US के डिफेंस-एरोस्पेस ऑटो, इलेक्ट्रॉनिक्स, सेमीकंडक्टर इंडस्ट्री को चीन ने दी सबसे बड़ी चोट

चीन ने अमेरिका को कई दुर्लभ रेयर अर्थ एलीमेंट्स, मेटल्स और मैगनेट्स के एक्सपोर्ट्स को सस्पेंड कर दिया है.;

Update: 2025-04-14 07:12 GMT
Donald Trump And Xi Jinping

US-China Trade War: तू डाल-डाल, मैं पात-पात. अमेरिका और चीन के बीच ऐसी ही नुराकुश्ती इन दिनों चल रही है. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के चीन पर रेसिप्रोकल टैरिफ लगाने के बाद से अमेरिका और चीन के बीच ट्रेड वॉर और तेज होता जा रहा है. अब चीन ने एक बार फिर से पटलवार क्या है. चीन ने अमेरिका को कई दुर्लभ रेयर अर्थ एलीमेंट्स, मेटल्स और मैगनेट्स के एक्सपोर्ट्स को सस्पेंड कर दिया है. अब चीन की सरकार इन चीजों के निर्यातों के लिए एक नया रेगूलेटरी ढांचा तैयार कर रही है.

चीन के इस फैसले से पश्चिमी देशों को हथियारों, इलेक्ट्रॉनिक्स, ऑटोमोबाइल्स, एयरोस्पेस निर्माण, सेमीकंडक्टर कंपनियों और कंज्यूमर गुड्स के लिए जरूरी सप्लाई की आपूर्ति बाधित होने की आशंका है. इन धातुओं की आवश्यकता जेट इंजनों, लेजरों, कार की हेडलाइट्स और कुछ स्पार्क प्लग और कैपेसिटर के निर्माण में होती है जो कंप्यूटर चिप्स के विद्युत घटक होते हैं और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस सर्वर और स्मार्टफोन को पावर देने का काम करते हैं. नए रेगूलेटरी ढांचे के तैयार होने तक कारों से लेकर मिसाइलों तक लगभग हर चीज के निर्माण में आवश्यक मैग्नेट्स की शिपमेंट चीन के कई बंदरगाहों पर रोक दी गई है. ये माना जा रहा है कि नए रेगुलेटरी फ्रेमवर्क के तैयार होने जाने के बाद चीन अमेरिकी मिलिट्री कॉन्ट्रैक्टर्स को स्थाई रूप से इन चीजों की सप्लाई पर रोक लगा सकता है.

चीन दुनिया के करीब 90 फीसदी दुर्लभ रेयर अर्थ एलीमेंट्स का प्रोडक्शन करता है और ये 17 तत्व रक्षा, इलेक्ट्रिक वाहन, ऊर्जा और इलेक्ट्रॉनिक्स उद्योगों में इस्तेमाल किए जाते हैं. सात श्रेणियों के मध्यम और भारी दुर्लभ पृथ्वी तत्वों को, जैसे कि सैमेरियम, गैडोलिनियम, टर्बियम, डिस्प्रोसियम, लुटेटियम, स्कैंडियम और इट्रियम से संबंधित वस्तुओं को, निर्यात नियंत्रण सूची में शामिल किया गया है. अमेरिका के पास ज्यादा ये सप्लाई चीन से की जाती है. चीन के इस फैसले से दोनों देशों के बीच जारी ट्रेड वॉर बढ़ने के आसार हैं तो अमेरिकी मैन्युफेक्चरिंग कंपनियों को इन महत्वपूर्ण खनिजों की नई आपूर्ति के लिए अन्य देशों की तलाश करनी होगी जिसके लिए वे चीन पर निर्भर थे. अब, इन धातुओं और उनसे बने विशेष मैग्नेट्स को चीन से केवल विशेष निर्यात लाइसेंस के जरिए ही बाहर भेजा जा सकता है.

चीन के इस कदम से ना केवल अमेरिका बल्कि दूसरे देश भी प्रभावित होंगे. ये माना जा रहा है कि चीन इन महत्वपूर्ण खनिजों के खनन और प्रसंस्करण में अपने प्रभुत्व को "हथियार" की तरह इस्तेमाल कर सकता है. अमेरिका की लॉकहीड मार्टिन, टेस्ला और एप्पल जैसी अमेरिकी कंपनियाँ अपनी सप्लाई चेन में चीनी दुर्लभ पृथ्वी तत्वों का उपयोग करती हैं. अमेरिकी सरकार के पास कुछ दुर्लभ पृथ्वी तत्वों का भंडार है, लेकिन वह डिफेंस कॉन्ट्रैक्टर्स के लंबे समय तक जरूरतें पूरी करने के लिए पर्याप्त नहीं है. चीन के बाहर केवल म्यांमार और लाओस में एक हीरेयर अर्थ एलीमेंट्स खनन संचालित है लेकिन उसमें चीन की गहरी भागीदारी है.

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