इजरायल अपने दुश्मनों को छोड़ता नहीं, इतिहास है गवाह
बुधवार को ईरान के तेहरान में इस्माइल हानियेह के मारे जाने की पुष्टि हुई। ईरान ने साफ तौर पर इजरायल का नाम लिया हालांकि इजरायल की तरफ से पुष्टि नहीं की गई है।
Israel Mossad News: तेहरान में हमास के शीर्ष नेता इस्माइल हानियेह की हत्या कर दी गई..कोई आया और हानियेह जिस इमारत में ठहरा हुआ था मारकर चला गया। अभी ये साफ नहीं है कि हमला कैसे हुआ कितने लोग आए कहां से आए और कहां चले गए हालांकि, ईरानी मीडिया में इसे एयर स्ट्राइक बताया जा रहा है। एयर स्ट्राइक कुछ भी हो सकता है, मिसाइल हो सकती है रॉकेट या बम हो सकता है। फिलहाल हानियेह की हत्या ने हमास, ईरान, लेबनान सभी को सन्न कर दिया है। ईरान, हमास और लेबनान तीन कह रहे हैं कि यह हत्या इजरायल ने की है और इसका बदला लिया जाएगा हालांकि, इजरायल ने इस हत्या पर आधिकारिक रूप से कुछ नहीं कहा है। उसने ना तो हां कहा है और ना ही ना लेकिन उसकी चुप्पी के कई मतलब निकाले जा सकते हैं।
इजरायल पर शक जताने का आधार
इजरायल पर शक जताने का हमास और ईरान के पास पर्याप्त आधार भी है। 7 अक्टूबर को गाजा-इजरायल बार्डर पर जब हमास के लड़ाकों ने भीषण हमला किया तो इस हमले में करीब 1200 इजरायली नागरिक मारे गए और करीब हमास के लड़ाकों ने करीब 250 लोगों जिसमें अमेरिकी नागरिक भी शामिल थे उन्हें अगवाकर अपने साथ ले गए। हमास के इस भीषण नरसंहार के बाद बेंजामिन नेतन्याहू ने खुले तौर पर कहा था कि हमास के सारे आतंकी अब उनके लिए मुर्दा हैं। 7 अक्टूबर की इस घटना के बाद इजरायल ने हमास के खिलाफ लड़ाई छेड़ दी और गाजा पर हमला कर उसका सफाया करने लगे। यह सब बात आप सभी लोगों को पता है।
नेतन्याहू, मोसाद, गिडोन की तिकड़ी
बात यहां हम बेंजामिन नेतन्याहू, खुफिया एजेंसी मोसाद और गिडोन की करेंगे। मोसाद के बारे में भी आप जानते हैं..उसके कारनामे और किस्से दुनिया भर में मशहूर हैं लेकिन गिडोन के बारे में बहुत लोगों को पता नहीं होगा...गिडोन भी मोसाद का ही एक हिस्सा है लेकिन इसका काम बहुत ही टारगेटेड होता है। नेतन्याहू ने जब हमास को धमकी दी तो उन्होंने यह बात ऐसे हवा में थोड़े ही कही थी उन्होंने बकायदा यह काम मोसाद और गिडोन को सौंपा होगा खुफिया और कोवर्ट ऑपरेशन करने में माहिर इन एजेंसियों के लोग तभी से अपने काम में लग गए होंगे।
जब 1970 में लिया था बदला
इजरायल के बारे में कहा जाता है कि जो वह ठान लेता है उसे करके दिखाता है चाहे वह नाजी युद्ध अपराधी एडोल्फ एकमैन हो या म्यूनिख ओलंपिक में इजरायली खिलाड़ियों की हत्या करने वाले आतंकवादी अपने दुश्मनों को उसने कभी माफ नहीं किया। एडोल्फ एकमैन जो वर्षों तक नाम-पता बदलकर अर्जेंटीना में छिपा हुआ था। उसके बारे में जब यहूदियों को पता लगा तो मोसाद की टीम वहां गई और वहां से उसे अगवाकर इजरायल लाई उसे कोर्ट में पेश किया। फिर उसे फांसी दे दी। 1970 म्यूनिख ओलंपिक में फलस्तीनी आतंकियों ने 11 इजरायली खिलाड़ियों को मौत के घाट उतार दिया था इसका बदला भी इजरायल ने चुन-चुनकर लिया मोसाद से बचने के लिए आतंकियों में से कुछ ने बाल बढ़ा लिए, दाढ़ी उगा ली। किसी ने प्लास्टिक सर्जरी कराई। लेकिन ये मोसाद के एजेंटों से बच नहीं पाए इजरायल को इन तक पहुंचने में भले ही वर्षों लगे लेकिन ये बचे नहीं मोसाद ने इन्हें अंजाम तक पहुंचा दिया।
जाहिर है कि 7 अक्टूबर के खून खराबे के लिए हमास के लीडरशिप के जो लोग या कमांडर जिम्मेदार हैं। इजरायल ने उनकी भी एक सूची बनाई होगी और उस सूची के हिसाब से उनका काम तमाम कर रहा होगा। इस सूची में अगला नाम हमास के कमांडरों में से किसी का भी हो सकता है। बस मोसाद और गिडोन को सही मौके की तलाश होगी...