क्रिप्टो, संकट और ट्रंप कनेक्शन: जानिए पाकिस्तान के नए डिजिटल कानून की पूरी कहानी
Pakistan Virtual Asset Regulatory Authority: पाकिस्तान का यह नया कानून डिजिटल एसेट्स की दुनिया में उसके बढ़ते कदमों की पुष्टि करता है. लेकिन इसके साथ ही यह अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कई सवाल भी खड़े करता है. क्या पाकिस्तान IMF के दबाव और आंतरिक आर्थिक अस्थिरता के बीच डिजिटल क्रांति को संभाल पाएगा?;
Pakistan Virtual Assets Act 2025: डिजिटल करेंसी की दौड़ में पाकिस्तान ने अब एक और कदम आगे बढ़ा लिया है. महीनों पहले डोनाल्ड ट्रंप से जुड़ी अमेरिकी क्रिप्टो फर्म से गुपचुप पार्टनरशिप के बाद, अब पाकिस्तान ने "वर्चुअल एसेट्स एक्ट, 2025" को आधिकारिक मंजूरी दे दी है. इस कानून के जरिए पाकिस्तान ने क्रिप्टोकरेंसी को रेगुलेट करने की कोशिश की है. अब सवाल यह है कि क्या पाकिस्तान सच में डिजिटल क्रांति की ओर बढ़ रहा है या फिर वह अमेरिका और IMF के बीच कूटनीतिक संतुलन बनाने की कोशिश कर रहा है?
इस नए कानून के तहत पाकिस्तान में एक स्वायत्त केंद्रीय नियामक संस्था— पाकिस्तान वर्चुअल एसेट रेगुलेटरी अथॉरिटी (PVARA) — की स्थापना की गई है, जो अब देश में डिजिटल एसेट्स की निगरानी करेगी. यह कदम पाकिस्तान में बढ़ती क्रिप्टो गतिविधियों और आर्थिक चुनौतियों के बीच लिया गया है. यह कानून राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और फेडरल कैबिनेट द्वारा स्वीकृत किया गया है और इसका मकसद इस क्षेत्र को वैधता प्रदान करना है. अब कोई भी व्यक्ति या कंपनी जो पाकिस्तान में या पाकिस्तान से वर्चुअल एसेट सेवाएं प्रदान करना चाहती है, उसे PVARA से लाइसेंस प्राप्त करना अनिवार्य होगा.
क्रिप्टो कानून के प्रमुख बिंदु
PVARA के अधिकार: इस नई अथॉरिटी को व्यापक शक्तियां प्राप्त होंगी और इसके बोर्ड में स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान (SBP) के गवर्नर, वित्त, कानून और IT मंत्रालयों के सचिव, SECP, FBR और डिजिटल पाकिस्तान अथॉरिटी के प्रमुख शामिल होंगे. इसके अतिरिक्त वित्त, तकनीक या रेगुलेशन में अनुभव रखने वाले दो स्वतंत्र विशेषज्ञ और एक चेयरपर्सन होंगे.
रेगुलेटरी सैंडबॉक्स की व्यवस्था: कानून के अंतर्गत एक रेगुलेटरी सैंडबॉक्स का प्रावधान किया गया है, जहां नई टेक्नोलॉजी व सेवाओं का टेस्ट सीमित निगरानी में किया जा सकेगा.
नो-एक्शन रिलीफ लेटर: इससे स्टार्टअप्स को सीमित दायरे में बिना सरकारी कार्रवाई के प्रयोग की अनुमति मिलेगी.
वर्चुअल एसेट अपीलेट ट्रिब्यूनल: विवादों के निपटारे के लिए एक विशेष ट्रिब्यूनल गठित किया जाएगा, जिसमें कानूनी, वित्तीय और तकनीकी विशेषज्ञ होंगे.
इस्लामी वित्त सिद्धांत: इस कानून में शरिया मानदंडों का पालन भी अनिवार्य किया गया है. इसके लिए एक शरिया सलाहकार समिति बनाई गई है.
