भारत-अमेरिका रिश्तों में तनाव के बीच सुर्ख़ियों में ट्रंप-मिलर मुलाक़ात

भारत ने टैरिफ विवाद के चलते लॉबी करने वाली फर्म को हायर किया है, इसी सिलसिले में लाबीस्ट जैसन मिलर ने ट्रम्प से मुलाकात की है.;

Update: 2025-09-07 16:51 GMT
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India US Relations : अमेरिका के राजनीतिक लॉबिस्ट जेसन मिलर (Jason Miller), जिनकी फर्म को भारत ने अनुबंध पर नियुक्त किया है, ने हाल ही में अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और उनकी प्रशासनिक टीम के कई सदस्यों से मुलाक़ात की। यह मुलाक़ात उस समय हुई जब भारत और अमेरिका के बीच व्यापारिक संबंध अमेरिकी टैरिफ़ को लेकर तनावपूर्ण बने हुए हैं।


भारत-अमेरिका तनाव का कारण: टैरिफ़ और रूस से तेल आयात

27 अगस्त से लागू टैरिफ़: ट्रंप प्रशासन ने भारतीय आयात पर 50% शुल्क लगा दिया।

आरोप: ट्रंप ने कहा कि भारत रूस से कच्चा तेल खरीदकर अप्रत्यक्ष रूप से मास्को के यूक्रेन युद्ध को फंड कर रहा है।

भारत की प्रतिक्रिया: नई दिल्ली ने इस कदम को “अनुचित, अन्यायपूर्ण और अव्यवहारिक” बताया।


जेसन मिलर और भारत का अनुबंध

मिलर की फर्म SHW Partners LLC को भारत के वाशिंगटन स्थित दूतावास ने इस साल की शुरुआत में नियुक्त किया।

अनुबंध की अवधि एक वर्ष की है और इसकी कीमत लगभग 1.8 मिलियन अमेरिकी डॉलर (करीब 15 करोड़ रुपये) बताई जा रही है।

हाल ही में मिलर ने वाशिंगटन में कई मुलाक़ातें कीं, जिनकी जानकारी सार्वजनिक नहीं की गई।


मिलर-ट्रंप मुलाक़ात और सोशल मीडिया पोस्ट

मिलर ने सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म एक्स (पहले ट्विटर) पर ट्रंप के साथ अपनी तस्वीर साझा की।

उन्होंने लिखा:

“वॉशिंगटन में शानदार हफ़्ता रहा, खासकर तब जब हमारे सक्रिय राष्ट्रपति से मुलाक़ात करने का अवसर मिला। बेहतरीन काम जारी रखें @POTUS @realDonaldTrump।”

हालांकि इस मुलाक़ात को सीधे तौर पर भारत से मिलर के अनुबंध से नहीं जोड़ा गया, लेकिन यह कूटनीतिक पृष्ठभूमि में बेहद महत्वपूर्ण मानी जा रही है।


ट्रंप का भारत और मोदी पर बयान

प्रेस से बातचीत में ट्रंप ने भारत को “करीबी साझेदार” बताया।

उन्होंने कहा:

“मैं हमेशा मोदी का दोस्त रहूँगा। वह महान प्रधानमंत्री हैं। लेकिन इस समय जो वे कर रहे हैं, उससे मैं सहमत नहीं हूँ।”

साथ ही उन्होंने भरोसा दिलाया:

“भारत और अमेरिका का रिश्ता विशेष है। चिंता की कोई बात नहीं है।”


मोदी की प्रतिक्रिया

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्रंप की बातों का स्वागत किया।

उन्होंने एक्स पर लिखा:

“राष्ट्रपति ट्रंप की भावनाओं और हमारे रिश्तों के सकारात्मक मूल्यांकन की मैं गहराई से सराहना करता हूँ और पूर्ण रूप से प्रत्युत्तर देता हूँ।”

मोदी ने यह भी कहा:

“भारत और अमेरिका के बीच एक बहुत ही सकारात्मक, भविष्य-दृष्टि वाला, व्यापक और वैश्विक रणनीतिक साझेदारी है।”


रिश्तों में गिरावट का सिलसिला


फरवरी 2025:

पीएम मोदी की अमेरिका यात्रा के दौरान, ट्रंप ने वार्ता शुरू होने से ठीक पहले भारत पर “पारस्परिक शुल्क (reciprocal tariffs)” लगा दिए।


मई 2025:

भारत ने अप्रैल 22 को पहलगाम आतंकी हमले के जवाब में पाकिस्तान के आतंकी नेटवर्क पर ऑपरेशन सिंदूर के तहत सटीक हमले किए। इसके बाद ट्रंप ने दावा किया कि उन्होंने भारत-पाकिस्तान के बीच मध्यस्थता कर सीज़फायर कराया। भारत ने इस दावे को खारिज किया।


अगस्त 2025:

ट्रंप ने भारत पर 25% बेस टैरिफ़ और अतिरिक्त 25% शुल्क लगाया, कारण यह बताया गया कि भारत ने रूस से कच्चे तेल की ख़रीद नहीं रोकी।

अमेरिकी अधिकारियों ने भारत पर यह भी आरोप लगाया कि वह रूसी तेल से लाभ कमा रहा है।

भारत ने इन आरोपों को पूरी तरह नकार दिया।

जेसन मिलर और ट्रंप की मुलाक़ात को सीधे भारत से जोड़कर नहीं देखा जा रहा है, लेकिन मौजूदा हालात में यह एक नाज़ुक कूटनीतिक पृष्ठभूमि में हुई है। व्यापारिक तनाव, सुरक्षा मसले और रूस-यूक्रेन युद्ध पर अलग-अलग दृष्टिकोण के बावजूद, दोनों देशों के नेता रिश्तों की स्थिरता और साझेदारी की मजबूती का संदेश देने की कोशिश कर रहे हैं।


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