ट्रंप प्रशासन के खिलाफ अमेरिका में ‘नो किंग्स’ रैलियां, हज़ारों प्रदर्शनकारी शामिल हुए
लोग वाशिंगटन और अन्य शहरों में ट्रंप की तानाशाही प्रवृत्तियों के खिलाफ प्रदर्शन के लिए एकत्र हुए।
अमेरिका के विभिन्न शहरों में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के नेतृत्व वाली सरकार के खिलाफ 2000 से अधिक ‘नो किंग्स’ रैलियों का आयोजन किया गया। प्रदर्शनकारी वाशिंगटन और अन्य शहरों में ट्रंप की तानाशाही प्रवृत्तियों और लोकतंत्र विरोधी कार्यों के खिलाफ एकत्र हुए।
इन प्रदर्शनों को अमेरिकी रिपब्लिकन पार्टी द्वारा ‘हेट अमेरिका’ रैलियों के रूप में वर्णित किया जा रहा है। रैलियों के आयोजकों के अनुसार लाखों लोग शहरों, छोटे कस्बों और कुछ विदेशी राजधानी शहरों में दिन के अंत तक प्रदर्शन में शामिल होने की उम्मीद जताई गई थी।
पहली ‘नो किंग्स’ रैली जून में हुई थी, और ट्रंप प्रशासन के विवादित कदमों के बाद इस रैली में उपस्थित लोगों की संख्या बढ़ने की उम्मीद थी। इनमें राष्ट्रपति के राजनीतिक विरोधियों के खिलाफ आपराधिक कार्रवाई, इमिग्रेशन छापे, और कई अमेरिकी शहरों में संघीय सैनिकों की तैनाती शामिल हैं।
वाशिंगटन में प्रदर्शनकारियों ने सड़कों पर मार्च किया और अमेरिकी कैपिटल तक रैली निकाली, जिसमें उत्सव जैसा माहौल देखने को मिला। प्रदर्शनकारियों ने पोस्टर, अमेरिकी झंडे और गुब्बारे ले रखे थे, और कुछ ने वेशभूषा भी पहन रखी थी। वाशिंगटन के अलावा न्यूयॉर्क, बेस्टन, शिकागो और अटलांटा में भी ‘नो किंग्स’ रैलियों ने बड़ी संख्या में लोगों को आकर्षित किया।
‘मैं राजा नहीं हूं,’ कहते हैं ट्रंप
रैलियों के शुरू होने के बाद ट्रंप ने अभी तक कोई टिप्पणी नहीं की है, लेकिन उन्होंने योजनाबद्ध रैलियों पर संक्षिप्त प्रतिक्रिया दी। उन्होंने फॉक्स बिज़नेस को दिए इंटरव्यू में कहा, “वे मुझे राजा कह रहे हैं – मैं राजा नहीं हूं।”
‘नो किंग्स’ मार्च के आयोजन में लगभग 300 स्थानीय स्तर की ग्रासरूट्स समूहों ने मदद की, जिसमें इंडिविज़िबल की सह-संस्थापक लीया ग्रीनबर्ग मुख्य आयोजक हैं। रायटर्स के अनुसार, इन मार्चों का समर्थन कई नेताओं ने किया, जिनमें प्रगतिशील स्वतंत्र सीनेटर बर्नी सैंडर्स और प्रगतिशील डेमोक्रेट अमेरिकी प्रतिनिधि अलेक्ज़ेंड्रिया ओकासियो-कोर्टेज़ शामिल हैं।