कश्मीर पर्यटन पर हमला था पहलगाम हमला, जयशंकर ने बताया एजेंडा
विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने पहलगाम आतंकी हमले को आर्थिक युद्ध बताया, और कहा कि ऑपरेशन सिंदूर से जवाब दिया है। ट्रंप के ट्रेड डील दावे को झूठा करार दिया।;
विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने सोमवार को न्यूयॉर्क में अमेरिकी पत्रिका न्यूज़वीक को दिए एक विशेष साक्षात्कार में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए हालिया आतंकी हमले को आर्थिक युद्ध" बताया। उन्होंने स्पष्ट कहा कि यह हमला कश्मीर की अर्थव्यवस्था की रीढ़ यानी पर्यटन को बर्बाद करने के इरादे से किया गया था। जयशंकर ने यह भी दोहराया कि भारत किसी भी हाल में पाकिस्तान समर्थित आतंकवाद का जवाब देने से पीछे नहीं हटेगा। चाहे पाकिस्तान परमाणु हथियारों की धमकी क्यों न दे।
‘परमाणु धमकी के आगे नहीं झुके प्रधानमंत्री मोदी’
जयशंकर ने खुलासा किया कि 9 मई की रात जब पाकिस्तान की तरफ से भारत पर बड़े हमले की आशंका जताई गई, उस समय वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ कमरे में मौजूद थे। अमेरिका के उपराष्ट्रपति जेडी वांस ने मोदी को फोन पर पाकिस्तान की ओर से बड़े हमले की चेतावनी दी थी।
जयशंकर ने बताया कि प्रधानमंत्री मोदी पर पाकिस्तान की धमकियों का कोई असर नहीं पड़ा। उन्होंने साफ संकेत दिया कि भारत की ओर से जवाब दिया जाएगा। इसके बाद 9 मई की रात को ही पाकिस्तान ने भारत पर बड़े पैमाने पर हमला किया, लेकिन भारतीय बलों ने त्वरित प्रतिक्रिया दी। अगले दिन सुबह जयशंकर की अमेरिका के विदेश मंत्री से बातचीत हुई। मार्को रुबियो ने कहा कि पाकिस्तान बातचीत के लिए तैयार है। उसी दोपहर पाकिस्तान के डीजीएमओ मेजर जनरल काशिफ अब्दुल्ला ने भारत के लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई को सीधे फोन कर सीज़फायर की गुहार लगाई।
आतंकी हमला एक ‘धार्मिक उकसावे’ की साजिश भी थी। जयशंकर ने कहा कि 22 अप्रैल को पहलगाम में हुआ आतंकी हमला न सिर्फ अर्थव्यवस्था को निशाना बना रहा था, बल्कि धार्मिक हिंसा भड़काने की भी साजिश थी।लोगों से उनका धर्म पूछकर गोली मारी गई। हम आतंकवादियों को खुली छूट नहीं दे सकते।उन्होंने कहा कि ये सोच कि आतंकवादी सीमा पार हैं इसलिए जवाब नहीं दिया जा सकता, अब खत्म होनी चाहिए।
ऑपरेशन सिंदूर और लश्कर का कनेक्शन
जयशंकर ने बताया कि भारत ने ऑपरेशन सिंदूर को पाकिस्तान में सक्रिय आतंकी ठिकानों के खिलाफ अंजाम दिया। यह कार्रवाई पाक-समर्थित लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े संगठन रजिस्टेंस फ्रंट द्वारा हमले के बाद की गई थी।
ट्रंप के दावे को खारिज किया
जयशंकर ने पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के उस दावे को सिरे से खारिज कर दिया जिसमें उन्होंने कहा था कि उन्होंने भारत-पाक संघर्ष को व्यापार सौदे के ज़रिए रोका। ट्रंप ने पिछले हफ्ते हेग में कहा था मैंने फोन कर कहा, अगर लड़ोगे तो कोई ट्रेड डील नहीं होगी। जयशंकर ने इसका जवाब देते हुए कहा,
व्यापार और कूटनीति अलग-अलग हैं। उस बातचीत में ऐसा कुछ नहीं हुआ। ट्रंप का दावा बेबुनियाद है। उन्होंने यह भी कहा कि भारत का वाणिज्य विभाग पेशेवर तरीके से व्यापार वार्ताएं करता है और उनका राजनीतिक-राजनयिक मसलों से कोई संबंध नहीं होता।
एस. जयशंकर का यह बयान न केवल भारत की स्पष्ट विदेश नीति को रेखांकित करता है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि अब भारत आतंकवाद और परमाणु धमकियों के सामने झुकने वाला देश नहीं है। पहलगाम हमला सिर्फ एक सुरक्षा घटना नहीं, बल्कि आर्थिक और सांप्रदायिक युद्ध की कोशिश थी, जिसका जवाब भारत ने सधे और ठोस तरीके से दिया।