'अगर देश छोड़ने में 20 मिनट की देरी हो जाती तो'... पूर्व पीएम शेख हसीना का छलका दर्द

Sheikh Hasina: शेख हसीना ने आरोप लगाया कि पिछले साल 5 अगस्त को छात्रों के नेतृत्व वाले विरोध प्रदर्शनों के बाद उन्हें और उनकी बहन रेहाना को मारने की साजिश रची गई थी.;

Update: 2025-01-18 09:29 GMT

Sheikh Hasina News: बांग्लादेश (Bangladesh) 5 अगस्त की तारीख शायद ही भुला पाएगा. वह दिन एक तरह से पड़ोसी मुल्क के इतिहास में दर्ज हो गया है. क्योंकि 5 अगस्त को पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना (Sheikh Hasina) को छात्रों के विरोध-प्रदर्शन के चलते सत्ता से बेदखल होना पड़ा और देश छोड़कर भारत में शरण लेनी पड़ी थी. इस बीच अपने देश से इतने महीनों दूर रहने के बाद हसीना के दिल का दर्द छलक पड़ा. उन्होंने अपने सरकारी आवास पर हुए आंदोलनकारियों के हमले को लेकर अपनी चुप्पी तोड़ते हुए पहली बार अपना दर्द बयां किया है. उन्होंने एक सोशल ऑडियो पर एक टेप जारी कर कहा कि अगर मैं अपनी बहन के साथ उस दिन 20 मिनट पहले अपने सरकारी आवास से नहीं निकलती तो वो दिन हमारा आखिरी दिन हो सकता था.

बांग्लादेश (Bangladesh) की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना (Sheikh Hasina) ने आरोप लगाया कि पिछले साल 5 अगस्त को छात्रों के नेतृत्व वाले विरोध प्रदर्शनों के बाद उन्हें और उनकी बहन रेहाना को मारने की साजिश रची गई थी. हसीना ने ये आरोप बांग्लादेश अवामी लीग पार्टी द्वारा शुक्रवार देर रात अपने फेसबुक पेज पर पोस्ट किए गए एक ऑडियो में लगाए.

हसीना (Sheikh Hasina) ने कहा कि रेहाना और मैं बच गए. महज 20-25 मिनट के अंतर पर, हम मौत से बच गए. उन्होंने दावा किया कि पिछले साल कथित तौर पर उन्हें मारने की कोशिश पहली बार नहीं थी. पूर्व प्रधानमंत्री ने दावा किया कि उनके जीवन के विभिन्न चरणों में उन्हें मारने की "साजिशें" रची गईं.

उन्होंने कहा कि मुझे लगता है कि 21 अगस्त को हत्याओं से बचना या कोटालीपारा में हुए विशाल बम विस्फोट से बचना या इस बार 5 अगस्त 2024 को बचना, अल्लाह की इच्छा. आपने बाद में देखा होगा कि उन्होंने मुझे मारने की कैसे योजना बनाई थी. हालांकि, यह अल्लाह की दया है कि मैं अभी भी जीवित हूं. क्योंकि अल्लाह चाहता है कि मैं कुछ और करूं. मैं अपने देश से दूर हूं.

बता दें कि हसीना (Sheikh Hasina) को देश छोड़कर भारत में शरण लेने के लिए मजबूर होना पड़ा. क्योंकि छात्र-नेतृत्व वाले आंदोलन, जिसे विपक्ष का समर्थन प्राप्त है, ने राष्ट्रीय राजधानी ढाका में धावा बोल दिया था. इसमें 600 से अधिक लोग मारे गए और सैकड़ों घायल हो गए. क्योंकि प्रदर्शनकारियों ने हसीना के पद छोड़ने तक पीछे हटने से इनकार कर दिया था.

भारत में एक अज्ञात स्थान पर अपने निर्वासन पर हसीना (Sheikh Hasina) ने एक भावुक नोट में कहा कि “हालांकि मैं पीड़ित हूं, मैं अपने देश से दूर हूं, अपने घर से दूर हूं, सब कुछ जल गया है.”

बांग्लादेश में हसीना वांछित

मुख्य अभियोजक ने कहा कि 6 जनवरी को बांग्लादेशी (Bangladesh) अदालत ने 77 वर्षीय हसीना (Sheikh Hasina) के खिलाफ जबरन गायब होने में उनकी कथित भूमिका के लिए दूसरा गिरफ्तारी वारंट जारी किया. हसीना (Sheikh Hasina) पहले से ही प्रधानमंत्री के रूप में अपने 15 साल के कार्यकाल के दौरान कथित “मानवता के खिलाफ अपराध” के लिए गिरफ्तारी वारंट का सामना कर रही हैं.

घरेलू अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण (ICT) के मुख्य अभियोक्ता ताजुल इस्लाम ने कहा कि बांग्लादेशी (Bangladesh) सुरक्षाकर्मियों ने कथित तौर पर 500 से ज़्यादा लोगों का अपहरण किया है, जिनमें से कुछ को कई सालों तक गुप्त सुविधाओं में हिरासत में रखा गया है. दिसंबर में बांग्लादेश (Bangladesh) ने भारत से हसीना को वापस भेजने के लिए कहा था, जिस पर दिल्ली ने जवाब देने से इनकार कर दिया था. अंतरिम सरकार ने 23 दिसंबर को विदेश मंत्रालय को भेजे गए नोट वर्बेल या बिना हस्ताक्षर वाले राजनयिक पत्राचार के ज़रिए उनके प्रत्यर्पण की मांग की.

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