यूरोप को ट्रंप की नसीहत, मॉस्को से दूरी बनाओ वरना नुकसान उठाओगे

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने यूरोप से रूसी तेल खरीद रोकने और चीन पर कड़े प्रतिबंध की मांग की। भारत को आलोचना से अलग रखकर नए समझौते के संकेत दिए।;

Update: 2025-09-15 04:14 GMT

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप एक बार फिर रूस के तेल व्यापार को लेकर सक्रिय हो गए हैं। उन्होंने यूरोपीय सहयोगियों पर दबाव बनाया है कि वे रूस से तेल खरीदना बंद करें और मौजूदा प्रतिबंधों को और कड़ा करें। ट्रंप का कहना है कि अभी तक लगाए गए प्रतिबंध पर्याप्त सख्त नहीं हैं।

ट्रंप पहले भी चीन और भारत को रूस से तेल खरीदने पर कठघरे में खड़ा कर चुके हैं। भारत पर तो उन्होंने रूस से बड़े पैमाने पर तेल खरीद करने का आरोप लगाते हुए 50 प्रतिशत टैरिफ भी लगाया था। हालांकि, ताज़ा घटनाक्रम में ट्रंप ने भारत को आलोचना से अलग रखा है। माना जा रहा है कि अमेरिका और भारत एक अलग समझौते की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं।

यूरोप पर कड़ा संदेश

रविवार को पत्रकारों से बातचीत में ट्रंप ने कहा यूरोप रूस से तेल खरीद रहा है। मैं नहीं चाहता कि वे ऐसा करें। जो प्रतिबंध लगाए गए हैं, वे पर्याप्त सख्त नहीं हैं। मैं तो प्रतिबंध लगाने के लिए तैयार हूं, लेकिन उन्हें भी मेरे बराबर सख्ती करनी होगी। ट्रंप का तर्क है कि तेल बिक्री से रूस को आर्थिक लाभ हो रहा है और इससे मॉस्को को युद्ध जारी रखने की क्षमता मिल रही है। उन्होंने लगातार भारत, चीन और अब यूरोपीय देशों को निशाना बनाया है कि वे रूस से तेल खरीदकर उसकी मदद कर रहे हैं।

नाटो से चीन पर प्रतिबंध लगाने की मांग

ट्रंप ने हाल ही में नाटो सहयोगियों से अपील की कि वे चीन पर 50 से 100 प्रतिशत तक के कड़े प्रतिबंध लगाएं। उनका आरोप है कि चीन रूस को फंडिंग कर रहा है और यूक्रेन युद्ध में उसकी सैन्य क्षमता को मजबूत कर रहा है।चीन ने इस पर अप्रत्यक्ष जवाब दिया। चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने कहा कि उनका देश हॉट-स्पॉट मुद्दों को सुलझाने के लिए शांति वार्ता को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है। वांग ने यह भी दोहराया कि युद्ध किसी समस्या का समाधान नहीं है और प्रतिबंध स्थिति को और जटिल बना देंगे।

चीन का रुख और यूरोप संग सहयोग

वांग यी ने स्पष्ट किया कि चीन न तो युद्धों में हिस्सा लेता है और न ही उन्हें भड़काता है। उन्होंने संवाद पर जोर देते हुए यूरोप के साथ और गहरे सहयोग की अपील की। वांग ये बयान स्लोवेनिया की विदेश मंत्री तान्या फाजोन से मुलाकात के दौरान दिए।

भारत पर चुप्पी, नए समझौते के संकेत

दिलचस्प बात यह है कि इस बार ट्रंप ने भारत को आलोचना से बाहर रखा। माना जा रहा है कि वॉशिंगटन और नई दिल्ली किसी अलग समझौते पर काम कर रहे हैं। इससे यह भी संकेत मिलता है कि आने वाले दिनों में अमेरिका-भारत संबंधों में नए समीकरण देखने को मिल सकते हैं।

Tags:    

Similar News