अमेरिका का नया ढाल अब बनेगा मिसाइलों का काल! जानें क्या है ट्रंप का 'गोल्डन डोम' प्रोजेक्ट?

Golden Dome: ट्रंप ने बैलिस्टिक मिसाइलों से रक्षा के लिए एक शील्ड बनाने की बात की. जो सबसे जटिल हथियार प्रणालियों में से एक मानी जाती है.;

Update: 2025-03-05 16:55 GMT

Golden Dome system: राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अमेरिका को "भविष्य की सबसे शक्तिशाली सेना" बनाने का वादा किया है. इसके तहत उन्होंने एक 'गोल्डन डोम' प्रणाली विकसित करने की बात कही है. यह प्रणाली इजरायल के 'आयरन डोम' मिसाइल रक्षा प्रणाली की तरह होगी.

ट्रंप ने बैलिस्टिक मिसाइलों से रक्षा के लिए एक शील्ड बनाने की बात की. जो सबसे जटिल हथियार प्रणालियों में से एक मानी जाती है. इसके लिए आवश्यक तकनीकी विकास और ऑपरेशनलाइजेशन की चुनौतिया बेहद बड़ी हैं. ट्रंप ने कहा कि यह एक खतरनाक दुनिया है और अमेरिका को अपनी नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करनी चाहिए, जैसा कि इजरायल और अन्य देशों ने किया है.

आयरन डोम से मिलता-जुलता होगा?

ट्रंप ने कहा कि 1980 के दशक में अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति रोनाल्ड रीगन ने भी एक ऐसी मिसाइल रक्षा प्रणाली विकसित करने की योजना बनाई थी. लेकिन तकनीकी कारणों से इसे लागू नहीं किया जा सका. वह संभवतः रीगन की "स्ट्रैटेजिक डिफेंस इनिशिएटिव" (SDI) का जिक्र कर रहे थे, जिसे 1983 में घोषित किया गया था. इस योजना का उद्देश्य रूसी इंटरकांटिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइलों को नष्ट करने के लिए अंतरिक्ष-आधारित 'लेजर' हथियारों का इस्तेमाल करना था. हालांकि, सोवियत संघ के विघटन के बाद इसे अप्रचलित माना गया.

ट्रंप के गोल्डन डोम में विभिन्न प्रकार की मिसाइल रक्षा प्रणालियां शामिल हो सकती हैं, जिनमें प्रमुख हैं:-

स्पेस-बेस्ड इन्फ्रारेड सिस्टम (SBIRS)

यह प्रणाली मिसाइलों और अन्य हवाई खतरों का पता लगाने में मदद करती है. SBIRS सैटेलाइट के द्वारा मिसाइल लॉन्च की प्रारंभिक चेतावनी प्राप्त की जाती है और यह ज़मीन-आधारित राडारों के साथ काम करती है, जिससे मिसाइलों का पता लगाना आसान होता है.

ग्राउंड-बेस्ड मिडकोर्स डिफेंस (GMD)

यह प्रणाली बैलिस्टिक मिसाइलों के खिलाफ अमेरिका की मुख्य रक्षा तंत्र है. GMD का उपयोग अलास्का और कैलिफोर्निया में तैनात इंटरसेप्टर मिसाइलों द्वारा किया जाता है.

एजिस बैलिस्टिक मिसाइल डिफेंस (BMD)

यह एक समुद्र और भूमि-आधारित प्रणाली है. जो छोटे से मध्य-सीमा के बैलिस्टिक मिसाइलों का मुकाबला करती है. युद्धपोतों के माध्यम से यह प्रणाली हमला करने वाली मिसाइलों को नष्ट करने का कार्य करती है.

टर्मिनल हाई अल्टीट्यूड एरिया डिफेंस (THAAD)

यह एक मोबाइल, भूमि-आधारित प्रणाली है, जो छोटे, मध्य और इंटर्मीडिएट-रेंज बैलिस्टिक मिसाइलों को उनके टर्मिनल चरण में इंटरसेप्ट करती है. THAAD तकनीक "हिट-टू-किल" पर आधारित है, यानी यह रक्षा मिसाइलें हमलावर मिसाइल से टकराकर उसे नष्ट कर देती हैं. इस प्रणाली का उपयोग इजरायल में भी किया जा रहा है और दिसंबर में इसे यमन से दागी गई बैलिस्टिक मिसाइल को रोकने के लिए इस्तेमाल किया गया था.

पैट्रियट एडवांस्ड कैपेबिलिटी-3 (PAC-3)

यह मिसाइल प्रणाली छोटी रेंज की बैलिस्टिक मिसाइलों के खिलाफ उपयोग होती है. इसे विशेष रूप से एशिया क्षेत्र में चीन द्वारा संभावित हाइपरसोनिक हथियारों के खतरे को रोकने के लिए तैयार किया जा रहा है.

इजरायल का आयरन डोम

इजरायल का आयरन डोम 2007 में विकसित होना शुरू हुआ और 2011 में सक्रिय हुआ. यह प्रणाली एक मल्टी-टियर सिस्टम है. जिसमें 'आयरन डोम' मुख्य सुरक्षा तंत्र है. इसके अतिरिक्त 'डेविड्स स्लिंग' और 'Arrow-2' तथा 'Arrow-3' जैसी प्रणाली लंबी दूरी की बैलिस्टिक मिसाइलों को नष्ट करने में मदद करती हैं. अमेरिका ने Arrow-2 प्रणाली के विकास में महत्वपूर्ण वित्तीय सहयोग प्रदान किया था. साल 2020 तक अमेरिका का कुल योगदान $3.7 बिलियन से अधिक था. जो इस प्रणाली के विकास और कार्यान्वयन में अहम रहा.

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