भारत के साथ खड़ा विश्व समुदाय, मुस्लिम देश भी नहीं आए पाकिस्तान के साथ
India diplomacy: भारत ने पहलगाम हमले के बाद न सिर्फ डिप्लोमैटिक मोर्चे पर मजबूती दिखाई. वहीं, पाकिस्तान अपने झूठे प्रचार और आतंक समर्थक छवि के कारण अकेला पड़ते जा रहा है.;
Pahalgam terror attack: पहलगाम में हुए निर्दोष लोगों पर आतंकी हमले के बाद भारत को दुनिया के कई बड़े देशों से पूरा समर्थन मिल रहा है। वहीं, पहले से ही आर्थिक संकट से घिरा पाकिस्तान अब अंतरराष्ट्रीय मंच पर अलग-थलग पड़ता दिख रहा है. इस हमले के बाद जहां अमेरिका, रूस, इस्राइल, ब्रिटेन, फ्रांस और जापान ने भारत के रुख का समर्थन किया है. वहीं, सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात जैसे प्रमुख मुस्लिम देशों ने भी भारत से रिश्ते मजबूत किए हैं और पहले की तरह अब ये देश पाकिस्तान का खुलकर समर्थन नहीं कर रहे.
भारत की सधी रणनीति
भारत ने इस बार भी अपनी डिप्लोमैसी (कूटनीति) को सधे हुए ढंग से आगे बढ़ाया है. मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो अब आतंकवाद पर दुनिया का नजरिया बदल रहा है. अब कोई भी देश दोहरे मापदंड नहीं अपना सकता है. पहलगाम हमला निर्दोष लोगों की बेरहमी से हत्या का मामला है. इसलिए भारत को जवाबी कार्रवाई का पूरा हक है. लेकिन भारत का रुख साफ है कि यह कार्रवाई आतंकवाद के खिलाफ है, न कि किसी देश विशेष के खिलाफ.
भारत का पक्ष
विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने जी-20 देशों के राजनयिकों से बातचीत कर भारत की स्थिति स्पष्ट की, जिसे व्यापक तौरपर समर्थन मिला है. 2019 में जब भारत ने जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाया, तब भी पाकिस्तान ने मुस्लिम देशों को अपने पक्ष में लाने की कोशिश की थी. लेकिन तब भी सऊदी अरब और यूएई ने पाकिस्तान का साथ नहीं दिया. आज भारत के इंडोनेशिया, तुर्किये और कतर जैसे मुस्लिम देशों से भी अच्छे संबंध हैं. इसलिए पाकिस्तान को इनका भी समर्थन मिलना मुश्किल है.
पाकिस्तान की गिरती साख
पिछले 15 सालों में भारत की अंतरराष्ट्रीय छवि मजबूत हुई है. वहीं, पाकिस्तान की विश्वसनीयता कमजोर हुई है. रूस को युद्ध के समय भारत की जरूरत है और अमेरिका भी व्यापारिक मुद्दों में भारत से सहयोग चाहता है. खाड़ी देश भी अब भारत के नजदीक हैं.