ईरान में आया भूकंप या परमाणु टेस्ट का संकेत? उठने लगे गंभीर सवाल

Iran Nuclear Tension: फिलहाल ईरान के अधिकारी और वैश्विक वैज्ञानिक समुदाय इस भूकंप को प्राकृतिक टेक्टोनिक गतिविधि मान रहे हैं. लेकिन एक ऐसे क्षेत्र में जहां पहले से ही सैन्य तनाव चरम पर है, यह घटना एक नई अनिश्चितता लेकर आई है.;

Update: 2025-06-21 15:47 GMT

Iran Earthquake: ईरान की धरती एक बार फिर कांप उठी, लेकिन इस बार महज भूकंप से नहीं — बल्कि उस शक से भी, जो इस झटके के पीछे 'परमाणु राज' छुपे होने की तरफ इशारा कर रहा है. शुक्रवार को सेमनान प्रांत में आए 5.1 तीव्रता के भूकंप ने न सिर्फ़ इमारतें हिलाईं, बल्कि पूरे पश्चिम एशिया की राजनीति को भी एक बार फिर अस्थिर कर दिया है।.ऐसे समय में जब इजरायल ईरान पर लगातार हवाई हमले कर रहा है, इस भूकंप की टाइमिंग और जगह ने दुनिया भर मेंचिंता बढ़ा दी है.

ईरान के उत्तरी हिस्से में शुक्रवार को 5.1 तीव्रता का भूकंप आया, जिसकी पुष्टि यूएस जियोलॉजिकल सर्वे (USGS) ने की है. यह घटना ऐसे समय हुई है, जब इजरायल ईरान पर लगातार हवाई हमले कर रहा है, जिससे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर यह आशंका गहराने लगी है कि इस भूकंप का संबंध कहीं ईरान के विवादास्पद परमाणु कार्यक्र से तो नहीं. भूकंप का केंद्र सेमनान शहर से लगभग 37 किलोमीटर दक्षिण-पश्चिम में था और इसकी गहराई 10 किलोमीटर बताई गई है. हालांकि, ईरान की सरकारी समाचार एजेंसी IRNA ने इस भूकंप को "मामूली" बताते हुए किसी जान-माल के नुकसान से इनकार किया है.

ईरानी मीडिया ने बताई 5.5 तीव्रता

ईरान के सरकारी टेलीविज़न ने यूएसGS से अलग जानकारी देते हुए भूकंप की तीव्रता 5.5 दर्ज की और इसका केंद्र सेमनान प्रांत के सर्खेह शहर के पास बताया। यह झटके राजधानी तेहरान में भी महसूस किए गए, जो प्रभावित क्षेत्र से लगभग 150 किलोमीटर दूर स्थित है.

परमाणु टेस्ट की आशंका

इजरायल-ईरान तनाव के बीच इस भूकंप के समय ने सोशल मीडिया और सुरक्षा विशेषज्ञों के बीच अटकलों को जन्म दिया है कि कहीं यह गुप्त भूमिगत परमाणु परीक्षण का नतीजा तो नहीं. हालांकि, इस दावे की कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है. सेमनान प्रांत, जहां यह भूकंप आया, ईरान की परमाणु और मिसाइल परियोजनाओं का एक महत्वपूर्ण केंद्र माना जाता है. यहां का सेमनान स्पेस सेंटर ईरान के सैटेलाइट और बैलिस्टिक मिसाइल कार्यक्रमों के लिए अहम है और यह स्थल फोर्दो और नतान्ज़ परमाणु प्लांट के भी काफी करीब है.

ईरान के परमाणु कार्यक्रम का इतिहास

ईरान का परमाणु कार्यक्रम 1950 के दशक में अमेरिकी समर्थन वाले "Atoms for Peace" कार्यक्रम के तहत शुरू हुआ था. लेकिन समय के साथ यह पश्चिम एशिया की सबसे विवादास्पद मुद्दों में से एक बन गया है. साल 2015 में हुआ JCPOA (परमाणु समझौता) 2018 में अमेरिका की एकतरफा वापसी के बाद विफल हो गया, जिसके बाद ईरान की गतिविधियों पर संदेह और बढ़ गया.

भूकंप या भू-राजनीतिक संकेत?

ईरान भौगोलिक नजरिये से प्राकृतिक भूकंप क्षेत्र में आता है. लेकिन चूंकि यह भूकंप संवेदनशील परमाणु साइटों के करीब हुआ, इसलिए गंभीर भू-राजनीतिक अटकलें शुरू हो गई हैं. विशेषज्ञों का मानना है कि अगर भूकंप और किसी प्रकार के परमाणु परीक्षण के बीच कोई संबंध साबित होता है तो यह इजरायल-ईरान तनाव को और भड़का सकता है, साथ ही अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं जैसे IAEA (अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी) पर तत्काल जांच का दबाव बना सकता है.

'प्राकृतिक' भूकंप?

फिलहाल ईरान के अधिकारी और वैश्विक वैज्ञानिक समुदाय इस भूकंप को प्राकृतिक टेक्टोनिक गतिविधि मान रहे हैं. लेकिन एक ऐसे क्षेत्र में जहां पहले से ही सैन्य तनाव चरम पर है, यह घटना एक नई अनिश्चितता लेकर आई है.

Tags:    

Similar News