकी नीति को लेकर सवाल उठ रहे हैं.

कनाडा का बयान

कनाडा के वित्त मंत्री फ्रांस्वा-फिलिप शांपेन ने बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा कि बैठक में यह भी चर्चा हुई कि रूस की जब्त संपत्तियों का उपयोग यूक्रेन की रक्षा में कैसे किया जा सकता है. कनाडा सरकार के आधिकारिक बयान में कहा गया कि हमने रूस पर दबाव बढ़ाने के लिए विभिन्न आर्थिक विकल्पों की समीक्षा की, जिनमें नए प्रतिबंध, व्यापार प्रतिबंध और टैरिफ शामिल हैं — खासकर उन देशों पर जो रूस की युद्ध गतिविधियों में अप्रत्यक्ष रूप से मदद कर रहे हैं.

भारत-अमेरिका संबंधों में तनाव

राष्ट्रपति ट्रंप द्वारा भारतीय वस्तुओं पर भारी शुल्क लगाने के बाद भारत-अमेरिका व्यापारिक संबंधों में तनाव देखा गया. हालांकि, हाल ही में दोनों देशों के शीर्ष नेतृत्व ने फिर से मित्रता और रणनीतिक साझेदारी को दोहराया, जिससे रिश्तों में कुछ हद तक नरमी आई है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को कहा कि भारत और अमेरिका नजदीकी मित्र और स्वाभाविक साझेदार हैं. मुझे भरोसा है कि हमारे व्यापार वार्तालाप दो देशों की असीम संभावनाओं को खोलने का मार्ग प्रशस्त करेंगे. इससे पहले राष्ट्रपति ट्रंप ने भी Truth Social पर लिखा कि दोनों देश व्यापार बाधाओं को लेकर वार्ता जारी रखेंगे.

भारत की सफाई

अमेरिकी दबाव के बावजूद भारत ने रूस से तेल खरीद जारी रखी है। नई दिल्ली का तर्क है कि यह निर्णय राष्ट्रीय ऊर्जा सुरक्षा और घरेलू उपभोक्ताओं को सस्ती कीमत पर तेल उपलब्ध कराने के लिए आवश्यक है. भारत सरकार का मानना है कि वैश्विक तनाव के इस दौर में ऊर्जा आपूर्ति का वैकल्पिक स्रोत बनाए रखना रणनीतिक रूप से अनिवार्य है.

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