चीन में बोले रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, बॉर्डर पर भरोसा चाहिए, भ्रम नहीं
चीनी रक्षा मंत्री डोंग जून से रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मुलाकात की। दोनों नेताओं ने सीमा तनाव कम करने, पाक प्रायोजित आतंकवाद, कैलाश यात्रा बहाली पर चर्चा की।;
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने चीन के चिंगदाओ शहर में आयोजित शंघाई सहयोग संगठन (SCO) की रक्षा मंत्रियों की बैठक में भाग लिया। इस अवसर पर उन्होंने न सिर्फ़ आतंकवाद और उग्रवाद के ख़िलाफ़ एकजुटता की अपील की, बल्कि भारत-चीन द्विपक्षीय संबंधों, सीमा विवाद और आतंकवाद विरोधी रणनीति जैसे संवेदनशील मुद्दों पर भी स्पष्ट और सशक्त दृष्टिकोण प्रस्तुत किया।
डोंग जून से हुई खास बातचीत
राजनाथ सिंह ने चीनी रक्षा मंत्री एडमिरल डोंग जून से बैठक के बाद सोशल मीडिया पर लिखा कि चिंगदाओ में एससीओ रक्षा मंत्रियों की बैठक के दौरान चीन के रक्षा मंत्री एडमिरल डोंग जून के साथ बातचीत हुई। हमने द्विपक्षीय संबंधों से जुड़े मुद्दों पर रचनात्मक और दूरदर्शी विचारों को साझा किया।
बैठक के दौरान भारत-चीन संबंधों में नई जटिलताओं से बचने और सकारात्मक संवाद को बनाए रखने की आवश्यकता पर बल दिया गया। राजनाथ सिंह ने यह भी कहा कि भारत-चीन सीमा विवाद को सुलझाने के लिए विघटन प्रक्रिया को पूरी तरह लागू किया जाना चाहिए।
राजनाथ सिंह ने ऑपरेशन सिंदूर का हवाला देते हुए स्पष्ट किया कि यह भारत की पाकिस्तान प्रायोजित सीमा-पार आतंकवाद के खिलाफ सैद्धांतिक स्थिति को दर्शाता है। उन्होंने SCO सदस्यों से आतंकवाद और उग्रवाद के खिलाफ मिलकर कार्रवाई की अपील की।
सीमा विवाद पर दिए समाधान के सुझाव
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि विघटन प्रक्रिया (disengagement) को पूर्ण रूप से लागू किया जाए।सीमा तनाव कम करने की ठोस कोशिशें होनी चाहिए। सीमा सीमांकन और डीलिमिटेशन को लेकर प्रक्रिया में तेजी लाई जाए।मौजूदा विशेष प्रतिनिधि (SR) स्तर की व्यवस्था का बेहतर उपयोग कर मतभेदों को दूर किया जाए।
कैलाश मानसरोवर यात्रा का फिर से प्रस्ताव
करीब 6 वर्षों के अंतराल के बाद कैलाश मानसरोवर यात्रा को पुनः शुरू करने की योजना पर भी चर्चा हुई। राजनाथ सिंह ने इसे धार्मिक, सांस्कृतिक और द्विपक्षीय सद्भावना का प्रतीक बताया।
कला के माध्यम से सांस्कृतिक कूटनीति
इस मौके पर राजनाथ सिंह ने बिहार की पारंपरिक मधुबनी पेंटिंग चीनी रक्षा मंत्री को भेंट की।यह पेंटिंग मिथिला क्षेत्र की प्रसिद्ध लोककला है, जो चमकीले रंगों, आदिवासी रूपांकनों, और ज्यामितीय पैटर्न के लिए जानी जाती है। यह भेंट भारतीय संस्कृति और सौहार्द का प्रतीक बनी।
राजनाथ सिंह की यह चीन यात्रा केवल औपचारिकता नहीं थी, बल्कि भारत की कूटनीतिक रणनीति और क्षेत्रीय सुरक्षा के प्रति गंभीरता देखी जा रही है। द्विपक्षीय संबंधों में संतुलन, आतंकवाद के खिलाफ एकजुटता, और सीमा समाधान की दिशा में एक स्पष्ट, सशक्त और संतुलित दृष्टिकोण पेश किया है।