पाक सेना का दावा: तालिबान के 200 लड़ाके मारे गए, 23 सैनिकों की भी मौत

इन झड़पों से पहले खैबर पाक्तुख्वा के ओर्कज़ई जिले में टीटीपी द्वारा पाकिस्तान की सैन्य टुकड़ी पर किया गया हमला तनाव का कारण बना। उस हमले में 11 सैनिक मारे गए, जिनमें एक लेफ्टिनेंट कर्नल और एक मेजर शामिल थे।

Update: 2025-10-13 05:36 GMT
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पाकिस्तान सेना ने रविवार (12 अक्टूबर) को दावा किया कि पाकिस्तान-अफगानिस्तान सीमा पर रातभर चले भारी संघर्ष में कम से कम 23 पाकिस्तानी सैनिक और 200 से अधिक तालिबान व उनके सहयोगी आतंकवादी मारे गए हैं। यह झड़प ऐसे समय में हुई जब दोनों देशों के बीच सीमा पार हमलों को लेकर पहले से ही तनाव चरम पर है। पाकिस्तान सेना ने दावा किया कि अफगान बलों द्वारा की गई उकसावे वाली कार्रवाई के जवाब में 19 अफगान सैन्य चौकियों और आतंकी ठिकानों पर कब्ज़ा कर लिया गया है।

पाकिस्तानी सेना के अनुसार, यह कार्रवाई पाकिस्तान की संप्रभुता की रक्षा और सीमा क्षेत्रों में आतंकवाद को रोकने के लिए की गई थी। सेना ने बताया कि उसके जवानों ने नागरिकों को नुकसान से बचाने के लिए सभी संभव उपाय किए और सटीक हमलों के ज़रिए तालिबान के आतंकी शिविरों और प्रशिक्षण केंद्रों को निशाना बनाया। इस संघर्ष के दौरान पाकिस्तान ने तालिबान और उनके आतंकी सहयोगियों पर सीमा पार से हमले कर अशांति फैलाने का आरोप लगाया है। वहीं अफगानिस्तान ने पाकिस्तान पर सीमा उल्लंघन का आरोप लगाया है। इस संघर्ष ने पहले से तनावपूर्ण पाक-अफगान संबंधों को और अधिक बिगाड़ दिया है, खासकर ऐसे समय में जब तालिबान सरकार के विदेश मंत्री अमीर खान मुत्ताकी भारत दौरे पर हैं। पाकिस्तान ने स्पष्ट किया है कि वह अपनी सुरक्षा और संप्रभुता की रक्षा के लिए हरसंभव कदम उठाएगा और आतंक के खिलाफ यह अभियान जारी रहेगा।

पाकिस्तान का आरोप

पाकिस्तान की सेना ने एक बयान में कहा कि उसने शांति और कूटनीति को प्राथमिकता दी है। लेकिन अफगान जमीन को पाकिस्तान के विरुद्ध आतंकवाद के लिए उपयोग करने को वह बर्दाश्त नहीं करेगा। सेना ने कहा कि उसने नागरिक हताहतों से परे रहने की हर संभव कोशिश की और देश की संप्रभुता की रक्षा जारी रखेगी। उसी बयान में कहा गया कि यह अफगानिस्तान ने यह कार्रवाई तब की, जब मुत्ताकी भारत यात्रा पर थे। पाकिस्तान सेना ने आरोप लगाया कि 11-12 अक्टूबर की रात को अफगान तालिबान और टीटीपी (Tehreek-e-Taliban Pakistan) ने “उत्तेजनाहीन” हमला किया, जिसमें सीमावर्ती इलाकों को अस्थिर करने की कोशिश की गई ताकि आतंकवाद को सुविधाजनक बनाया जा सके।

