भारत से तल्खी के बीच बांग्लादेश ने लगाई मदद की गुहार, चीन ने दिया ये जवाब

Bangladesh के विदेश मंत्री की यह यात्रा चीन की ओर झुकाव को रेखांकित करती है. क्योंकि वह पूर्वी एशियाई देशों के साथ आर्थिक और राजनीतिक संबंधों को गहरा करना चाहता है.;

Update: 2025-01-22 15:51 GMT

China increased Bangladesh loan period: बांग्लादेश में पिछले साल हुए विरोध-प्रदर्शन के बाद शेख हसीना को सत्ता से हटना पड़ा था और भारत में शरण लेनी पड़ी थी. तब से भारत और बांग्लादेश (Bangladesh) के बीच संबंधों में तल्खी देखी जा रही है. ऐसे में कभी भारत से मदद की आस लगाने वाला बांग्लादेश (Bangladesh) अब चीन (China) के शरण में पहुंच गया है. चीन (China) ने भी बांग्लादेश की मोहम्मद युनूस सरकार को बड़ी राहत पहुंचाने वाला एक फैसला लिया है.

इसी कड़ी में बांग्लादेश (Bangladesh) के विदेश मंत्री तौहीद हुसैन इन दिनों चीन (China) के दौरे पर हैं. उन्होंने चीनी विदेश मंत्री वांग यी से मुलाकात की. मौके की नजाकत को भांपते हुए चीन (China) ने भी दोस्ती का हाथ आगे बढ़ाते हुए बांग्लादेश (Bangladesh) की अंतरिम सरकार को मदद का भरोसा दिया. इसके तहत चीनी सरकार ने बांग्लादेश (Bangladesh) को दिये हुए कर्ज को चुकाने की अवधि को बढ़ा दी है.

चीन (China) की शी जिनपिंग सरकार ने बांग्लादेश (Bangladesh) के लोन चुकाने की अवधि को 20 साल से बढ़ाकर 30 साल कर दिया है. इतना ही नहीं, चीनी सरकार ने कर्ज के ब्याज दर को कम करने की कोशिश का वादा भी किया गया है. इस दौरान दोनों देशों ने चीन की महत्वाकांक्षी बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव (BRI) योजना के लिए भी प्रतिबद्धता जताई गई.

इसके बाद बांग्लादेश (Bangladesh) के विदेश मंत्रालय ने आधिकारिक बयान में कहा है कि तौहीद हुसैन ने चीन से कर्ज की ब्याज दर को 2-3 फीसदी से घटाकर 1 फीसदी करने, कमिटमेंट फी माफ और लोन चुकाने की अवधि को 20 साल से बढ़ाकर 30 करने का अनुरोध किया था और चीन (China) ने अवधि को बढ़ाने का अनुरोध स्वीकार कर लिया और ब्याज दर को घटाने की कोशिश करने का भी वादा किया है.

बांग्लादेश (Bangladesh) के विदेश मंत्री की यह यात्रा चीन की ओर झुकाव को रेखांकित करती है. क्योंकि वह पूर्वी एशियाई देशों के साथ आर्थिक और राजनीतिक संबंधों को गहरा करना चाहता है. खासकर तब जब भारत के साथ उसके संबंध तनावपूर्ण बने हुए हैं. विशेषज्ञों के अनुसार, आने वाले महीनों में चीन-बांग्लादेश (Bangladesh) के बीच और अधिक जुड़ाव की संभावना है. क्योंकि चीन (China) ने अपने हितों को आगे बढ़ाने के लिए मौजूदा अंतरिम सरकार का समर्थन करने का फैसला किया है. यूनुस सरकार को पैसे की जरूरत है और चीन (China) ने रणनीतिक रूप से चतुराई से उनका साथ देने का फैसला किया है.

हालांकि, चीन (China) हसीना के शासन के दौरान भारत की तुलना में शायद उन्हें आर्थिक रूप से अधिक समर्थन दे रहा था. लेकिन उसने नई सरकार के साथ अपने काम को जारी रखने का फैसला किया. जबकि भारत ने एक ऐसे राजनेता का साथ देने का फैसला किया, जिसकी पार्टी इस समय बेहद अलोकप्रिय है.

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, जापान, विश्व बैंक और एशियाई विकास बैंक के बाद चीन बांग्लादेश(Bangladesh) का चौथा सबसे बड़ा ऋणदाता है. जिसने 1975 से अब तक कुल 7.5 बिलियन डॉलर का लोन पड़ोसी मुल्क को दिया है. हालांकि, दोनों देशों के बीच जिन समझौतों को लेकर सहमति बनी है, वह अभी केवल मौखिक हैं और अभी तक कोई औपचारिक समझौता नहीं हुआ है.

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