ट्रंप की ‘गोल्डन डोम’ योजना से खतरे में दुनिया? उत्तर कोरिया ने जताई आपत्ति

Golden Dome America: ट्रंप की ‘गोल्डन डोम’ योजना अमेरिका के लिए सुरक्षा कवच हो सकती है. लेकिन इससे उत्तर कोरिया, चीन और रूस जैसे देशों की चिंता और तनाव बढ़ गए हैं. आने वाले समय में यह योजना अंतरराष्ट्रीय राजनीति में बड़ा मुद्दा बन सकती है.;

Update: 2025-05-27 11:41 GMT

Trump missile defense plan: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक नई मिसाइल डिफेंस योजना की शुरुआत की है, जिसे ‘गोल्डन डोम’ कहा जा रहा है. इस योजना का मकसद अमेरिका को दुश्मनों की मिसाइलों से बचाना है. ट्रंप ने इसे देश की सुरक्षा के लिए 'बहुत ज़रूरी' बताया है. लेकिन इस योजना से उत्तर कोरिया बहुत नाराज़ है. उत्तर कोरिया का कहना है कि यह योजना पूरी दुनिया के लिए खतरा बन सकती है और इससे अंतरिक्ष में परमाणु युद्ध जैसी स्थिति पैदा हो सकती है.

उत्तर कोरिया की आपत्ति

उत्तर कोरिया ने कहा कि अमेरिका इस योजना के ज़रिए अंतरिक्ष को सैन्य अड्डा बनाना चाहता है. उसके विदेश मंत्रालय का कहना है कि ट्रंप की नीति से परमाणु ताकतों के बीच की रणनीतिक स्थिरता खत्म हो सकती है. हथियारों की दौड़ और अंतरराष्ट्रीय तनाव बढ़ सकता है. उत्तर कोरिया को डर है कि यह मिसाइल रक्षा प्रणाली उसकी लॉन्ग रेंज मिसाइलों (ICBMs) को बेअसर कर सकती है.

‘गोल्डन डोम’ योजना

ट्रंप की ‘गोल्डन डोम’ योजना इजरायल की ‘आयरन डोम’ तकनीक से प्रेरित है. यह एक ऐसी प्रणाली है, जो दुश्मन की छोटी और मध्यम दूरी की मिसाइलों को आसमान में ही नष्ट कर सकती है. ट्रंप ने इसके लिए शुरुआती फंडिंग की घोषणा भी कर दी है.

कोरियन इंस्टीट्यूट फॉर नेशनल यूनिफिकेशन के विशेषज्ञ होंग मिन का कहना है कि अगर अमेरिका इस रक्षा प्रणाली को तैयार कर लेता है तो उत्तर कोरिया को उसे चकमा देने के लिए नई तकनीकों और हथियारों को विकसित करना पड़ेगा.

चीन और रूस की प्रतिक्रिया

चीन ने इस योजना पर आपत्ति जताई है और कहा है कि इससे दुनिया की स्थिरता कमजोर होगी. रूस ने पहले इसे अस्थिर करने वाली योजना बताया. लेकिन बाद में इसे अमेरिका का आंतरिक मामला मानते हुए अपनी प्रतिक्रिया को थोड़ा नरम कर लिया.

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