कैसे दो असीमों ने पाकिस्तान को युद्ध के कगार पर ला खड़ा किया?
जब PAK सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर जाफर एक्सप्रेस हमले का ‘बदला’ लेना चाहते थे, तब उनके करीबी और ISI प्रमुख असीम मलिक को पहलगाम हमले की जानकारी पहले से ही थी।;
पाकिस्तान के दो असीम — जनरल असीम मुनीर और उनके करीबी विश्वासपात्र, नव-नियुक्त राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार और इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (ISI) प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल मुहम्मद असीम मलिक, ने जानबूझकर अपने देश को भारत के साथ युद्ध के कगार पर ला खड़ा किया है। सुरक्षा सूत्रों का कहना है कि इन्हीं दोनों ने पहलगाम आतंकी हमले की साजिश रची।
‘द फ़ेडरल’ ने मौजूदा और पूर्व सुरक्षा अधिकारियों से बात कर नरेंद्र मोदी सरकार का आकलन समझने की कोशिश की कि पहलगाम हमले के पीछे लश्कर-ए-तैयबा (LeT) का हाथ था या उन दो असीमों का जिन्होंने इस संगठन को बढ़ावा दिया? अधिकारियों ने गोपनीयता की शर्त पर इस संवेदनशील मुद्दे पर खुलकर बात की। उनका सामूहिक मत था, दोनों असीम समान रूप से इस हमले के लिए जिम्मेदार हैं।
वैधता की तलाश में
एक पूर्व सुरक्षा अधिकारी ने बताया, “असीम मुनीर सीधे तौर पर पहलगाम हमले के लिए जिम्मेदार हैं, जिसे बलूचिस्तान में जाफर एक्सप्रेस हमले के ‘बदले’ के रूप में अंजाम दिया गया।”
एक अन्य अधिकारी के अनुसार, असीम मुनीर के कृत्य को उस परिस्थिति से जोड़ा जा सकता है जिसमें वे सेना प्रमुख बने थे। साथ ही, यह भी कि पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान के समर्थकों द्वारा उन्हें कैसे तुच्छ समझा गया।
सुरक्षा सूत्रों के अनुसार, असीम मलिक की जानकारी के बिना पहलगाम जैसा हमला संभव नहीं था। उन्हें भले ही सटीक तारीख या स्थान की जानकारी न हो, लेकिन यह निश्चित रूप से पता था कि पर्यटकों पर हमला होने वाला है।
एक सुरक्षा अधिकारी ने कहा, “वह (मुनीर) प्रेरणाहीन और दूरदर्शिता से रहित हैं। भारत को निशाना बनाकर वे सेना और जनता के बीच वह वैधता पाना चाहते हैं जो पूर्व सेनाध्यक्षों को मिली थी लेकिन उन्हें नहीं।”
विवादों में घिरे
9 मई 2023 को इमरान खान की गिरफ्तारी के बाद उनके समर्थकों द्वारा पाकिस्तान सेना प्रतिष्ठानों पर हमलों के बाद, असीम मुनीर ने सियालकोट में वरिष्ठ अधिकारियों के साथ एक बंद-दरवाजों वाली बैठक की थी।
इस बैठक में एक विचलित मुनीर ने अपने आलोचकों — ज्यादातर सेवानिवृत्त सैन्य अधिकारियों — की पत्नियों और बच्चों को नुकसान पहुंचाने की धमकी दी थी। उस बैठक का विवरण बताता है कि मुनीर ने “गटर” जैसी भाषा का प्रयोग किया और चेताया कि अगर वह डूबे, तो दूसरों को भी साथ ले डूबेंगे।
