इजराइल ने 1996 में हमास के प्रमुख कमांडर इंजिनियर का किया था मोबाइल कॉल धमाके से खात्मा
इंजिनियर हमास का प्रमुख कमांडर में से एक था जो बम बनाने के साथ साथ मानव बम तैयार करने में भी माहिर था. उसने ही इजराइल के तात्काली प्रधानमंत्री को मौत के घात उतरवाया था, जिसके बाद 1996 में मोसाद ने मोबाइल फोन कॉल से विस्फोट कर उसकी मौत कर दी थी.
By : Abhishek Rawat
Update: 2024-09-21 08:58 GMT
Mobile Phone Blast: लेबनान में पेजर और वाकी-टॉकी में हुए धमाकों के बाद से पूरा विश्व सकते में है और हर कोई इजराइल की इस तकनीक को जानने की कोशिश में जुट गया है. हर किसी का मकसद सिर्फ यही है कि इजराइल की इस तकनीक का पता लगाया जा सके, लेकिन ये हैरान करने वाली बात है कि इजराइल ने ये तकनीक पहली बार इस्तेमाल नहीं की है, बल्कि 28 साल पहले भी इसी तकनीक को अपनाते हुए इसरायल ने हमास के एक बेहद ही खतरनाक कमांडर 'इंजिनियर' को मौत के घाट उतार दिया था. इंजिनियर के नाम से जाने जाने वाला हमास कमांडर याह्या अयास, बम बनाने में काफी माहिर था और उसी ने पहली बार इजराइल में सुसाइड बॉम्बर को भेज कर हमला करवाया था, जिसमें कई लोग मारे गए थे.
पिता से कर रहा था बात फट गया मोबाइल
ये बात जनवरी 1996 की है. हमास का आतंकी याहिया अयास उर्फ़ इंजिनियर अपने पिता अब्देल लतीफ़ से मोबाइल पर बात कर रहा था. उसका नम्बर 050507497 था. उसके आखिरी शब्द थे 'आप कैसे हैं, अब्बा?'' और इसके बाद अचानक से इंजिनियर के मोबाइल फ़ोन में के जबरदस्त विस्फोट हुआ. विस्फोट का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि इंजिनियर का सर धड़ से अलग हो गया और दूर जा कर गिरा. वहीँ दूसरी ओर अब्देल लतीफ़ ने चिंता में दोबारा से अपने बेटे को फोन मिलाया लेकिन आवाज आई ये नम्बर उपलब्ध नहीं है.
बम बनाने, वेष बदलने में माहिर था इंजिनियर
इंजिनियर की बात करें तो वो हमास का प्रमुख कमांडर था, जो बम बनाने के साथ साथ इजराइल को धोखा देने, वेष बदलने और गायब हो जाने में माहिर था. वो इतना शातिर था कि इजरायली खुफिया एजेंसियों से दो कदम आगे ही रहता था.
'इंजीनियर' के नाम से मशहूर 29 वर्षीय हमास का सदस्य याह्या अयास ने अपने बमों के ज़रिए कम से कम 150 इसरायली नागरिकों को मौत के घाट उतारा था.
मोबाइल फ़ोन शुरू ही हुआ था
मोबाइल फ़ोन की बात करें तो 1996 में ये नया नया ही था. इसकी तकनीक भी नयी थी. दुनिया के ज़्यादातर लोगों ने सेलफ़ोन के बारे में सुना भी नहीं था, तो उसे छूना या इस्तेमाल करना तो दूर की बात थी.
इजराइल के प्रति इंजिनियर इस तरह से मानव बम तैयार करता था कि हर कोई हैरान था. वो फिलिस्तीन के लोगों को धर्म आदि के नाम पर इतना प्रभावित कर लेता कि वे ख़ुशी ख़ुशी इंजिनियर के कहने पर मानव बम बन जाते और इंजिनियर द्वारा बनाए गए बम को अपने शरीर पर बाँध कर इजराइल में विस्फोट करने पहुँच जाते थे.
फिलिस्तीन में आज भी इंजिनियर को पूजते हैं लोग
फिलिस्तीन क बात करें तो इंजिनियर की मौत के 28 साल बाद भी उसे पूजा जाता है. फिलिस्तीन में उसके नाम पर सड़क का नाम रखा गया है.
इसरायली प्रधानमंत्री यित्ज़ाक राबिन की हत्या के बाद निशाने पर आया था इंजिनियर
दरअसल नवम्बर 1995 में इजराइल के तत्कालीन प्रधानमंत्री यित्ज़ाक राबिन की हत्या कर गयी थी. इस घटना ने इजरायल की आंतरिक सुरक्षा एजेंसी शिन बेट को शर्मसार कर दिया था. इसके बाद से ही इंजिनियर इजराइल के निशाने पर आ गया था.
एक फोन कॉल से इंजिनियर का पता लगा
इजराइल की ख़ुफ़िया एजेंसी इंजिनियर की तलाश में जुटी थी. मोसाद ने एक साधारण फोन कॉल को इंटरसेप्ट किय. फोन पर अयास के होने की पुष्टि होने के बाद से ही मोसाद उसके पीछे लग गयी. इसके बाद ही बम धमाके को अंजाम दिया गया. ताज्जुब की बात ये है कि जिस समय इंजिनियर को मोबाइल बम से उड़ाया गया था तो मोसाद के एजेंट भी उससे कुछ दूरी पर रह कर उस पर नज़र बनाये हुए थे.