सफेद कुर्ता, काली दाढ़ी और शैतानी दिमाग, पहलगाम केस में हाफिज सईद का आ रहा नाम

लश्कर का संस्थापक हाफिज सईद पाकिस्तान की धरती से जम्मू-कश्मीर को लहुलुहान करने का काम करता रहा है। पहलगाम में भले ही नाम TRF का आ रहा है असली सूत्रधार उसे बताया जा रहा है।;

Update: 2025-04-25 07:59 GMT
लश्कर ए तैयबा का संस्थापक है हाफिज सईद।

Hafiz Saeed: हाफिज सईद की पहचान जगजाहिर है, दुनिया की नजर में वो आतंकी है। लेकिन पाकिस्तान की नजर में सामान्य कद काठी वाला इंसान। इस शख्स के बारे में पाकिस्तान कहता है कि पांच वक्त के नमाज पढ़ने वाले शख्स को भारत ने सिर्फ बदनाम किया है। यह बात अलग है कि उसकी तकरीरों को सुनने के बाद फैसला करना बहुत कठिन नहीं होगा कि हाफिज किस इरादे के साथ अपनी जमात को संबोधित करता है। जम्मू-कश्मीर के पहलगाम के निकट बैसरन घाटी में हुए आतंकी हमले, जिसमें 26 लोगों की जान चली गई, ने लंबे समय से सक्रिय एक आतंकी मॉड्यूल को उजागर कर दिया है।

यह हमला 2019 में अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद से अब तक का सबसे घातक हमला बताया जा रहा है। इस घटना के बाद भारत सरकार ने पाकिस्तान के खिलाफ उच्च-स्तरीय राजनयिक और सुरक्षा प्रतिक्रिया शुरू कर दी है। इस हमले के पीछे भले ही द रेजिस्टेंस फोर्स का नाम सामने आ रहा हो। लेकिन भारतीय एजेंसियों का मानना है कि इतने बड़े पैमाने पर आतंकी कार्रवाई में लश्कर का आका शामिल ना हो समझ से परे हैं।  पाकिस्तान पर इस आतंकवादी समूह के संचालकों और समर्थकों को पनाह देने का आरोप है।

लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े आतंकियों का हाथ

यह हमला प्रतिबंधित आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा (LeT) से संबद्ध एक खतरनाक समूह द्वारा अंजाम दिया गया, जिसमें अधिकांश विदेशी आतंकी शामिल थे। इन्हें घाटी के स्थानीय आतंकियों, ओवरग्राउंड वर्करों (OGWs) और 26/11 हमले के मास्टरमाइंड व लश्कर प्रमुख हाफिज सईद के निर्देश में सहयोग मिला।

मॉड्यूल की पिछली गतिविधियां

सूत्रों के अनुसार, यह आतंकी मॉड्यूल कश्मीर घाटी में लंबे समय से सक्रिय है। सुरक्षा एजेंसियों को शक है कि यह मॉड्यूल सोनमर्ग, बूटा पात्री और गांदरबल सहित कई बड़े आतंकी हमलों के पीछे रहा है। अक्टूबर 2024 में बूटा पात्री में एक हमले में चार लोगों की मौत हुई थी, जिनमें दो भारतीय सेना के जवान शामिल थे। उसी महीने सोनमर्ग में एक अन्य हमले में टनल निर्माण में लगे छह मजदूरों और एक डॉक्टर की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। पहलगाम नरसंहार के मुख्य आरोपी हाशिम मूसा को सोनमर्ग हमले का भी संदिग्ध माना जा रहा है।

जुनैद अहमद भट

सोनमर्ग हत्याकांड के बाद, इस मॉड्यूल के एक प्रमुख सदस्य जुनैद अहमद भट, जो कुलगाम का A+ श्रेणी का लश्कर आतंकी था, को दिसंबर 2024 में डाचीगाम में एक मुठभेड़ में मार गिराया गया। हालांकि, अन्य सदस्य भागने में कामयाब रहे और आसपास के जंगलों में छिप गए। आम तौर पर, किसी बड़े हमले के बाद ये आतंकी जंगलों में छिप जाते हैं और पाकिस्तान स्थित संचालकों से अगला आदेश मिलने तक वहीं रहते हैं।

लश्कर के शीर्ष नेतृत्व से सीधा संपर्क

माना जा रहा है कि यह मॉड्यूल सीधे लश्कर प्रमुख हाफिज सईद और उसके डिप्टी सैफुल्ला के नियंत्रण में है, जो पाकिस्तान से संचालन कर रहे हैं।भारतीय खुफिया एजेंसियों का मानना है कि इस मॉड्यूल को न सिर्फ आदर्शवादी समर्थन, बल्कि सैन्य, रणनीतिक और लॉजिस्टिक सहायता भी पाकिस्तान की सेना और ISI से मिलती है।हालांकि समूह में अधिकांश विदेशी आतंकी हैं, लेकिन इसमें स्थानीय लोग और ओवरग्राउंड वर्कर भी शामिल हैं, जो सहयोग और सुरक्षा कवच प्रदान करते हैं।

पहलगाम में तीन जगहों पर मौत का तांडव

बैसरन घाटी में आतंकी हमला तीन अलग-अलग स्थानों पर हुआ। पुलिस सूत्रों के अनुसार,एक स्थान पर पांच लोगों की एक साथ गोली मारकर हत्या की गई,दो को खुले मैदान में मारा गया। शेष लोगों को घाटी की चारदीवारी के पास निशाना बनाया गया।जो लोग फेंसिंग के ऊपर से कूदकर भागने में सफल रहे, वे बच गए।हमले से बचे कुछ चश्मदीदों ने बताया कि हमलावरों ने फायरिंग से पहले उनसे संक्षिप्त बातचीत भी की थी।

तीन संदिग्धों के स्केच जारी, ईनाम घोषित

गुरुवार को जम्मू-कश्मीर पुलिस ने हमले से जुड़े तीन संदिग्ध आतंकियों के स्केच जारी किए:

हाशिम मूसा उर्फ सुलेमान (पाकिस्तानी)

अली भाई उर्फ तल्हा (पाकिस्तानी)

अब्दुल हुसैन ठोकर (कश्मीर के अनंतनाग निवासी)

इनकी जानकारी देने पर 20 लाख रुपये के इनाम की घोषणा की गई है। साथ ही गुरुवार को सुरक्षा बलों ने पास के जंगलों में मॉड्यूल का एक ठिकाना भी उजागर किया।

Tags:    

Similar News