जिस निज्जर के समर्थन में हैं ट्रूडो, कनाडा का विपक्ष उसे बताता है आतंकी

हरदीप सिंह निज्जर के मुद्दे पर कनाडा के पीएम जस्टिन ट्रूडो ने भारत की मुखालफत कर रहे हैं। उस निज्जर को कनाडा का विपक्ष आतंकी मानता है।

By :  Lalit Rai
Update: 2024-10-18 08:55 GMT

Hardeep Singh Nijjar News:  भारत की नजर में हरदीप सिंह निज्जर आतंकी था। पिछले साल जब उसकी सरे में अज्ञात हमलावरों ने हत्या की उसके बाद से कनाडा के पीएम जस्टिन ट्रूडो का नजरिया बदल गया। ट्रूडो ने अपनी संसद में खुलेआम कहा कि इसमें भारतीय एजेंट्स का हाथ है। यह बात अलग है कि वो अब तक इस मामले में कोई साक्ष्य उपलब्घ नहीं करा पाए हैं। अब कनाडा की पीपुल्स पार्टी के नेता मैक्सिम बर्नियर का कहना है कि  हरदीप सिंह निज्जर की वजह से भारत और कनाडा के बीच राजनयिक संबंध खराब हो गए हैं। दरअसल निज्जर एक एक विदेशी आतंकवादी था जिसे 'किसी तरह 2007 में नागरिकता प्रदान की गई थी। बर्नियर ने एक्स पर लिखा, "हालांकि एक मिथक को दूर किया जाना चाहिए कि वो कनाडाई नागरिक था।

'निज्जर कनाडाई नागरिक नहीं था'

बर्नियर एक्स पर लिखते हैं कि निज्जर विदेशी आतंकी था जिसने 1997 से कई बार कनाडा में शरण लेने के लिए फर्जी दस्तावेजों का इस्तेमाल किया था। उसके दावों को खारिज कर दिया गया था, लेकिन फिर भी उसे इस देश में रहने की अनुमति दी गई और किसी तरह 2007 में उसे नागरिकता प्रदान की गई। इसे एक प्रशासनिक त्रुटि बताते हुए बर्नियर ने कहा कि निज्जर को उन हजारों अन्य लोगों के साथ निर्वासित किया जाना चाहिए था जिन्होंने 'नकली शरण दावेदारों' का इस्तेमाल किया था। बर्नियर ने लिखा कि निज्जर कनाडाई नहीं था। इस प्रशासनिक गलती को सुधारने के लिए हमें शायद मरणोपरांत उसकी नागरिकता छीन लेनी चाहिए। उसे अपने पहले फर्जी शरण दावे के बाद निर्वासित कर दिया जाना चाहिए था, जैसे कि कनाडा में अभी मौजूद हज़ारों फर्जी शरण दावेदारों को निर्वासित किया जा रहा है।

ट्रूडो नाकाम, बंटा रहे हैं ध्यान

बर्नियर ने कहा कि यह सब इसलिए हो रहा है क्योंकि कनाडा ने दशकों से जानबूझकर इन विदेशियों को देश में आमंत्रित किया है। हमें इस बड़ी गलती को पहचानना चाहिए और इस मुद्दे पर एक उभरती हुई विश्व शक्ति और एक महत्वपूर्ण सहयोगी के साथ अपने संबंधों को खतरे में डालने के बजाय समाधान खोजने के लिए भारत सरकार के साथ काम करना चाहिए।" विपक्षी नेता ने कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो की आलोचना की और उन पर 'इस संकट का उपयोग अन्य विवादों से ध्यान हटाने के लिए' करने का आरोप लगाया।

उन्होंने कहा कि अगर आरोप सही साबित होते हैं, तो उन्हें गंभीरता से संबोधित किया जाना चाहिए। उन्होंने हालांकि कहा कि अगर सच है, तो आरसीएमपी और लिबरल सरकार द्वारा लगाए गए आरोप कि भारतीय राजनयिकों ने हमारे क्षेत्र में आपराधिक गतिविधियों में भाग लिया  बहुत गंभीर हैं और उनसे निपटा जाना चाहिए। हालांकि अभी तक हमें कोई सबूत नहीं दिया गया है। और ट्रूडो स्पष्ट रूप से इस संकट का उपयोग अन्य विवादों से ध्यान हटाने के लिए कर रहे हैं।

भारत और कनाडा के बीच संबंध उस समय और भी खराब हो गए जब कनाडा के अधिकारियों ने भारतीय एजेंटों पर खालिस्तान समर्थकों को निशाना बनाकर 'हत्या, जबरन वसूली और हिंसक कृत्यों' में शामिल होने का आरोप लगाया और यहां तक ​​कि बिश्नोई गिरोह को कनाडा की धरती पर अनिर्दिष्ट आपराधिक गतिविधियों से जोड़ने का प्रयास किया। भारत ने इन दावों को दृढ़ता से खारिज कर दिया।

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