CBDC की तैयारी और SBP की भूमिका
इस कानून के साथ-साथ स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान (SBP) भी सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (CBDC) लॉन्च करने की तैयारी कर रहा है. गवर्नर जमील अहमद ने सिंगापुर में एक सम्मेलन के दौरान कहा कि SBP अब अंतिम चरण में है और वह अंतरराष्ट्रीय टेक्नोलॉजी पार्टनर्स के साथ मिलकर काम कर रहा है.
अमेरिका और ट्रंप कनेक्शन
इस कानून के पारित होने से पहले अप्रैल में अमेरिका की World Liberty Financial (WLF) — जो ट्रंप परिवार से जुड़ी है — ने पाकिस्तान को ब्लॉकचेन इंफ्रास्ट्रक्चर विकसित करने में मदद का वादा किया था. टेक्सास स्थित Fr8Tech नामक कंपनी ने भी $20 मिलियन तक का निवेश करने और ट्रंप से जुड़ी क्रिप्टोकरेंसी $TRUMP खरीदने की पेशकश की थी. विश्लेषकों का मानना है कि यह साझेदारी अमेरिका के राजनीतिक गलियारों में पाकिस्तान की पकड़ मजबूत करने की एक कूटनीतिक रणनीति हो सकती है.
पाकिस्तान की आर्थिक स्थिति
पाकिस्तान के केंद्रीय बैंक ने पहले ही स्पष्ट किया है कि वर्चुअल एसेट्स अवैध नहीं हैं, लेकिन जब तक पूरा लाइसेंसिंग ढांचा तैयार नहीं होता, वित्तीय संस्थानों को इससे दूर रहने की सलाह दी गई है. मई 2025 में ऐसी खबरें आई थीं कि पाकिस्तान ने 2,000 मेगावाट बिजली बिटकॉइन माइनिंग और AI डेटा सेंटरों के लिए आरक्षित की है, जिसे IMF ने अस्वीकार कर दिया. हालांकि, पाकिस्तान के पावर डिवीजन और IMF दोनों ने इन खबरों का खंडन किया है. पाकिस्तान की महंगाई जून में घटकर 3.2% पर आ गई — 9 वर्षों में सबसे कम. विदेशी मुद्रा भंडार भी $14.5 बिलियन तक पहुंच गया है. हालांकि, 2023 में 22% की ऐतिहासिक उच्च ब्याज दर हाल ही में घटाकर 11% की गई है.
वर्चुअल एसेट्स और मेटावर्स में पाकिस्तान की भागीदारी
पाकिस्तान की मेटावर्स वर्चुअल एसेट मार्केट तेजी से बढ़ रही है. Statista की 2025 रिपोर्ट के अनुसार. इस सेक्टर का आकार 2025 में $17.3 मिलियन और 2030 तक $106.7 मिलियन तक पहुंच सकता है. 2030 तक 8.24 लाख से अधिक यूजर्स इसमें शामिल हो सकते हैं. डिजिटल संपत्तियों की बढ़ती मांग के पीछे युवा आबादी, स्मार्टफोन का व्यापक उपयोग, AR/VR तकनीक की पहुंच और डिजिटल गेमिंग जैसे कारक जिम्मेदार हैं.
धोखाधड़ी और अवैध फंडिंग की चिंता
पाकिस्तान की फाइनेंशियल मॉनिटरिंग यूनिट (FMU) की 2021 की एक रिपोर्ट में चेतावनी दी गई थी कि वर्चुअल एसेट्स का उपयोग मनी लॉन्ड्रिंग और आतंकवाद फंडिंग में हो सकता है. जनवरी 2020 से जून 2021 के बीच 447 संदिग्ध ट्रांजैक्शन रिपोर्ट्स दर्ज हुईं, जिनमें करीब 701.9 मिलियन पाकिस्तानी रुपये शामिल थे. अधिकतर यूजर्स युवा आईटी प्रोफेशनल और वेतनभोगी वर्ग के लोग थे, जो बैंक अकाउंट्स, डेबिट/क्रेडिट कार्ड और अनौपचारिक चैनलों के ज़रिए लेनदेन कर रहे थे.