मिडिल ईस्ट में जंग के आसार: ट्रंप का ईरान को अल्टीमेटम- ‘हमारे सैनिकों को मत छूना’

US Iran tension: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ईरान को सख्त चेतावनी देते हुए कहा कि हमारे सैनिकों को छूने की गलती मत करना.;

Update: 2025-06-17 13:24 GMT

Trump Iran warning: मिडिल ईस्ट में हालात दिन-ब-दिन बिगड़ते जा रहे हैं. इजरायल और ईरान के बीच बढ़ते तनाव के बीच अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ईरान को साफ चेतावनी दी है कि 'हमारे सैनिकों को हाथ मत लगाना.' वहीं, ईरान में डर का माहौल है और लोग शहर छोड़कर भाग रहे हैं। ऐसे में पूरा इलाका एक बड़े जंग की तरफ बढ़ता नजर आ रहा है.

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ईरान को सख्त चेतावनी देते हुए कहा कि हमारे सैनिकों को छूने की गलती मत करना. अगर उन्होंने ऐसा किया तो हम इतनी जोरदार कार्रवाई करेंगे कि किसी के पास बचाव का मौका नहीं रहेगा. ट्रंप ने यह बयान एयर फोर्स वन से वॉशिंगटन लौटते समय मीडिया से बातचीत में दिया. उन्होंने स्पष्ट किया कि वह किसी भी प्रकार की शांति वार्ता के मूड में नहीं हैं.

ट्रंप ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म "ट्रुथ सोशल" पर भी यह साफ किया कि मैंने ईरान के साथ शांति वार्ता के लिए न तो कोई संपर्क किया है, न ही कोई प्रस्ताव दिया है. उन्हें पहले ही दिया गया प्रस्ताव स्वीकार कर लेना चाहिए था, इससे कई जानें बच सकती थीं.

तेहरान में अफरा-तफरी

वहीं, ईरान की राजधानी तेहरान में तनाव चरम पर है. पेट्रोल पंपों पर लंबी कतारें लग गई हैं. ऐतिहासिक ग्रैंड बाजार बंद कर दिया गया है. हजारों लोग कैस्पियन सागर की ओर पश्चिम में पलायन कर रहे हैं. हालांकि, ईरानी सरकार ने आधिकारिक रूप से कोई निकासी आदेश जारी नहीं किया है. लेकिन इजरायल द्वारा 3 लाख लोगों को शहर छोड़ने की चेतावनी के बाद स्थिति और गंभीर हो गई है.

इजरायल का दावा

इजरायली सेना ने दावा किया है कि उसने ईरान की रिवॉल्यूशनरी गार्ड के वरिष्ठ कमांडर जनरल अली शादमनी को निशाना बनाकर मार गिराया है. हालांकि, ईरान की ओर से इस दावे की पुष्टि नहीं हुई है.

अमेरिका की सैन्य तैयारी

ट्रंप के आक्रामक रुख के साथ-साथ अमेरिका भी क्षेत्र में सैन्य रूप से सक्रिय होता दिख रहा है. USS Nimitz एयरक्राफ्ट कैरियर स्ट्राइक ग्रुप को मिडिल ईस्ट रवाना किया गया है. अमेरिका की मिसाइल-रक्षा नौकाओं ने पूर्वी भूमध्यसागर से इजरायल की ओर दागे गए कई रॉकेटों को पहले ही रोक लिया है.

उधर फ्रांस, जर्मनी और ब्रिटेन जैसे यूरोपीय देशों ने संकट को शांत करने की कोशिशें तेज़ कर दी हैं. फ्रांस के विदेश मंत्री जीन-नोएल बैरॉट ने ईरान से बिना शर्त वार्ता में लौटने की अपील की और परमाणु तनाव न बढ़ाने की चेतावनी दी. इटली की प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी ने भी कनाडा में G7 समिट के दौरान ट्रंप से मुलाकात में डिप्लोमैसी की वापसी की वकालत की. ट्रंप ने रिपोर्ट्स को खारिज करते हुए कहा कि उन्होंने सीज़फायर के लिए अपनी यात्रा नहीं रोकी.

भारत ने शुरू की निकासी

भारत ने पुष्टि की है कि उसने तेहरान से छात्रों और नागरिकों को सुरक्षित निकालना शुरू कर दिया है. लोगों को आर्मेनिया के ज़रिए निकलने की सलाह दी गई है. इस बीच मिस्र, जॉर्डन, सऊदी अरब और यूएई समेत 20 से अधिक देशों ने इजरायल की कार्रवाई को "आक्रामक" बताते हुए तत्काल युद्धविराम और परमाणु निरस्त्रीकरण की मांग की है.

G7 की चेतावनी

G7 देशों ने एक संयुक्त बयान जारी करते हुए कहा कि हम साफ करते हैं कि इजरायल को आत्मरक्षा का अधिकार है. ईरान ही क्षेत्र में अस्थिरता और आतंकवाद का मुख्य स्रोत है. हम यह सुनिश्चित करेंगे कि ईरान कभी भी परमाणु हथियार प्राप्त न कर सके.

बातचीत के लिए तैयार नहीं ईरान

ईरान ने साफ किया है कि जब तक उन पर हमले जारी रहेंगे, वे कोई वार्ता नहीं करेंगे. जब ट्रंप से पूछा गया कि क्या उपराष्ट्रपति वेंस और कारोबारी स्टीव विटकॉफ को बातचीत के लिए भेजा जा सकता है तो उन्होंने जवाब दिया कि ये इस बात पर निर्भर करेगा कि जब मैं वापस पहुंचूंगा, तब हालात कैसे होंगे.

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