पुतिन का यूक्रेन के लिए 'अस्थायी संयुक्त राष्ट्र शासन' प्रस्ताव, शांति की पहल या रणनीति?
Vladimir Putin का यह प्रस्ताव एक नई दिशा में कदम बढ़ाने का संकेत है, जिसमें अस्थायी बाहरी शासन के माध्यम से शांति स्थापित करने का प्रयास किया जा रहा है.;
Vladimir Putin plan for Ukraine: रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने हाल ही में यूक्रेन में अस्थायी बाहरी शासन की योजना का प्रस्ताव रखा है, जिसे संयुक्त राष्ट्र की निगरानी में लागू किया जाएगा. पुतिन का कहना है कि यह कदम शांति स्थापित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल हो सकती है. इससे यूक्रेन को लोकतांत्रिक चुनावों का आयोजन करने, एक स्थिर और जनता का विश्वास प्राप्त करने वाली सरकार बनाने और फिर शांति समझौते पर बातचीत शुरू करने का अवसर मिलेगा.
रूस के राष्ट्रपति ने यह भी कहा कि वर्तमान यूक्रेनी सरकार के साथ किए गए किसी भी समझौते को भविष्य की सरकारों द्वारा चुनौती दी जा सकती है. इसी कारण उन्होंने यह सुझाव दिया कि अस्थायी शासन के तहत नए चुनावों का आयोजन किया जाए. पुतिन ने यह टिप्पणी रूस की एक परमाणु पनडुब्बी के क्रू के साथ बातचीत के दौरान की. उनका मानना है कि यदि यह प्रक्रिया संयुक्त राष्ट्र के संरक्षण में होती है तो यूक्रेन के लोग सही दिशा में चुनाव कर पाएंगे और एक मजबूत सरकार का गठन होगा.
ज़ेलेंस्की पर आरोप
पुतिन ने इस अवसर पर यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमीर ज़ेलेंस्की को भी निशाने पर लिया. उनका कहना था कि ज़ेलेंस्की, जिनका कार्यकाल समाप्त हो चुका है, शांति समझौते पर हस्ताक्षर करने के लिए वैध नहीं हैं. यह बयान पुतिन की ओर से यूक्रेनी सरकार और ज़ेलेंस्की की वैधता पर सवाल उठाने के रूप में देखा जा सकता है.
यूक्रेन का पलटवार
पुतिन के इस बयान पर यूक्रेनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता हीओरही तिखी ने तीखी प्रतिक्रिया दी. उन्होंने एक्स पर पोस्ट कर कहा कि हमारा काउंटर-ऑफर: रूस में अस्थायी संयुक्त राष्ट्र शासन होना चाहिए. ऐसा लगता है कि पुतिन के शासन से यूक्रेन के लोग किसी अन्य शासन को ज्यादा पसंद करेंगे. जो यूक्रेन के खिलाफ अपनी युद्ध अपराधों के लिए अरबों डॉलर खर्च कर रहा है.
अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया
पुतिन के बयान के कुछ घंटे बाद फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने एक शांति सम्मेलन आयोजित किया, जिसमें यूक्रेन के लिए शांति समझौते की दिशा में आगे बढ़ने के लिए अंतरराष्ट्रीय सैनिकों की तैनाती पर विचार किया गया. मैक्रों ने बताया कि फ्रांस और ब्रिटेन के अलावा कई अन्य देशों ने भी इस मिशन का हिस्सा बनने की इच्छा जताई है।. यह सम्मेलन यूक्रेन के लिए शांति प्रक्रिया की दिशा में एक सकारात्मक कदम साबित हो सकता है.