ईरान में लापता 3 भारतीयों के अपहरण का आरोप,परिजन बोले, फिरौती मांगी गई
भारत ने ईरानी अधिकारियों से लापता लोगों की तलाश और सुरक्षा सुनिश्चित करने की अपील की। परिजनों का आरोप है कि वो 1 मई से अगवा हैं और अपहरणकर्ताओं ने फिरौती मांगी;
ईरान की यात्रा के बाद तीन भारतीय नागरिक लापता हो गए हैं। ईरान की राजधानी तेहरान में स्थित भारतीय दूतावास ने बुधवार को यह जानकारी दी। दूतावास ने ईरानी अधिकारियों से अनुरोध किया है कि वे लापता भारतीयों की तत्काल तलाश करें और उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करें।
दूतावास ने X पर पोस्ट करते हुए कहा, “तीन भारतीयों के परिवारों ने भारतीय दूतावास को सूचित किया है कि उनके परिजन ईरान की यात्रा के बाद से लापता हैं। दूतावास ने इस मामले को ईरानी अधिकारियों के सामने मजबूती से उठाया है और अनुरोध किया है कि लापता भारतीयों को शीघ्र खोजा जाए और उनकी सुरक्षा सुनिश्चित की जाए।”
तेहरान स्थित भारतीय मिशन ने यह भी कहा कि वह लापता व्यक्तियों की तलाश के प्रयासों के बारे में उनके परिवारों को नियमित रूप से जानकारी दे रहा है।
इस बीच, पंजाब के रहने वाले एक युवक की मां ने आरोप लगाया है कि उन्हें 1 मई से ईरान में अगवा कर लिया गया है और अपहरणकर्ताओं ने उन्हें रिहा करने के बदले फिरौती की मांग की है। तीनों युवक पंजाब के संगरूर, नवांशहर और होशियारपुर जिलों के निवासी हैं।
वे दिल्ली से फ्लाइट लेकर निकले थे और उन्हें ऑस्ट्रेलिया वर्क परमिट पर जाना था। लेकिन ट्रैवल एजेंटों ने उन्हें यह कहकर ईरान भेज दिया कि वहां उन्हें अस्थायी रूप से रुकना होगा। बाद में उनका अपहरण हो गया।
संगरूर निवासी हुसनप्रीत की मां ने आरोप लगाया कि ट्रैवल एजेंटों ने उनसे पैसे लिए और बदनाम 'डंकी रूट' के जरिए उन्हें ईरान भेज दिया।
महिला ने यह भी आरोप लगाया कि अपहरण के बाद पुरुषों की तस्वीरें और वीडियो उन्हें भेजी गई हैं, जिनमें उनके हाथ रस्सियों से बंधे हुए दिखाई दे रहे हैं और शरीर पर कट और चोट के निशान हैं। परिजन अपहरण के शुरुआती कुछ दिनों में उनसे बात कर पाए थे, लेकिन 11 मई के बाद से कोई संपर्क नहीं हो पाया।
यह भी पता चला है कि होशियारपुर का एजेंट, जिसने युवकों को ईरान भेजा था, फरार है। परिजनों ने उसके खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है।
इसी बीच, लापता युवक अमृतपाल (होशियारपुर निवासी) के परिजनों ने पंजाब सरकार के कैबिनेट मंत्री कुलदीप सिंह ढालीवाल और होशियारपुर से सांसद डॉ. राजकुमार से भी मुलाकात की और अपने बच्चों को सुरक्षित घर लाने की मदद मांगी।
यह घटना ऐसे समय सामने आई है जब कुछ महीने पहले सैकड़ों भारतीय नागरिक, जिनमें से अधिकतर पंजाब से थे, डंकी रूट के जरिए अमेरिका भेजे गए और फिर उन्हें भारत वापस भेज दिया गया।