पीएम मोदी की ब्रिक्स डिप्लोमेसी, अर्जेंटीना से लिथियम और ब्राजील से भरोसा
प्रधानमंत्री मोदी ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में भाग लेने ब्राजील पहुंचे। अर्जेंटीना में ऊर्जा, खनिज व फार्मा सहयोग पर हुई चर्चा, यूपीआई मॉडल भी पेश किया।;
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पांच देशों की यात्रा के क्रम में ब्राजील के रियो डी जनेरियो पहुंचे। यह उनकी पांच देशों की यात्रा का चौथा चरण है, जिसमें वे 17वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में भाग लेंगे और ब्राजील की राजधानी ब्रासीलिया में एक राजकीय यात्रा भी करेंगे।गालेओ अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर प्रधानमंत्री मोदी का पारंपरिक तरीके से स्वागत हुआ। होटल पहुंचने पर भारतीय समुदाय के लोगों ने "भारत माता की जय" के नारों से उनका स्वागत किया। मोदी ने एक्स (पूर्व ट्विटर) पर लिखा: "रियो डी जनेरियो पहुंचा हूं, जहां ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में भाग लूंगा और राष्ट्रपति लूला के निमंत्रण पर ब्रासीलिया जाऊंगा। उम्मीद है कि यह यात्रा उपयोगी होगी।"
6 दशक बाद ब्राजील की द्विपक्षीय यात्रा
प्रधानमंत्री मोदी 6 और 7 जुलाई को रियो डी जनेरियो में ब्रिक्स सम्मेलन में भाग लेंगे, इसके बाद वे ब्रासीलिया में राजकीय यात्रा करेंगे। यह पिछले छह दशकों में किसी भारतीय प्रधानमंत्री की पहली द्विपक्षीय यात्रा है।
ब्रिक्स विस्तार और नए सदस्य
ब्रिक्स में अब ब्राज़ील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका के साथ मिस्र, इथियोपिया, ईरान, सऊदी अरब और यूएई भी शामिल हो गए हैं। सम्मेलन के इतर मोदी विश्व नेताओं से मुलाकात भी करेंगे।
अर्जेंटीना में व्यापक चर्चा और सम्मान
ब्राजील से पहले प्रधानमंत्री मोदी अर्जेंटीना पहुंचे थे, जहां उन्होंने राष्ट्रपति जेवियर मिली से मुलाकात की। दोनों नेताओं ने द्विपक्षीय व्यापार, रक्षा, ऊर्जा, फार्मा, खनिज और खेल क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने पर सहमति जताई। मोदी को ब्यूनस आयर्स शहर की चाबी भी भेंट की गई।
टैगोर और गांधी को श्रद्धांजलि
मोदी ने गुरुदेव रवींद्रनाथ टैगोर और महात्मा गांधी को भी श्रद्धांजलि दी। टैगोर की 1924 की अर्जेंटीना यात्रा को याद करते हुए मोदी ने कहा कि उनकी शिक्षाएं आज भी प्रेरणास्रोत हैं। गांधी जी के विचारों को मानवता का मार्गदर्शन बताया।
खनिज, ऊर्जा और रक्षा में साझेदारी
भारत और अर्जेंटीना ने महत्वपूर्ण खनिजों, खासकर लिथियम, में सहयोग को बढ़ावा देने पर सहमति जताई। साथ ही रक्षा, शिक्षा, कृषि और डिजिटल तकनीक जैसे क्षेत्रों में साझेदारी को मजबूत करने का इरादा जताया गया। अर्जेंटीना के पास दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा शेल गैस और चौथा सबसे बड़ा शेल ऑयल भंडार है, जो भारत की ऊर्जा जरूरतों के लिए अहम है।
बाजार और फार्मा क्षेत्र में विस्तार
दोनों देशों ने कृषि और डेयरी उत्पादों के बाजार में पहुंच बढ़ाने पर भी जोर दिया। मोदी ने भारतीय दवाओं को अर्जेंटीना के बाजार में सुगमता से प्रवेश दिलाने के लिए रेगुलेटरी प्रक्रियाओं में बदलाव का सुझाव दिया।
UPI और डिजिटल इंडिया की प्रस्तुति
मोदी ने अर्जेंटीना में भारत के यूपीआई (यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस) की सफलता की भी जानकारी दी, जिसे अर्जेंटीना के राष्ट्रपति ने बड़ी रुचि से जाना। साथ ही ड्रोन तकनीक में साझेदारी की संभावनाओं पर भी चर्चा हुई।
राजकीय भोज और सामरिक साझेदारी
बातचीत के बाद राष्ट्रपति मिली ने प्रधानमंत्री मोदी के सम्मान में राजकीय भोज आयोजित किया। दोनों देशों ने 2019 में सामरिक साझेदारी का दर्जा प्राप्त किया था।
भारत-अर्जेंटीना व्यापार में वृद्धि
भारत और अर्जेंटीना के बीच 2024 में 5.23 बिलियन अमेरिकी डॉलर का द्विपक्षीय व्यापार हुआ, जिसमें भारत अर्जेंटीना का पांचवां सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार बना। अगस्त 2022 में खनिज संसाधनों पर सहयोग हेतु समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर हुए थे।
ब्रिक्स को लेकर प्रतिबद्धता
मोदी ने रवाना होने से पहले कहा कि भारत ब्रिक्स का संस्थापक सदस्य है और इस मंच के जरिए उभरती अर्थव्यवस्थाओं के बीच सहयोग को और मजबूत करने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने एक न्यायपूर्ण, लोकतांत्रिक और बहुध्रुवीय वैश्विक व्यवस्था के लिए ब्रिक्स की भूमिका को महत्वपूर्ण बताया।यह यात्रा घाना, त्रिनिडाड और टोबैगो, अर्जेंटीना, ब्राजील और नामीबिया जैसे देशों को जोड़ती है, जो प्रधानमंत्री मोदी की एक दशक में सबसे लंबी विदेश यात्रा है।