B-2 स्पिरिट ने उड़ाया ईरान का होश! जानें कैसे वहां तक पहुंचा अमेरिका का स्टील्थ बमवर्षक
Operation Midnight Hammer: अमेरिका ने स्टील्थ तकनीक और गुप्त रणनीति का इस्तेमाल करते हुए ईरान के परमाणु ठिकानों पर निर्णायक हमला किया है. अब सवाल है कि ईरान का अगला कदम क्या होगा और यह मध्य-पूर्व में इजरायल और ईरान के बीच बढ़ते तनाव को और कितना बढ़ा देगा.;
US attacks Iran: जब दुनिया सो रही थी, अमेरिका ने चुपचाप इतिहास बदल दिया. स्टील्थ बी-2 बमवर्षकों की गर्जना के साथ ईरान के आसमान में मौत मंडराई और देखते ही देखते उसके तीन परमाणु ठिकाने मलबे में बदल गए. ‘ऑपरेशन मिडनाइट हैमर’ शुरू हो चुका था, वो मिशन जिसे सिर्फ चंद लोग ही जानते थे और जिसकी गूंज अब पूरी दुनिया सुन रही है. लेकिन सबसे बड़ा सवाल यह है कि अमेरिका से इतनी दूर ये फाइटर जेट आखिर कैसे पहुंच गए?
इस हमले के लिए अमेरिका ने अपनी सबसे ताकतवर एवं स्टील्थ तकनीक वाले बंकर-बस्टर बम (GBU‑57) का इस्तेमाल किया था. अमेरिका ने कहा कि वह इस अभियान में इजरायल की सेना के साथ शामिल हुआ — जिससे क्षेत्रीय तनाव और बढ़ गया है.
कुल 14 बम
रक्षा मंत्री पिट हेगसेथ और वायुसेना प्रमुख जनरल डैन केन ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि उन्होंने दो अलग-अलग लक्ष्य पर 14 बम गिराए. उन्होंने एक नक्शा दिखाया जिसमें बताया गया कि ये बी‑2 बमवर्षक कैसे अमेरिका से निकलकर ईरान तक पहुंचे।
फ्रिगेट्स का उड़ान मार्ग
नक्शे में दिखाया गया किरियाना मार्ग इस तरह था:
1. अमेरिका से उड़ान
2. उत्तरी अटलांटिक महासागर
3. जिब्राल्टर जलडमरूमध्य से होकर भूमध्य सागर
4. फिर इजरायल-वायु क्षेत्र का मार्ग
5. जॉर्डन और इराक पार कर ईरान में प्रवेश
6. बमबारी के बाद वापसी के लिए लौटना
बी-2 विमानों ने मुख्यतः अंतरराष्ट्रीय वायु क्षेत्र में उड़ान भरी, जिससे उन्हें ट्रैक करना मुश्किल हुआ.
सात घातक बी-2 स्टील्थ बमवर्षकों का बेड़ा
7 B‑2 स्पिरिट स्टील्थ बमवर्षक इस ऑपरेशन का हिस्सा थे. हर विमान में 2 क्रू मेंबर थे. इनके उड़ान नियंत्रण में कम्युनिकेशन बहुत सीमित था, ताकि किसी प्रकार की सूचनाएं लीक न हो। युद्ध की अवधि में उन्होंने करीब 18 बार उड़ान भरी, बम गिराए और फिर बिना रुकावट स्थापित अपने बेस लौट आए.
बड़े नुकसान की आशंका
जनरल केन ने कहा कि शुरुआती आकलन अब तक बता रहा है कि इन तीनों परमाणु केंद्रों को 'अत्यधिक गंभीर' नुकसान हुआ है. इस हमले के प्रभाव कई हो सकते हैं, जैसे कि ईरान के साथ बातचीत में अमेरिकी रुचि कम हो सकती है. यह अमेरिका को पश्चिमी एशिया के संघर्ष में एक बार फिर खींच सकता है.
‘बंकर-बस्टर बम’
बंकर-बस्टर बम ऐसे बम होते हैं जो सतह पर गिरने के बाद ज़मीं के नीचे कई मीटर घुसकर तबाही मचाते हैं. यह ऑपरेशन में इस्तेमाल GBU-57 A/B मैसिव ऑर्डनेंस पेनेट्रेटर बम था. यह दुनिया के सबसे शक्तिशाली बंकर-बस्टर बमों में से एक है.