ट्रंप का दावा: 'भारत अब रूस से तेल नहीं खरीदेगा', विदेश मंत्रालय ने दिया जवाब

Donald Trump की यह टिप्पणी ऐसे समय में आई है, जब उन्होंने हाल ही में भारत को रूसी तेल खरीदने पर तीखी आलोचना का निशाना बनाया था.;

Update: 2025-08-02 01:41 GMT

India Russia oil trade: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने शनिवार को एक बड़ा बयान देते हुए कहा कि उन्हें जानकारी मिली है कि भारत अब रूस से तेल नहीं खरीदेगा. हालांकि, उन्होंने यह भी स्वीकार किया कि यह जानकारी कितनी सही है, इस पर उन्हें पूरी तरह यकीन नहीं है. ट्रंप ने कहा कि "मुझे ऐसा सुनने में आया है कि भारत अब रूस से तेल नहीं खरीदने वाला है. मुझे नहीं पता यह सही है या नहीं, लेकिन यह एक अच्छा कदम है. देखते हैं आगे क्या होता है.

ट्रंप की यह टिप्पणी ऐसे समय में आई है, जब उन्होंने हाल ही में भारत को रूसी तेल खरीदने पर तीखी आलोचना का निशाना बनाया था. इसके साथ ही व्हाइट हाउस ने अमेरिका को होने वाले सभी भारतीय निर्यात पर 25% टैरिफ लगाने और रूस से ऊर्जा खरीदने के लिए एक अतिरिक्त "दंड" लगाने का संकेत भी दिया है.

ट्रंप का भारत पर हमला

ट्रंप ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म "ट्रुथ सोशल" पर भारत को विश्व में सबसे अधिक शुल्क लगाने वाला देश बताया और कहा कि भारत अब भी यूक्रेन युद्ध के बीच रूस से सैन्य उपकरण और ऊर्जा खरीद रहा है. उन्होंने भारतीय व्यापार नीतियों को "अत्यधिक अनुचित" (obnoxious) बताया. भारत, जो दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा तेल आयातक है, रूस के समुद्री कच्चे तेल का सबसे बड़ा खरीदार बना हुआ है. यह राजस्व रूस के लिए बेहद महत्वपूर्ण है. मीडिया रिपोर्ट में दावा किया गया है कि भारत की सरकारी तेल कंपनियों ने पिछले एक हफ्ते में रूस से कोई नया तेल ऑर्डर नहीं दिया है.

भारत का जवाब

भारत के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने शुक्रवार को भारत की रूस से ऊर्जा और रक्षा उपकरणों की खरीद को लेकर सवालों का जवाब देते हुए कहा कि भारत और रूस के बीच एक स्थिर और समय की कसौटी पर खरी उतरी साझेदारी है. भारत और अमेरिका के बीच साझेदारी साझा हितों, लोकतांत्रिक मूल्यों और मजबूत जन-संपर्क पर आधारित है. यह संबंध समय-समय पर आई चुनौतियों और बदलावों को पार करता आया है.

उन्होंने यह भी कहा कि हम दोनों देशों के बीच तय किए गए ठोस एजेंडे पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं और हमें पूरा विश्वास है कि यह संबंध आगे भी मजबूत होता रहेगा. जायसवाल ने भारत-अमेरिका के बीच बढ़ती रक्षा साझेदारी की संभावनाओं की ओर भी इशारा किया और बताया कि दोनों देशों के संबंध बीते वर्षों में कई परीक्षाओं से गुजरकर और भी मज़बूत हुए हैं.

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