पहले कोरोना अब एचपीएमवी, आखिर इनका नाता चीन से ही क्यों?
HPMV Case: भारत में एचपीएमवी के केस मिलने के बाद डर बढ़ गया है, लोगों को कोरोना वाले दिन याद आ रहे हैं। हालांकि सरकार ने स्पष्ट किया है कि डरने की जरूरत नहीं है।;
HPMV News: भारत में एचपीएमवी के दो केस बेंगलुरु से सामने आए हैं। ये दोनों मामले 3 महीने और 8 महीने के बच्चों से जुड़े हुए हैं। 3 महीने के बच्चे का इलाज के बाद डिस्चार्ज कर दिया गया है। इन सबके बीच गुजरात में भी दो महीने का बच्चा संक्रमित मिला है। अब चिंता बढ़ गई है कि कहीं कोरोना (Covid 19) जैसा कालखंड तो नहीं देखना पड़ेगा। याद करिए साल 2019 आखिरी महीने के जब कोरोना ने पांव पसारने शुरू कर दिए थे। शायद ही कोई देश बचा हो, शायद ही कोई परिवार बचा हो जिसने अपने सगे संबंधियों को ना खोया हो। 2020 से लेकर 2022 के आखिर तक निराशा का भाव था, हालांकि अच्छी बात ये थी कि वैक्सीन, कोरोना वायरस को लगाम लगाने में कामयाब हुआ। कोरोना का नाता चीन से जोड़ा गया और एक बार फिर सबसे पहले एचपीएमवी के मामले चीन में ही देखे गए ऐसे में सवाल उठता है कि इतने खतरनाक वायरस चीन से ही क्यों आते हैं।
पांच साल पहले चीन के वुहान शहर से कोरोना वायरस (Coronavirus) ने पांव पसारा। तबाही का आलम आप ऐसे समझिए कि दुनिया में 71 लाख लोग काल के गाल में समा गए। यह तो आधिकारिक आंकड़ा है। रिपोर्ट के मुताबिक करीब 700 साल पहले चीन की धरती से प्लेग या ब्लैक डेथ थी जिसने ना सिर्फ एशिया बल्कि अफ्रीका और यूरोप को भी तबाह कर दिया। अनुमान लगाया जाता है कि 7.5 करोड़ लोगों की जान चली गई थी। 19वी सदी तक प्लेग की जितनी लहरे शुरू हुईं सबका नाता चीन से ही था। यानी 1918, 1957, 2002 और 2019 में महामारी फैलने के लिए चीन जिम्मेदार है।
1957 से 1959 का कालखंड था। चीन से एशियन फ्लू (Asian Flu) नाम की महामारी फैली औकक उसकी वजह 2 साल के भीतर 20 लाख लोगों की मौत हो गई। इससे पहले साल 1918 में स्पेनिश फ्लू (Spanish Flu) फैला था। उस समय दुनिया विश्व युद्ध का सामना कर रहा था। यह पुख्ता तो नहीं कि स्पेनिश फ्लू का नाता चीन से ही था लेकिन दावा किया गया कि उसका जन्म भी चीन में हुआ था। उस फ्लू से 2 करोड़ से 5 करोड़ के बीच लोग मारे गए। अमेरिकी का सीडीसी (US CDC Report) तो 500 मिलियन यानी दुनिया की 30 फीसद आबादी इसके चपेट में थी। 2002 में सॉर्स से कहर बरपाया जिसका नाता चीन से था।
अब चीन ही वजह क्यों
रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि चीन की घनी आबादी (China Dense Population) वायरस के फैलने की बड़ी वजह है। यहां लोग जानवरों के साथ खुले संपर्क में रहते हैं साफ सफाई कि दिक्कत है। दक्षिण मध्य चीन वायरस की ब्रीडिंग के लिए बेहतर माहौल बनाता है। पशुपालन होता है, किसान अपने पशुओं को वेट बाजार लाते हैं और उसकी वजह से दूसरे विदेशी जानवर भी संपर्क में आ जाते हैं। चीन में लोग ताजे मीट के शौकीन हैं, खुले में मीट काटना आम बात है और उसकी वजह से भी वायरस फैलने का खतरा बढ़ जाता है।
चीन के लोग पारंपरिक दवा पद्धति में अधिक भरोसा करते हैं। इलाज के लिए एक्यूपंचर या गैर प्रभावी हर्बल दवाओं का इस्तेमाल होता है। रोग के इलाज में जानवरों से जुड़े उपाय बताए जाते हैं इसमें जानवरों की मौत हो जाती है और यह भी वायरस फैलने का बड़ा कारण बनता है। चीन से जो ताजा वायरस फैला है उसे ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (HPMV Kya Hai) कहते हैं। इसके लक्षण सर्दी जुकाम की तरह ही होते हैं, खांसी, गले में घरघराहट, गले में खराश और नाक बहने की शिकायत रहती है।