पूर्व अमेरिकी राजनयिक ज़ल्मे खलीलज़ाद ने भी 2023 में एक ट्वीट में मुनीर की बंद दरवाजों के पीछे की इस घबराई हुई झल्लाहट को “चिंताजनक” बताया था।
सेना प्रमुख बनने की विवादास्पद नियुक्ति
मुनीर की सेना प्रमुख नियुक्ति विवादों में रही। उन्हें 27 नवंबर 2022 को सेवानिवृत्त होना था, जबकि तत्कालीन सेना प्रमुख बाजवा 29 नवंबर को रिटायर होने वाले थे। इससे मुनीर पद के लिए अयोग्य हो जाते।
लेकिन प्रधानमंत्री शहबाज़ शरीफ़ की अगुवाई में पाक कैबिनेट ने एक प्रस्ताव पास कर उन्हें सेवा विस्तार देने का अधिकार PM को दिया, जिससे वे 15वें सेनाध्यक्ष बनने के पात्र बन गए।
इमरान खान से टकराव
ISI प्रमुख बनने से पहले, मुनीर खुद ISI का निदेशक रह चुके थे लेकिन इमरान खान ने तत्कालीन सेना प्रमुख बाजवा से उनकी शिकायत कर दी थी। कथित तौर पर, मुनीर ने इमरान को उनकी पत्नी बुशरा बीबी (पिंकी पीरनी) के करीबी लोगों की भ्रष्टाचार की जानकारी दी थी, जिससे खान नाराज़ हो गए और मुनीर को ग़ुर्जांवाला कोर कमांडर बना दिया गया।
सेना में उनके उत्थान का विरोध उन सेवानिवृत्त जनरलों ने किया जो इमरान के करीबी थे।
9 मई 2023 को इमरान की गिरफ्तारी के बाद पाकिस्तान में हालात बेकाबू हो गए। उसी के बाद सियालकोट बैठक में मुनीर ने विरोधियों को धमकाया।
असीम मलिक कौन हैं?
असीम मलिक एक सैन्य परिवार से आते हैं। उनके पिता ले. जनरल ग़ुलाम मुहम्मद मलिक X कोर, रावलपिंडी के कमांडर थे। मुनीर उन्हें कोर कमांडर बनाना चाहते थे, लेकिन मलिक तैयार नहीं हुए। बावजूद इसके, मुनीर ने उन पर भरोसा बनाए रखा और ISI प्रमुख व NSA नियुक्त किया।
ISI प्रमुख बनने से पहले, मलिक आर्मी हेडक्वार्टर में अडजुटेंट जनरल थे और पूर्व ISI प्रमुख फैज़ हमीद के खिलाफ कार्रवाई की निगरानी कर रहे थे। फैज़ ने ही इमरान को पीएम बनाने में भूमिका निभाई थी, लेकिन बाद में उन्हें हिरासत में लिया गया और अब कोर्ट मार्शल का सामना कर रहे हैं।
सेवा विस्तार और पारिवारिक लाभ
पिछले नवंबर में, मुनीर को दो साल का सेवा विस्तार मिला। अब वे नवंबर 2027 तक सेनाध्यक्ष बने रहेंगे। असीम मलिक को NSA बनाकर, मुनीर ने उनके सेवानिवृत्त होने के बाद भी सेवा में बने रहने की व्यवस्था कर दी है।
मुनीर का परिवार भी लाभान्वित हुआ। पत्रकार अहमद नूरानी ने मार्च में रिपोर्ट किया कि उनके मामा सैयद बाबर अली शाह 2023 से ही इस्लामाबाद में अघोषित रूप से ताकतवर व्यक्ति बन चुके हैं और अहम नियुक्तियाँ तय करते हैं।
उनकी पहली कजिन हाजरा सोहैल, जो पहले स्कॉलरशिप मैनेजर थीं, अब पाकिस्तान एजुकेशन एंडोमेंट फंड (PEEF) की CEO बन चुकी हैं।
उनकी पत्नी इरम असीम का करीबी रिश्तेदार मोहसिन नक़वी, पाकिस्तान का गृह मंत्री और क्रिकेट बोर्ड का अध्यक्ष है।
नो़रानी की रिपोर्ट छपते ही उनके भाइयों को इस्लामाबाद से अगवा कर लिया गया। एक महीने बाद पुलिस मुठभेड़ के बाद उन्हें ‘बचाने’ का दावा किया गया।