ईरान ने भारतीयों को अपने विमान से भेजा दिल्ली, अपने हवाई क्षेत्र की दी अनुमति

ईरान-इज़राइल युद्ध के बीच यह संकेत मिल रहे हैं कि अमेरिका ईरान के परमाणु ठिकानों पर हमलों में शामिल हो सकता है, भारत समेत कई देश ईरान में फंसे अपने नागरिकों को निकालने में जुटे हैं।;

Update: 2025-06-21 01:11 GMT
ईरान से निकाले गए भारतीय नागरिकों का जत्था शनिवार सुबह दिल्ली एयरपोर्ट पर पहुंचा ( फोटो : MEA)

ईरान में फंसे 290 भारतीयों का जत्था दिल्ली पहुंच गया है। इनमें छात्र भी हैं और तीर्थयात्री भी। ईरान ने लगभग 1,000 भारतीय नागरिकों को निकालने के लिए अपना हवाई क्षेत्र खोलने की अनुमति दी, तब जाकर इन भारतीयों को निकाला जा सका। ईरान ने भारत के लिए उत्तर-पूर्वी शहर मशहद के रास्ते को खोलने की अनुमति दी है। 

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, कई दिनों की बातचीत के बाद भारत ने अपने नागरिकों को मशहद पहुंचाया और ईरान और तुर्कमेनिस्तान दोनों से उड़ान भरने की अनुमति प्राप्त कर ली। मशहद, ईरान-तुर्कमेनिस्तान सीमा के पास है और भारत ने यहां से एक सुरक्षित हवाई मार्ग खोजा है।

ईरानी एयरलाइन महन एयर की कम से कम तीन उड़ानों के जरिए भारतीयों को वापस लाया जा रहा। इनमें से दो उड़ानों, एक मशहद (ईरान) से और दूसरी अश्गाबात (तुर्कमेनिस्तान) से भारतीयों को दिल्ली पहुंचाया गया।



भारत में ईरान के उपराजदूत मोहम्मद जवाद हुसैनी ने इस निकासी की पुष्टि करते हुए बताया कि भारतीयों को पहले तेहरान से क़ुम और फिर मशहद लाया गया, इसमें भारतीय दूतावास और ईरानी अधिकारियों ने सहायता की।

ईरान से निकलने पर और भी देश सक्रिय

ईरानी दूतावास के अधिकारियों ने बताया कि कुछ भारतीय छात्रों को हमलों में चोटें आई हैं और ईरानी विदेश मंत्रालय इस मुद्दे पर भारत के तेहरान स्थित मिशन के संपर्क में है।

भारत के विदेश मंत्रालय (MEA) ने एक बयान में कहा, “ईरान और इज़राइल के बीच जारी संघर्ष के कारण उत्पन्न बिगड़ती स्थिति को देखते हुए, भारत सरकार पिछले कई दिनों से ईरान में रह रहे भारतीय नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कदम उठा रही है।” सरकार ने ईरान और आर्मेनिया की सरकारों को इस सुरक्षित निकासी प्रक्रिया में सहयोग देने के लिए धन्यवाद दिया।

ऑपरेशन सिंधु के तहत निकासी अभियान

MEA ने बताया, “भारत अपने विदेशों में रह रहे नागरिकों की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देता है। 'ऑपरेशन सिंधु' के तहत ईरान में भारतीय दूतावास संघर्ष वाले क्षेत्रों से नागरिकों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाकर वहां से सुरक्षित विकल्पों के ज़रिए उन्हें निकालने में सहायता कर रहा है।”

भारत ने नागरिकों को ईरान में मौजूद भारतीय दूतावास के आपातकालीन हेल्पलाइन नंबर और विदेश मंत्रालय के 24x7 कंट्रोल रूम के संपर्क में रहने की सलाह दी है। ईरान में करीब 4,000 भारतीय नागरिक रहते हैं, जिनमें से लगभग आधे छात्र हैं। भारत ने मंगलवार को ही अपने नागरिकों को तेहरान छोड़ने की सलाह दी थी। 

19 जून को 110 छात्रों को आर्मेनिया भेजा गया

बुधवार को भारत ने 'ऑपरेशन सिंधु' की घोषणा की थी, जिसके तहत 19 जून को उत्तरी ईरान से 110 भारतीय छात्रों को आर्मेनिया भेजा गया। भारत अब इज़राइल से निकासी योजना पर भी काम कर रहा है। अभी तक अधिकांश देश ईरान से बाहर निकलने के लिए ज़मीनी रास्तों का प्रयोग कर रहे हैं। ग्रीस ने 16 नागरिकों और उनके परिवारों को ईरान से अज़रबैजान होते हुए निकाला है।

अन्य देशों की तैयारी

फ्रांस भी ईरान से तुर्की या आर्मेनिया सीमा तक काफिला भेजने की तैयारी कर रहा है। न्यूज़ीलैंड ने तेहरान में अपने दूतावास को अस्थायी रूप से बंद कर दिया है और दो कर्मचारियों को उनके परिवारों सहित अज़रबैजान भेज दिया है।

दक्षिण कोरिया ने अपने 32 नागरिकों को ईरान से तुर्कमेनिस्तान पहुंचाया है। बुल्गारिया ने तेहरान में अपने दूतावास को बंद कर दिया है और अपने राजनयिकों और उनके परिवारों को अज़रबैजान भेज दिया है।

भारत की कूटनीतिक संतुलन रणनीति

भारत के लिए ईरान और इज़राइल दोनों के साथ रणनीतिक संबंध हैं, जिससे वह एक नाजुक कूटनीतिक स्थिति में है। ईरान के साथ चाबहार बंदरगाह से लेकर पाकिस्तान-अफगानिस्तान जैसे साझा मुद्दों पर सहयोग है, जबकि इज़राइल के साथ सुरक्षा और रक्षा क्षेत्र में रणनीतिक भागीदारी है। इसलिए भारत बेहद संतुलित बयानबाज़ी कर रहा है।

भारत की क्षेत्रीय रणनीति

'ऑपरेशन सिंदूर' के बाद भारत के सामने कूटनीतिक चुनौतियाँ भी खड़ी हुई हैं। भारत तुर्की, अज़रबैजान और पाकिस्तान के साथ मधुर संबंधों में नहीं है। अंकारा और बाकू को इस्लामाबाद का समर्थन करते देखा गया है। भारत के लिए आर्मेनिया, तुर्कमेनिस्तान और इराक जैसे सीमावर्ती देश सहयोगी हैं। अफगानिस्तान से भारत के औपचारिक कूटनीतिक संबंध नहीं हैं। भारत के पास फारस की खाड़ी मार्ग भी है, जहां से जहाज़ या सऊदी अरब और कुवैत के ज़रिए निकासी संभव है।

भारत सभी कूटनीतिक विकल्पों को सक्रिय कर रहा है क्योंकि हालात और बिगड़ने से पहले और अधिक नागरिकों को सुरक्षित निकालना ज़रूरी है।

Tags:    

Similar News