शी के सपनों पर लगेगा ग्रहण, क्या युद्ध जीतने में भ्रष्ट आर्मी कर पाएगी मदद

चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग की महत्वाकांक्षा को कौन नहीं जानता. लेकिन सवाल यह कि क्या वो अपनी दागदार फौज से अपने सपनों को पूरा कर पाएंगे.

By :  Lalit Rai
Update: 2024-06-28 18:13 GMT

दुनिया में चीन एक ऐसा मुल्क है जिसका अपने सभी पड़ोसियों से विवाद है. दूसरों की जमीन पर ललचाई नजर से देखना, कब्जे की नीयत,मदद के नाम पर किसी भी देश में घुस जाना यह सब उसकी पहचान है. लेकिन सवाल यह है कि चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग इस तरह का ख्वाब कैसे देखते हैं. क्या वो अपनी सेना की काबिलियत और निष्ठा के दम पर सोचते हैं. अब जब बात काबिलियत और निष्ठा की है तो यहीं अहम सवाल उठता है कि क्या उस सेना के दम पर कोई भी लड़ाई वो छेड़ कर जीत लेंगे जिसके दामन पर भ्रष्टाचार के दाग हैं.

ताकत तो मिली लेकिन चुनौती भी
चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना के संस्थापक माओ ज़ेडोंग के बाद चीन के सबसे शक्तिशाली नेता चुके हैं. 2023 में शी को चीन राष्ट्रपति के रूप में तीसरी दफा पांच साल का कार्यकाल मिला.इसका अर्थ यह कि उ
न्हें आजीवन सत्ता में बने रहने की राह मिल गई। लेकिन अब ऐसा लगता है कि शीदे, सत्ता पर अपनी मजबूत पकड़ बनाए रखने के लिए संघर्ष कर रहे हैं. चीन को सबसे बड़ी महाशक्ति बनाने का उनका सपना टूट रहा है क्योंकि चीन आर्थिक संकट में फंसा हुआ है और पश्चिमी शक्तियां खासतौर से अमेरिका उसे आर्थिक और सैन्य रूप से घेर रही हैं. साथ ही उनके शासन एक तरह से सड़ गल रहा है और वो असंतुष्टों और भ्रष्ट अधिकारियों को अपनी सेना से बाहर निकालने की कोशिश कर रहे हैं.

भ्रष्ट आर्मी पर शी कस रहे हैं नकेल
मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, सत्तारूढ़ चीनी कम्युनिस्ट पार्टी ने हाल ही में  भ्रष्टाचार विरोधी कार्रवाई' के तहत दो पूर्व रक्षा मंत्रियों को निष्कासित कर दिया है. निष्कासित किए गए दो मंत्रियों  ली शांगफू जिन्हें पिछले साल लापता होने के बाद बर्खास्त कर दिया गया था और उनके पूर्ववर्ती वेई फेंगहे पर पीपुल्स लिबरेशन आर्मी के सबसे खराब घोटाले के रूप में मुकदमा चलाया जाएगा.

भ्रष्ट जनरलों के खिलाफ अभियान के साथ शी अपने अधिकारियों को खुद के प्रति वफादार रखने के साथ-साथ पीएलए को दुनिया की सबसे बेहतरीन सेनाओं में से एक बनाने की कोशिश कर रहे हैं.  हाल ही में सेंट्रल मिलिट्री कमीशन पॉलिटिकल वर्क कॉन्फ्रेंस के दौरान, शी ने पीएलए में गहरी समस्याओं की बात की, जिसका मूल कारण आदर्श और विश्वास की कमी है. चीन के नेता के अनुसार, सही प्रतिक्रिया सभी स्तरों पर कर्मियों, विशेष रूप से वरिष्ठ कैडर के लिए "आत्मनिरीक्षण करना, आत्म-खोज चिंतन में संलग्न होना और ईमानदारी से सुधार करना" है।

'बंदूक की नाल हमेशा....'
स्टेट टेलीविजन के हवाले से शी ने जोर देकर कहा कि बंदूक की नाल हमेशा उन लोगों के हाथों में होनी चाहिए जो पार्टी के प्रति वफादार और विश्वसनीय हैं. और सेना में भ्रष्ट तत्वों के लिए छिपने की कोई जगह नहीं होनी चाहिए। चीन कई पड़ोसी देशों के साथ अपनी सैन्य ताकत दिखाने में लगा हुआ है. ताइवान को बलपूर्वक अपने साथ मिलाने की कसम खाता है. लेकिन शी को अपने सबसे वरिष्ठ अधिकारियों की वफादारी और ईमानदारी और युद्ध की तैयारी के उनके वादों के बारे में गहरा और स्थायी संदेह है.

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