SCO में राजनाथ सिंह का पाक पर सीधा वार, कहा- आतंक का समर्थन शर्मनाक

चीन के चिंगदाओ में एससीओ बैठक में राजनाथ सिंह ने आतंकवाद पर पाकिस्तान को घेरा। उन्होंने कहा कि सीमा पार आतंक पर चुप्पी नहीं बल्कि दोषियों को सजा मिलनी चाहिए।;

Update: 2025-06-26 02:51 GMT
चीन के चिंगदाओ शहर में शंघाई सहयोग संगठन की बैठक चल रही है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने आतंकवाद के मुद्दे पर पाकिस्तान पर तीखा प्रहार किया। फोटो सौजन्य- पीटीआई

गुरुवार को चीन के चिंगदाओ शहर में आयोजित शंघाई सहयोग संगठन (SCO) के रक्षा मंत्रियों की बैठक में भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने आतंकवाद के खिलाफ एक बेहद कड़ा और स्पष्ट संदेश दिया। उन्होंने अप्रैल में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले की पृष्ठभूमि में पाकिस्तान को घेरते हुए कहा, कुछ देश सीमा पार आतंकवाद को अपनी नीति का औजार बनाकर आतंकियों को पनाह देते हैं। ऐसे दोहरे मापदंडों के लिए एससीओ में कोई जगह नहीं होनी चाहिए। संगठन को ऐसे देशों की आलोचना करने में संकोच नहीं करना चाहिए।


राजनाथ सिंह ने दो टूक शब्दों में कहा कि किसी भी प्रकार का आतंकवाद, चाहे उसका मकसद जो भी हो जब भी, जहां भी और जिस किसी ने भी किया हो आपराधिक और अक्षम्य है। एससीओ देशों को इस दानव की एक स्वर में निंदा करनी चाहिए। उन्होंने यह भी दोहराया कि आतंकवादी कृत्यों को अंजाम देने वालों, उन्हें संगठित करने वालों, वित्तपोषण करने वालों और समर्थन देने वालों को न्याय के कटघरे में लाना ज़रूरी है, विशेष रूप से सीमा पार आतंकवाद के मामलों में।

शांति और स्थिरता के लिए एकता की अपील

राजनाथ सिंह ने अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए क्षेत्रीय भू-राजनीतिक चुनौतियों की ओर ध्यान दिलाया और एससीओ देशों से एकजुट होकर इन खतरों का सामना करने की अपील की। उन्होंने कहा आज हमारे क्षेत्र के सामने सबसे बड़ी चुनौती है शांति, सुरक्षा और विश्वास की कमी। इन समस्याओं की जड़ है बढ़ती कट्टरता, उग्रवाद और आतंकवाद। जब तक आतंकवाद और सामूहिक विनाश के हथियार गैर-राज्य संगठनों के हाथ में हैं, तब तक शांति और समृद्धि साथ-साथ नहीं चल सकते। उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि इन चुनौतियों से निपटने के लिए निर्णायक कार्रवाई जरूरी है और हमें मिलकर इन बुराइयों के खिलाफ खड़ा होना होगा।

वैश्विक बदलाव और बहुपक्षीयता पर चिंता

राजनाथ सिंह ने एससीओ में आतिथ्य के लिए आभार व्यक्त करते हुए कहा कि दुनिया एक बड़े परिवर्तन के दौर से गुजर रही है। वैश्वीकरण, जिसने कभी हमें एक साथ लाने का काम किया था अब कमजोर हो रहा है। बहुपक्षीय व्यवस्थाओं की गिरती ताकत के कारण शांति, सुरक्षा और महामारी के बाद की अर्थव्यवस्था को फिर से खड़ा करना एक कठिन कार्य बन गया है।

पाकिस्तान मंत्री के साथ मंच साझा

राजनाथ सिंह गुरुवार को चिंगदाओ पहुंचे, जहां उनका स्वागत चीन के रक्षा मंत्री एडमिरल डोंग जून ने किया। बैठक की औपचारिक शुरुआत से पहले उन्होंने एससीओ के अन्य रक्षा मंत्रियों के साथ समूह तस्वीर में हिस्सा लिया, जिनमें पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ भी शामिल थे।

एससीओ की भूमिका और संरचना

शंघाई सहयोग संगठन एक क्षेत्रीय अंतर-सरकारी संस्था है, जिसकी स्थापना 2001 में हुई थी। इसका उद्देश्य सदस्य देशों के बीच आपसी विश्वास, राजनीतिक संवाद और सुरक्षा सहयोग को बढ़ावा देना है। यह संगठन आर्थिक, सांस्कृतिक और मानवीय संबंधों को मजबूत करते हुए पूरे क्षेत्र में शांति और स्थिरता को बढ़ावा देने का कार्य करता है।

भारत 2017 में एससीओ का पूर्ण सदस्य बना और तभी से इसकी बहुपक्षीय गतिविधियों में सक्रिय भूमिका निभा रहा है। 2023 में भारत ने संगठन की अध्यक्षता भी संभाली थी। मौजूदा समय में एससीओ के 10 सदस्य देश हैं-चीन, भारत, कज़ाख़स्तान, किर्गिस्तान, पाकिस्तान, रूस, ताजिकिस्तान, उज्बेकिस्तान, ईरान और बेलारूस। संगठन, संप्रभुता का सम्मान, आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप नहीं और सदस्य देशों के बीच समानता जैसे प्रमुख सिद्धांतों पर कार्य करता है। 2025 में चीन इस संगठन की अध्यक्षता कर रहा है और इस वर्ष का थीम है ‘शंघाई भावना को बनाए रखना: गतिशील एससीओ।

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