फिलीस्तीनियों की वापसी बनाम इजरायली दुविधा: संघर्ष विराम के बीच उठते सवाल
यह देखना बाकी है कि संघर्ष विराम कितने दिन चलता है। लेकिन गाज़ा की तबाही, मानव संकट और राजनीतिक अनिश्चितता के बीच फिलहाल राहत की एक उम्मीद दिख रही है।
गाज़ा पट्टी में दो साल से चल रहे संघर्ष के बाद लागू हुआ संघर्षविराम शनिवार को दूसरे दिन भी प्रभावी रहा। हजारों फिलीस्तीनी नागरिक अपने तबाह हो चुके इलाकों में लौटे, जबकि इजरायल में लोग सोमवार को बाकी बचे बंधकों की संभावित रिहाई की खबर पर खुशी मना रहे हैं।
गाज़ा में तबाही के बीच लौटे लोग
गाज़ा सिटी के निवासी महमूद अल-शंदोघली ने कहा कि गाज़ा पूरी तरह से तबाह हो चुका है। हमें नहीं पता कि अब कहाँ जाएं या कहां रहें। बुलडोज़र मलबे को हटाने में लगे हैं और एक बच्चा खंडहरों पर चढ़कर फिलीस्तीनी झंडा फहरा रहा है।
बंधकों और कैदियों की अदला-बदली
सोमवार से हमास गाज़ा में मौजूद 48 इजरायली बंधकों को रिहा करेगा, जिनमें से लगभग 20 के जीवित होने की संभावना है। जवाब में इजरायल लगभग 2,000 फिलीस्तीनी कैदियों को छोड़ेगा। इनमें 250 सजायाफ्ता कैदी हैं और करीब 1,700 लोगों को बिना किसी आरोप के हिरासत में रखा गया है। इजरायली जेल सेवा के अनुसार, कैदियों को ओफर और केत्सिओत जेलों में स्थानांतरित किया गया है, जहां वे राजनीतिक निर्देशों की प्रतीक्षा कर रहे हैं।
अमेरिकी निगरानी
लगभग 200 अमेरिकी सैनिक इजरायल पहुंचे हैं, जो संघर्षविराम की निगरानी करेंगे। अमेरिकी सेंट्रल कमांड के प्रमुख एडमिरल ब्रैड कूपर ने बताया कि यह प्रयास बिना अमेरिकी सैनिकों के गाज़ा में प्रवेश किए पूरा होगा। गाज़ा में अमेरिकी और इजरायली सैन्य अधिकारियों की बैठक हुई है।
गाज़ा शांति सम्मेलन और नई सुरक्षा योजना
मिस्र के राष्ट्रपति कार्यालय ने पुष्टि की कि अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप सोमवार को गाज़ा और मध्य पूर्व शांति सम्मेलन की सह-अध्यक्षता करेंगे। फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों भी सोमवार को मिस्र की यात्रा करेंगे। ट्रंप की 20-बिंदुओं वाली योजना में इजरायल को गाज़ा में सीमित सैन्य उपस्थिति बनाए रखने की बात कही गई है, जबकि गाज़ा के अंदर सुरक्षा की जिम्मेदारी मुस्लिम और अरब देशों की अंतरराष्ट्रीय टुकड़ियों को सौंपी जाएगी।
संघर्षविराम समझौते के अहम बिंदु
* हमास को 72 घंटों में रिहा न होने वाले बंधकों के शवों की जानकारी साझा करनी होगी।
* इजरायल को गाज़ा के मृत फिलीस्तीनियों के शवों की जानकारी देनी होगी।
* यह जानकारी रेड क्रॉस और मध्यस्थों की सहायता से साझा की जाएगी।
* बंधकों और कैदियों की अदला-बदली मीडिया कवरेज के बिना की जाएगी।
गाज़ा का भविष्य अनिश्चित
सबसे बड़ा सवाल यह बना हुआ है कि इजरायली सेना की वापसी के बाद गाज़ा पर शासन कौन करेगा। क्या हमास हथियार डालेगा? प्रधानमंत्री नेतन्याहू ने संकेत दिया है कि यदि हमास ने समझौते का उल्लंघन किया तो सैन्य अभियान फिर शुरू हो सकता है।
गाज़ा में लाशों की खोज जारी
गाज़ा के शिफा अस्पताल के एक अधिकारी ने बताया कि पिछले 24 घंटों में मलबे से 45 शव निकाले गए हैं। ये शव कई दिनों से लापता थे। मानवाधिकार संगठनों ने इजरायल से और अधिक सहायता मार्ग खोलने की अपील की है। संयुक्त राष्ट्र के अनुसार, रविवार से अधिक मात्रा में सहायता सामग्री पहुंचाई जाएगी। विश्व खाद्य कार्यक्रम (WFP) 145 खाद्य वितरण केंद्र फिर से खोलने की तैयारी में है।
बंधक रिहाई पर परिवारों की पीड़ा
बंधकों की रिहाई पर जश्न के बीच कई परिवारों के लिए यह एक पीड़ादायक समझौता है, क्योंकि उनकी नजर में हत्यारों की रिहाई एक खतरा है। 2010 में एक हमले में 18 बार चाकू से घायल हुई ताल हारतूव ने कहा कि मैं खुश हूं कि बंधक लौट रहे हैं, लेकिन मैं गुस्से और खालीपन से भी भरी हूं।
2003 हाइफा बम धमाके की पीड़ा
बस 37 धमाके में अपने बेटे को खोने वाले योसी ज़ूर ने पहले कैदी रिहाई का विरोध किया था। लेकिन अब कहते हैं कि इस बार इतने लोग बंधक बनाए गए कि विरोध करना व्यर्थ है। हमें उन्हें वापस लाना ही होगा। रॉन केहरमैन की बेटी ताल भी बस 37 हमले में मारी गई थी। वे कहते हैं कि अगर एक आतंकवादी जानता है कि वह रिहा हो सकता है तो वह क्यों नहीं हमला करेगा? उनका मानना है कि आतंकियों की रिहाई का यह सिलसिला अब बंद होना चाहिए।