चीन की नापाक हरकत सॅटॅलाइट तस्वीर में हुई कैद, पांगोंग झील के नजदीक कर रहा है खुदाई
पूर्वी लद्दाख में पांगोंग झील के पास LAC पर चीन द्वारा खुदाई करने की सॅटॅलाइट तस्वीरें आई सामने
China exposed: पूर्वी लद्दाख से चिंता करने वाली ख़बरें सामने आ रही है. मीडिया में आई रिपोर्ट के अनुसार चीन अपने विस्त्रवाद की करतूतों से बाज नहीं आ रहा है. कुछ सॅटॅलाइट तस्वीरों से ये दावा किया जा रहा है कि चीन लद्दाख की पांगोंग झील के नजदीक खुदाई कर रहा है., आशंका जताई जा रही है है कि ये खुदाई लम्बी अवधि के लिए की जा रही है, जिसमें कुछ हिस्से का पक्का निर्माण भी किया जा रहा है. ये दावा सॅटॅलाइट की मदद से दुनिया के कई प्रमुख भौगोलिक इलाकों पर नजर रखने वाली संस्था- ब्लैकस्काई की तरफ से जारी की गयी कुछ तस्वीरों के विश्लेषण के बाद किया गया है.
विश्लेषकों का कहना है कि इन तस्वीरों से पता चलता है 2021-2022 में चीनी सैनिकों ने इसी इलाके में सैन्य अड्डा बनाया था. ब्लैकस्काई के विश्लेषकों का मानना है कि चीन की सेना पूर्वी लद्दाख में पैंगोंग झील के आसपास के क्षेत्र में लम्बे समय से खुदाई कर रही है.
तस्वीर में दिखे छोटे व बड़े बंकर
सॅटॅलाइट तस्वीर जारी करने वाली फर्म ब्लैकस्काई द्वारा ये तस्वीरें 30 मई को ली गई थीं, इन तस्वीरों में आठ ढलान वाला प्रवेश द्वार स्पष्ट रूप से दिखाई दे रहा है. इस बड़े बंकर के पास ही पांच प्रवेश द्वारों वाला एक और छोटा बंकर भी है. ब्लैकस्काई के एक विश्लेषक ने कहा कि ये बंकर बेहद ही अत्याधुनिक प्रतीत हो रहे हैं. इतना ही नहीं इनके निर्माण में कुछ हिस्सों का पक्का निर्माण भी किया जा रहा है. इतना ही नहीं विश्लेषक ने ये भी दावा किया है कि सैन्य अड्डे में बख्तरबंद वाहन भंडारण सुविधा, परीक्षण रेंज, ईंधन और युद्ध सामग्री भंडारण भवनों का विस्तार किया गया है. ये बेस गलवान घाटी से 120 किमी से थोड़ा अधिक दक्षिण-पूर्व में स्थित है.
सिरजाप में है चीनी सेना का अड्डा
ज्ञात रहे कि रिपोर्ट्स के मुताबिक पांगोंग झील के उत्तरी किनारे पर सिरजाप में चीनी सेना पीपुल्स लिबरेशन आर्मी ( PLA ) का सैन्य अड्डा है. ये क्षेत्र लाइन ऑफ़ एक्चुअल कंट्रोल ( LAC ) से लगभग 5 किलोमीटर दूर है, जहाँ पर चीन ने सैन्य अड्डे का निर्माण किया है. इस जमीन पर भारत अपना दावा करता रहा है लेकिन चीन ने यहाँ सैनिक अड्डे का निर्माण किया है. गौर करने वाली बात ये है कि मई 2020 से पहले ये इलाका पूरी तरह से खाली था, लेकिन मई 2020 हुए गतिरोध के बाद ही इस तरह के निर्माण की शुरुआत हुई.