पन्नू मामले में अमेरिकी अदालत ने एनएसए डोभाल के खिलाफ जारी किया समन

एनएसए अजीत डोभाल के साथ पूर्व रॉ प्रमुख सामंत गोयल और रॉ एजेंट विक्रम यादव को भी तलब किया गया है, भारत के विदेश मंत्रालय ने इस समन को “पूरी तरह से अनुचित” बताया है.

Update: 2024-09-19 12:29 GMT

Khalistani Terrorist Gurpatwant Singh Pannun: अमेरिका की एक अदालत ने भारत के राष्ट्रिय सुरक्षा सलाहकार एनएसए अजित डोभाल, रॉ के पूर्व प्रमुख रॉ प्रमुख सामंत गोयल व् अन्यों को समन जारी किये हैं, वो भी खालिसतनी आतंकी गुर्पत्वंत सिंह पन्नू की हत्या की साजिश रचने से सम्बंधित मामले में. अमेरिकी अदालत की इस कार्रवाई को भारत सरकार ने अनुचित करार दिया है.

न्यूयॉर्क के दक्षिणी जिले के अमेरिकी जिला न्यायालय द्वारा सम्मनित लोगों में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल, पूर्व रॉ प्रमुख सामंत गोयल, रॉ एजेंट विक्रम यादव और भारतीय व्यवसायी निखिल गुप्ता शामिल हैं. निखिल गुप्ता को जून में चेक गणराज्य से गिरफ्तार कर अमेरिका प्रत्यर्पित किया गया था.
अदालत ने भारत सरकार से 21 दिनों के भीतर जवाब दाखिल करने को कहा है. केंद्र ने अभी तक समन का जवाब नहीं दिया है.

भारत सरकार ने पन्नू के "पूर्ववर्ती इतिहास" की ओर ध्यान दिलाया
विदेश मंत्रालय ने अमेरिकी अदालत के समन को "पूरी तरह से अनुचित" बताया है. विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने मीडिया ब्रीफिंग में बताया कि जब यह मुद्दा सरकार के ध्यान में लाया गया तो सरकार ने "कार्रवाई की" और एक उच्च स्तरीय समिति इस मामले की जांच कर रही है. मिस्त्री ने पन्नू के "पूर्ववर्ती" और इस तथ्य की ओर भी ध्यान आकर्षित किया कि वह एक गैरकानूनी संगठन, कट्टरपंथी सिख फॉर जस्टिस का प्रमुख है. भारत ने उसे 2020 में आतंकवादी घोषित किया था. पन्नू को भड़काऊ भाषण देने और भारतीय नेताओं और संस्थानों को धमकियाँ देने के लिए जाना जाता है. इससे पहले, विदेश मंत्री एस जयशंकर ने इस बात पर जोर दिया था कि पन्नू का मुद्दा भारत-अमेरिका संबंधों की “उन्नत दिशा” को प्रभावित नहीं करेगा.

अब तक का मामला
पन्नू की कथित हत्या की साजिश पिछले साल नवंबर में तब सामने आई थी जब ब्रिटेन के अखबार फाइनेंशियल टाइम्स ने खबर दी थी कि अमेरिका ने इस तरह की कोशिश को नाकाम कर दिया है. पन्नू के पास अमेरिका और कनाडा की दोहरी नागरिकता है. बाद में जो बिडेन प्रशासन ने इस रिपोर्ट की पुष्टि की थी. निखिल गुप्ता पर हत्या के प्रयास की योजना बनाने का आरोप लगाया गया है. जून में, अपने प्रत्यर्पण के बाद, उसने एक अमेरिकी अदालत में खुद को निर्दोष बताया. अदालती दस्तावेजों के अनुसार, गुप्ता एक भारतीय नागरिक है जो भारत में रहता है और इंटरसेप्ट किए गए संचार में उसने खुद स्वीकार किया है कि वह अंतरराष्ट्रीय मादक पदार्थों और हथियारों की तस्करी में शामिल है.
अमेरिकी अभियोजकों ने आरोप लगाया है कि गुप्ता ने एक भारतीय सरकारी अधिकारी के साथ मिलकर पन्नू की हत्या की साजिश रची थी ताकि "राजनीतिक कार्यकर्ता" को उसकी "अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता" का प्रयोग करने के लिए चुप कराया जा सके. अदालती दस्तावेजों में CC-1 के रूप में पहचाने जाने वाले इस अधिकारी को खुफिया पृष्ठभूमि वाले "वरिष्ठ फील्ड अधिकारी" के रूप में वर्णित किया गया है. उसने कथित तौर पर मई 2023 में पन्नुन की हत्या की योजना बनाने के लिए गुप्ता को भर्ती किया था.


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