पाकिस्तान ने जिस चीनी मिसाइल का इस्तेमाल किया, उस पर चीन का टालमटोल

भारत के ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तान द्वारा इस्तेमाल चीन की जिस PL-15E मिसाइल का मलबा भारत में गिरा है, उसको लेकर उठे सवालों पर चीन टालमटोल करने लगा है।;

Update: 2025-05-29 16:51 GMT
चीन की बनी मिसाइल PL-15E का मलबा पंजाब के एक गांव में गिरा है और उस मलबे को कई देश रिसर्च के लिए चाहते हैं

चीन ने भारत और पाकिस्तान के बीच हालिया सैन्य टकराव में पाकिस्तान द्वारा इस्तेमाल किए गए चीनी हथियारों, विशेष रूप से PL-15E मिसाइल, की कार्यक्षमता को लेकर कोई टिप्पणी करने से इनकार कर दिया है।

चीनी प्रवक्ता ने दोनों देशों से संयम बरतने की अपील की और क्षेत्रीय शांति को लेकर चीन की प्रतिबद्धता दोहराई। यह प्रतिक्रिया भारत द्वारा पहलगाम हमले के बाद पाकिस्तान में आतंकी ढांचे पर की गई जवाबी कार्रवाई 'ऑपरेशन सिंदूर' के बाद आई है।

गौरतलब है कि चीन, पाकिस्तान का मुख्य रक्षा आपूर्तिकर्ता है और वह उसे उन्नत सैन्य उपकरण उपलब्ध कराता रहा है।

गुरुवार को चीनी रक्षा मंत्रालय ने उन हथियारों की कार्यक्षमता पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया, जो पाकिस्तान ने भारत के खिलाफ उपयोग किए, जिनमें PL-15E मिसाइल भी शामिल है। यह मिसाइल चीन की एडवांस बियॉन्ड-विजुअल-रेंज एयर-टू-एयर मिसाइल है, और हाल ही में अविस्फोटित अवस्था में बरामद हुई थी।

चीनी रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता सीनियर कर्नल झांग शियाओगांग ने मीडिया ब्रीफिंग में कहा, "जिस मिसाइल का आपने ज़िक्र किया है, वह एक निर्यात संस्करण है और इसे देश-विदेश की रक्षा प्रदर्शनियों में कई बार प्रदर्शित किया गया है।"

उन्होंने आगे कहा, "भारत और पाकिस्तान ऐसे पड़ोसी हैं जिन्हें हटाया नहीं जा सकता। हम आशा करते हैं कि दोनों पक्ष शांत और संयमित रहें और ऐसे कदमों से बचें जो तनाव को बढ़ा सकते हैं।"

झांग ने क्षेत्रीय शांति को बढ़ावा देने की चीन की स्थिति दोहराई और "स्थायी संघर्ष विराम" के लिए रचनात्मक भूमिका निभाने की इच्छा जताई।

भारत के लॉन्च किए गए  ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के दौरान पाकिस्तान द्वारा 8, 9 और 10 मई को किए गए जवाबी हमलों के दौरान चीनी हथियार प्रणालियों के अवशेष पाए गए, जिससे उनकी प्रभावशीलता पर सवाल उठने लगे हैं।

हालांकि चीन सरकार ने इन रिपोर्टों पर सीधे प्रतिक्रिया नहीं दी है, लेकिन चीनी सरकारी मीडिया ने भारत-पाक टकराव में खास दिलचस्पी दिखाई है, जो बीजिंग और इस्लामाबाद के गहरे सैन्य संबंधों को दर्शाता है।

स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट (SIPRI) के अनुसार, 2020 से 2024 के बीच पाकिस्तान के कुल हथियार आयात में से 81% चीन से आए। इनमें एडवांस फाइटर जेट्स, नौसैनिक जहाज, पनडुब्बियां और मिसाइल सिस्टम शामिल थे।

चीन और पाकिस्तान JF-17 फाइटर जेट का संयुक्त उत्पादन भी करते हैं, जो पाकिस्तान वायुसेना की रीढ़ है।

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