अमेरिकी हमले के बाद इजरायल की कार्रवाई, मिडिल ईस्ट में बढ़ा तनाव

Middle East Tension: इजरायल और ईरान के बीच यह सीधा टकराव मध्य पूर्व में तनाव को और बढ़ा सकता है. अब देखना होगा कि ईरान इन हमलों का कैसे जवाब देता है और क्या यह संघर्ष और बड़ा रूप लेता है.;

Update: 2025-06-23 11:11 GMT

Israel-Iran Conflict: मिडिल ईस्ट की हवा बारूद से भरती जा रही है. अमेरिका के हमले के बाद अब इजरायल ने भी ईरान के खिलाफ बड़ी कार्रवाई कर दी है. हवाई हमलों, ड्रोन स्ट्राइक और जंगी फाइटर जेट्स की दहाड़ सब कुछ एक नए मोर्चे की ओर इशारा कर रहे हैं. इजरायली सेना ने सीधे-सीधे ईरान के दिल पर वार किया है—उसके एयरबेस, रनवे, और लड़ाकू विमान अब मलबे में तब्दील हो रहे हैं. अमेरिका द्वारा ईरान के परमाणु ठिकानों पर हमला करने के बाद इजरायल ने भी ईरान के कई हवाई अड्डों (एयरबेस) को निशाना बनाया है.

ईरान के 6 एयरबेस तबाह

इजरायल की सेना (IDF) ने जानकारी दी है कि उसके 15 से ज्यादा ड्रोन और फाइटर जेट्स ने ईरान के पश्चिमी, पूर्वी और मध्य हिस्सों में स्थित 6 एयरबेस पर हमला किया. इन हमलों में रनवे, बंकर, फ्यूल टैंकर और ईरान की वायुसेना के F-14, F-5 और AH-1 जैसे लड़ाकू विमानों को भारी नुकसान हुआ. तेहरान के मेहराबाद, मशहद और देजफुल एयरबेस को खासतौर पर निशाना बनाया गया.

मिसाइल ठिकानों पर भी हमला

इजरायली डिफेंस फोर्स (IDF) ने टेलीग्राम पर बताया कि उनके 15 से अधिक फाइटर जेट्स ने ईरान के करमानशाह इलाके में हमला किया. यहां ईरान की ज़मीन से ज़मीन पर मार करने वाली मिसाइलों के लॉन्च और स्टोरेज सेंटर्स को नष्ट कर दिया गया. IDF का कहना है कि ये कार्रवाई सटीक खुफिया जानकारी के आधार पर की गई.

इजरायली सेना ने अपने बयान में साफ किया कि हमारा मकसद ईरानी सेना की ताकत को कमजोर करना और इजरायल की सुरक्षा को बनाए रखना है. हम लगातार ईरानी गतिविधियों पर नजर रख रहे हैं और अपनी सीमा की हिफाजत के लिए हर जरूरी कदम उठा रहे हैं.

ये हमला ऐसे वक्त में हुआ है, जब अमेरिका ने भी ईरान के न्यूक्लियर ठिकानों पर हमले किए हैं. माना जा रहा है कि ये हमले ईरान की वायुसेना और मिसाइल क्षमता को कमज़ोर करने की रणनीति का हिस्सा हैं. इसके साथ ही इजरायल ने ईरान को चेतावनी दी है कि वह अपनी रक्षा के लिए किसी भी हद तक जा सकता है.

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