सटीक प्रहार और सीमा पार ऑपरेशन

सेना ने बताया कि उसने इस हमले को सीमापार से संयमित तरीके से रोक दिया और तालिबान व टीटीपी को भारी क्षति पहुंचाई। साथ ही उसने कहा कि उसने तालिबान शिविरों, ठिकानों और आतंक प्रशिक्षण केंद्रों पर सटीक हमले किए। पाकिस्तानी सेना के अनुसार, 23 सैनिक मारे गए, 29 घायल हुए और 200 से अधिक दुश्मन ठिकानों को बेअसर किया गया। इस दौरान 21 अफगान ठिकानों को अस्थायी रूप से कब्जा किया गया। साथ ही, उन्होंने दावा किया कि तालिबान टैंक स्थानों, बटालियन हेडक्वार्टर्स और अन्य ठिकानों को नष्ट किया गया है। Durrani Camp No. 2 को भी निशाना बनाया गया, जिसमें 50 से अधिक आतंकियों की मौत हुई। खर्लाची और बरामचा क्षेत्रों में Doran Mela, Turkmanzai, Afghani Shaheedan और Jandoser सहित कई पोस्ट ध्वस्त हो गई।

अफगानिस्तान का जवाब

तालिबान-शासित अफगानिस्तान की रक्षा मंत्रालय ने पुष्टि की कि उसकी सेनाओं ने “पुनरावर्ती और सफल ऑपरेशन” किए। उसने चेतावनी दी कि यदि पाकिस्तान दोबारा अफगान क्षेत्रीय अखंडता का उल्लंघन करता है तो वे कड़ी कार्रवाई करने को तैयार हैं। अफगान सेनाओं ने पाकिस्तान के अंगूर अड्डा, बाज़ौर, कुर्मी, डीर, चितरल और बरामचा पोस्टों को निशाना बनाया। तालिबान प्रवक्ता ज़बिहुल्ला मुजाहिद ने कहा कि 58 पाकिस्तानी सैनिक मारे गए, 30 घायल हुए, जबकि अफगान पक्ष का दावा है कि 9 सैनिकों की मौत और 16 घायल हुए। उन्होंने ये भी कहा कि 20 पाकिस्तानी सुरक्षा आउट पोस्ट ध्वस्त किए गए और कई हथियार जब्त किए गए। मुजाहिद ने बताया कि इस लड़ाई को मध्यरात्रि में कतर और सऊदी अरब की सलाह पर अस्थायी रूप से रोका गया।

सीमापार हमले और मुकाबले

पाकिस्तान मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, कई अफगान सैनिक मारे गए और मिलिटेंटों को पीछे हटने पर मजबूर होना पड़ा। पाकिस्तान ने आर्टिलरी, टैंक्स, ड्रोन और हल्के-भारी हथियारों का इस्तेमाल किया। मीडिया रिपोर्ट्स के वीडियो में कुछ अफगान सैनिक कुर्रम में पैकिस्तानी सेनाओं के सामने आत्मसमर्पण करते दिखे।

पाकिस्तान ने दावा किया कि तालिबान-शासित क्षेत्र में छुपे Khawarij, Daesh और Fitna अड्डों को निशाना बनाया गया। बरामचा क्षेत्र में पाकिस्तानी पोस्टों पर भी भारी गोलीबारी हुई, जब अफगान बलों ने बंदूकें चलाईं। पाकिस्तानी सेना ने कहा कि उसने पिशिन और झोब जिलों में अफगान घुसपैठ प्रयासों को नाकाम कर दिया।

इन झड़पों से पहले खैबर पाक्तुख्वा के ओर्कज़ई जिले में टीटीपी द्वारा पाकिस्तान की सैन्य टुकड़ी पर किया गया हमला तनाव का कारण बना। उस हमले में 11 सैनिक मारे गए, जिनमें एक लेफ्टिनेंट कर्नल और एक मेजर शामिल थे। 9 अक्टूबर की रात काबुल में धमाकों की सूचना मिली, जिसे अफगानिस्तान ने पाकिस्तान पर आरोपित किया। इसके बाद अफगान सेनाओं ने पाकिस्तान पर हमला किया और पाकिस्तान ने अगले दिन प्रत्युत्तर में सीमा पार हमला किया।

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