बांग्लादेश द्वारा सीमा पर तुर्की निर्मित ड्रोन तैनात करने से भारत सतर्क: रिपोर्ट

यह घटनाक्रम प्रधानमंत्री शेख हसीना के अपदस्थ होने और उनके भारत चले जाने के बाद बांग्लादेश में भारत विरोधी भावनाओं में आई तेजी के बाद हुआ है।;

Update: 2024-12-06 10:16 GMT

India Bangladesh : पश्चिम बंगाल की सीमा से सटे बांग्लादेश द्वारा तुर्की निर्मित बेरक्तार टीबी2 ड्रोन तैनात किए जाने के बाद भारत ने इस घटनाक्रम पर कड़ी नजर रखने और जरूरी जवाबी कदम उठाने का निर्णय लिया है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, भारत सरकार इन क्षेत्रों में बढ़ती इस्लामी ताकतों और चरमपंथी गतिविधियों को लेकर सतर्क है।


बेरक्तार टीबी2 ड्रोन की तैनाती

सूत्रों के अनुसार, बांग्लादेश ने खुफिया जानकारी, निगरानी और टोही मिशनों के लिए इन उन्नत ड्रोनों का उपयोग शुरू कर दिया है। बताया जा रहा है कि बांग्लादेश की सेना द्वारा संचालित 12 में से 6 ड्रोन पहले ही सक्रिय हो चुके हैं। इन ड्रोनों की तैनाती ने भारत के खुफिया और सैन्य तंत्र को अलर्ट पर ला दिया है।

भारत विरोधी भावनाओं का उभार

यह घटनाक्रम ऐसे समय में हुआ है जब बांग्लादेश में प्रधानमंत्री शेख हसीना को पद से हटाए जाने के बाद भारत विरोधी भावनाओं में तेजी से वृद्धि हुई है। 5 अगस्त को हसीना के भारत दौरे के बाद, चरमपंथी तत्व और आतंकवादी समूह, जो उनके कार्यकाल में दबे हुए थे, अब सीमा के पास सक्रिय हो रहे हैं।

सीमा पर आतंकवादी गतिविधियां और तस्करी

खुफिया एजेंसियों की रिपोर्ट में कहा गया है कि बांग्लादेश की राजनीतिक अस्थिरता का फायदा उठाकर आतंकवादी समूह और तस्करी नेटवर्क भारतीय क्षेत्रों में घुसपैठ करने की कोशिश कर रहे हैं। सीमा के इन संवेदनशील क्षेत्रों में संदिग्ध गतिविधियों और हथियारों की तस्करी के मामले बढ़ रहे हैं।

भारत की सतर्कता और रणनीति

भारतीय सैन्य और खुफिया एजेंसियां इन घटनाओं पर लगातार नजर बनाए हुए हैं। एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, "राजनीतिक अस्थिरता और सीमा पर यूएवी की तैनाती के चलते हमें अतिरिक्त सतर्कता बरतने की आवश्यकता है।" भारतीय सेना ने यह भी संकेत दिया है कि जरूरत पड़ने पर सीमावर्ती क्षेत्रों में निगरानी और सुरक्षा को और सख्त किया जाएगा।

भविष्य की स्थिति

विशेषज्ञों का मानना है कि भारत को इस स्थिति से निपटने के लिए रणनीतिक और कूटनीतिक कदम उठाने होंगे। बांग्लादेश की बदलती राजनीति और वहां के चरमपंथी संगठनों की गतिविधियों को लेकर भारत को अपनी सीमाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए तकनीकी और सैन्य उपायों को मजबूत करना होगा।

भारत और बांग्लादेश के बीच 4,096 किलोमीटर लंबी सीमा पर तनाव बढ़ने से क्षेत्रीय स्थिरता पर खतरे के बादल मंडरा रहे हैं। अब यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि भारत सरकार इस चुनौती से कैसे निपटती है। 


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