अलास्का में 7.3 तीव्रता का भूकंप, सुनामी की चेतावनी जारी
अलास्का प्रायद्वीप में गुरुवार तड़के 7.3 तीव्रता का भूकंप आया। उथली गहराई से आए इस झटके के बाद सुनामी की चेतावनी जारी की गई है।;
Alaska Earthquake: गुरुवार तड़के (स्थानीय समयानुसार) अमेरिका के अलास्का प्रायद्वीप में रिक्टर स्केल पर 7.3 तीव्रता का शक्तिशाली भूकंप आया। नेशनल सेंटर फॉर सिस्मोलॉजी (NCS) ने इसकी पुष्टि करते हुए बताया कि यह भूकंप ज़मीन की सतह से सिर्फ 36 किलोमीटर की गहराई पर आया, जो इसे और भी खतरनाक बना देता है।
NCS ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पूर्व ट्विटर) पर जानकारी देते हुए लिखा,भूकंप की तीव्रता: 7.3, दिनांक: 17/07/2025, समय: 02:07:42 IST, अक्षांश: 54.91°N, देशांतर: 160.56°W, गहराई: 36 किमी, स्थान: अलास्का प्रायद्वीप।"
सतही भूकंप ज्यादा खतरनाक क्यों?
विशेषज्ञों के अनुसार, जो भूकंप सतह के पास आते हैं यानी गहराई में कम होते हैं। वे ज़मीन पर ज्यादा तेज़ झटके पैदा करते हैं, जिससे ढांचागत नुकसान और मानव हानि की आशंका अधिक रहती है। 36 किलोमीटर की गहराई वाला यह भूकंप "शैलो" (shallow) कैटेगरी में आता है।
अलास्का के तटीय हिस्सों में सुनामी की चेतावनी
यूएस सुनामी वॉर्निंग सिस्टम के अनुसार, भूकंप के बाद अलास्का की खाड़ी के कुछ तटीय क्षेत्रों में सुनामी की चेतावनी जारी की गई है।The New York Times की रिपोर्ट के मुताबिक, यह चेतावनी अमेरिका की राष्ट्रीय मौसम सेवा द्वारा जारी की गई सबसे गंभीर अलर्ट में से एक है।
सुनामी वॉर्निंग का मतलब है कि नागरिकों को तुरंत उच्च भूमि या अंदरूनी इलाकों की ओर चले जाना चाहिए।सुनामी एडवाइजरी में लोगों को तटीय जल क्षेत्रों से दूर रहने की सलाह दी जाती है।सुनामी वॉच का अर्थ है कि विशेषज्ञ खतरे का मूल्यांकन कर रहे हैं, और जनता को अगली सूचना का इंतज़ार करना चाहिए।
क्यों अलास्का में इतनी बार आते हैं बड़े भूकंप?
अलास्का-अल्यूसियन सबडक्शन ज़ोन को दुनिया के सबसे भूकंप-सक्रिय क्षेत्रों में गिना जाता है।यह क्षेत्र पिछले सौ वर्षों में सबसे अधिक 8.0 से अधिक तीव्रता वाले भूकंपों का स्रोत रहा है।इस क्षेत्र में 130 से अधिक ज्वालामुखी और ज्वालामुखीय क्षेत्र हैं।अमेरिका में पिछले दो सौ वर्षों में जितने भी ज्वालामुखी फूटे हैं, उनमें से तीन-चौथाई से अधिक यहीं हुए हैं।अलास्का में अमेरिका के अन्य किसी भी हिस्से की तुलना में ज्यादा बड़े भूकंप आते हैं।
बढ़ता खतरा, बढ़ती आबादी
विशेषज्ञों का मानना है कि जैसे-जैसे आबादी समुद्र तटों की ओर बढ़ रही है, वैसे-वैसे भूकंप, भूस्खलन और सुनामी जैसे आपदाओं का सामाजिक प्रभाव भी बढ़ता जाएगा। समुद्री परिवेश में ये घटनाएं अक्सर एक साथ होती हैं और कभी-कभी दूर की गतिविधियां भी स्थानीय स्तर पर गंभीर प्रभाव डाल सकती हैं जिससे ये खतरा वैश्विक स्तर पर चिंता का विषय बन जाता है।