बांग्लादेश में 70 हिंदू वकीलों पर 'झूठा मुकदमा'! चिन्मय दास के लिए एक भी वकील नहीं हुआ पेश
बांग्लादेश में राजद्रोह के आरोप में गिरफ्तार हिंदू साधु चिन्मय कृष्ण दास ब्रह्मचारी को जमानत पर सुनवाई के लिए 2 जनवरी तक इंतजार करना होगा.
Chinmoy Krishna Das Brahmachari bail hearing: बांग्लादेश में अराजकता का आलम यह है कि एक हिंदू साधु को जमानत के लिए वकील तक नहीं मिल पा रहा है. बांग्लादेश की एक हिंदू संस्था का आरोप है कि चिन्मय कृष्ण दास ब्रह्मचारी की जमानत के लिए कोर्ट में पेश होने वाले हिंदू वकीलों पर झूठा मुकदमा दायर कर दिया गया है. यही वजह है कि अब उनको जमानत के लिए लंबा इंतजार करना पड़ रहा है.
बांग्लादेश में राजद्रोह के आरोप में गिरफ्तार हिंदू साधु चिन्मय कृष्ण दास ब्रह्मचारी को जमानत पर सुनवाई के लिए 2 जनवरी तक इंतजार करना होगा. क्योंकि चटगांव की एक अदालत ने मंगलवार को अभियोजन पक्ष के इस आधार पर लंबी स्थगन की मांग स्वीकार कर ली कि उनके पास अभी तक बचाव पक्ष का वकील नहीं है.
बांग्लादेश सम्मिलिता सनातनी जागरण जोते, जिसके चिन्मय कृष्ण प्रवक्ता हैं, उन्होंने स्थानीय मीडिया को बताया कि गिरफ्तार साधु की नई जमानत सुनवाई में उनकी भागीदारी को रोकने के लिए लगभग 70 हिंदू वकीलों पर "झूठा मुकदमा" किया गया था. इस्कॉन कोलकाता के उपाध्यक्ष राधारमण दास ने उन परिस्थितियों का विरोध किया, जिसके कारण महानगरीय सत्र न्यायाधीश मोहम्मद सैफुल इस्लाम ने अगली जमानत सुनवाई लगभग एक महीने बाद निर्धारित की है. उन्होंने एक्स पर पोस्ट किया कि जब उन्हें निशाना बनाया जा रहा है तो कोई भी वकील #चिन्मयकृष्णदास के लिए कैसे पेश हो सकता है?
26 नवंबर को चटगांव के छठे महानगर मजिस्ट्रेट न्यायाधीश काजी शरीफुल इस्लाम ने चिन्मय कृष्ण की पहली जमानत याचिका खारिज कर दी, जिससे झड़पें शुरू हो गईं, जिसमें सैफुल इस्लाम अलिफ नामक एक वकील की मौत हो गई. कोलकाता में बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने पीएम मोदी से बांग्लादेश में शांति सेना तैनात करने और "सताए गए भारतीयों" को वापस लाने के लिए संयुक्त राष्ट्र को प्रेरित करने का अनुरोध किया, जिसे इस्कॉन से समर्थन मिला.
इस्कॉन के उपाध्यक्ष राधारमण दास ने कहा कि हम इस मुद्दे पर बोलने और वैश्विक हस्तक्षेप की आवश्यकता को उजागर करने के लिए सीएम ममता बनर्जी के आभारी हैं. उन्होंने कहा कि बांग्लादेश में लोकतंत्र "खतरे में" है और "अल्पसंख्यकों के बुनियादी मानवाधिकारों से समझौता किया जा रहा है". सोमवार को राधारमण दास ने अस्पताल में घायल वकील रामेन रॉय की एक तस्वीर पोस्ट की थी, जिसमें कहा गया था कि उन्हें अदालत में चिन्मय दास का बचाव करने के लिए अपनी जान की लड़ाई लड़नी पड़ रही है.