मोसाद ने ऐसा किया इंतजाम ईरान के ही सुरक्षा कर्मियों ने ली हमास कमांडर हानिये की जान !
रिपोर्ट्स के अनुसार मोसाद ने हानिये को मारने के लिए ईरान के सुरक्षा एजेंट्स को ही काम सौंपा था. इसके लिए मोसाद ने उस अजेंट्स को ये काम सौंपा था कि वे उस ईमारत में अलग अलग जगहों पर विस्फोटक लगाएं जहाँ पर हानिये ठहरा हुआ था
By : Abhishek Rawat
Update: 2024-08-03 07:48 GMT
Hamas Leader Ismail Haniyeh Assassination: हमास के टॉप पोलिटिकल कमांडर इस्माइल हानिये की हत्या में क्या ईरान की सेना का ही हाथ है? ये दावा इजराइल की मीडिया रिपोर्ट्स के आधार पर किया जा रहा है, जिसमें ये कहा गया है कि इजराइल की ख़ुफ़िया एजेंसी मोसाद ने ईरानी सेना में सेंध लगाते हुए ईरानी सेना के अंसार अल मेहदी के कुछ सदस्यों को इस काम के लिए तैयार किया और फिर अपने मोस्टवांटेड इस्माइल हानिये को मौत के घाट उतरवा दिया.
हिब्रू में छपी ख़बरों के अनुसार मोसाद ने हानिये को मारने के लिए ईरान के सुरक्षा एजेंट्स को ही काम सौंपा था. इसके लिए मोसाद ने उस अजेंट्स को ये काम सौंपा था कि वे उस ईमारत में अलग अलग जगहों पर विस्फोटक लगाएं जहाँ पर हानिये ठहरा हुआ था.
ईरान के पूर्व राष्ट्रपति इब्राहीम रईसी की अंतिम यात्रा में मारने की थी प्लानिंग
रिपोर्ट में ये भी दावा किया गया है कि मोसाद ने हानिये को मारनी की प्लानिंग लगभग दो महीने पहले मई में ही कर ली थी. ये वो समय था जब ईरान के तत्कालीन राष्ट्रपति इब्राहीम रईसी की हेलीकाप्टर हादसे में मौत हो गयी थी. इस्माइल हानिये भी रईसी की अंतिम यात्रा में शामिल हुआ था. उसी यात्रा में हानिये को मारने की पूरी तैयारी थी लेकिन भारी भीड़ आदि के कारण उस समय इस काम को अंजाम नहीं दिया जा सका, क्योंकि मोसाद के लिए काम कर रहे ईरानी सुरक्षा कर्मियों ने उस समय हाथ खड़े कर दिए थे.
सीसीटीवी में कैद हुई है संदिग्ध गतिविधि
रिपोर्ट्स के अनुसार ऐसा दावा किया जा रहा है कि इस्लामिक रेवोलुशनरी कोर्प गार्ड्स के दो एजेंट इस काम में शामिल हो सकते हैं. सूत्रों के हवाले से ये दावा किया गया है कि सीसीटीवी कैमरों की फुटेज से ये पता चला है कि इस्लामिक रेवोलुशनरी कोर्प गार्ड्स के गेस्टहाउस के तीन कमरों में बम रखे गए थे, जहाँ हानिये ठहरा था. सीसीटीवी फुटेज के मुताबिक ये बम कुछ ही मिनटों में रखे गये थे. क्योंकि फुटेज में एजेंट एक कमरे में जाते हैं और चंद मिनटों में ही बहार निकल आते हैं. इसके बाद दूसरे कमरे में जाते हैं. उनकी गतिविधि से ऐसा प्रतीत होता है कि वो ऐसा चुप चाप दबे पाँव कमरों में आ जा रहे हैं. ऐसा भी दावा किया जा रहा है कि इस पूरे ऑपरेशन के पीछे जो प्रमुख लोग थे, वो देश छोड़ चुके हैं, लेकिन उनका एक स्रोत अभी भी ईरान में था.
ईरान के ही सुरक्षा एजेंटों का हाथ
रिपोर्ट्स में ये भी दावा किया गया है कि ईरान के इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स (IRGC) के एक अधिकारी का कहना है कि, 'अब निश्चित है कि मोसाद ने अंसार-अल महदी सुरक्षा इकाई से एजेंटों को काम पर रखा है. आगे की जांच करने पर दो अन्य कमरों में अतिरिक्त विस्फोटक उपकरण मिले हैं'. अधिकारीयों ने कहा कि ये ईरान के लिए अपमानजनक बात है और सुरक्षा में बड़ी चूक है.' ऐसा भी कयास लगाया जा रहा है कि इस पुरे षड्यंत्र में बड़े लेवल के अधिकारी भी शामिल हो सकते हैं, जिनके बारे में कोई नहीं जानता. सूत्रों का कहना है कि इस हमले के बाद से ही आईआरजीसी के अंदर कलह मची हुई है. एक दूसरे को शक की दृष्टि से देखा जा रहा है.