जिसने अभिनंदन को पकड़ा, वो अब खुद आतंक का निशाना बना

TTP के हमले में पाकिस्तान के मेजर मोइज़ अब्बास की मौत हो गई है। अब्बास ने 2019 में अभिनंदन वर्थमान की गिरफ्तारी का दावा किया था।;

Update: 2025-06-26 05:03 GMT
मोइज अब्बास ने 2019 बालाकोट स्ट्राइक के दौरान विंग कमांडर अभिनंदन को पकड़ने का दावा किया था।

पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI और सेना को एक बड़ा झटका तब लगा जब मंगलवार को खैबर पख्तूनख्वा के वज़ीरिस्तान क्षेत्र में तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (TTP) के लड़ाकों ने अलग-अलग घात लगाकर किए हमलों में एक मेजर रैंक के अधिकारी समेत दर्जनभर से अधिक सुरक्षाकर्मियों को मार डाला।मारे गए अधिकारी की पहचान मेजर मोइज़ अब्बास के रूप में हुई है, जो पाकिस्तान की 6 कमांडो बटालियन (SSG) से जुड़े थे। अब्बास वही अधिकारी हैं, जिन्होंने 2019 में भारतीय वायुसेना के पायलट अभिनंदन वर्थमान को पकड़ने का दावा किया था।

अभिनंदन की गिरफ्तारी से लेकर वज़ीरिस्तान में अंत तक

27 फरवरी 2019 को बालाकोट एयरस्ट्राइक के ठीक अगले दिन भारत और पाकिस्तान के बीच हुए हवाई संघर्ष में विंग कमांडर अभिनंदन ने एक पाकिस्तानी F-16 को मार गिराया था। उनका खुद का मिग-21 विमान भी क्रैश हो गया था और वह पाकिस्तान की जमीन पर उतरे थे, जहां उन्हें तीन दिन तक कैद में रखा गया और फिर 1 मार्च को भारत को सौंप दिया गया। भारत ने अभिनंदन को वीर चक्र से सम्मानित किया और उन्हें ग्रुप कैप्टन के पद पर पदोन्नत किया गया।

दूसरी ओर, पाकिस्तान ने अब्बास को उस कार्रवाई के लिए मानद मेजर का दर्जा दिया था। एक वायरल वीडियो में वह पाकिस्तानी मीडिया से बातचीत में अभिनंदन की गिरफ्तारी और उन्हें भीड़ से बचाने का ज़िक्र करते दिखते हैं।

मेजर अब्बास की मौत और पाकिस्तानी नेतृत्व की प्रतिक्रिया

पाकिस्तानी सेना की मीडिया शाखा ISPR ने अब्बास की मौत की पुष्टि की और कहा, उन्होंने अगुवाई करते हुए बहादुरी से लड़ाई लड़ी और देश के लिए सर्वोच्च बलिदान दिया। उनके साथ लांस नायक जिबरान उल्लाह भी शहीद हुए। अब्बास का अंतिम संस्कार बुधवार को किया गया, जिसमें पाकिस्तानी सेना प्रमुख फील्ड मार्शल असीम मुनीर ने भाग लिया। राष्ट्रपति आसिफ जरदारी और प्रधानमंत्री शहबाज़ शरीफ ने शोक व्यक्त करते हुए उन्हें ‘फितना-ए-खवारिज़’ (TTP लड़ाकों के लिए प्रयुक्त पाकिस्तानी शब्द) के खिलाफ लड़ने वाला बहादुर सिपाही बताया।

TTP का दोहरा हमला और ISPR का भारत पर आरोप

पाकिस्तानी सुरक्षा सूत्रों के अनुसार, TTP ने दक्षिण वज़ीरिस्तान के सरारोग़ा और कुर्रम ज़िलों में पाकिस्तानी सेना पर घात लगाकर हमले किएष कुर्रम में 8 सैनिक मारे गए और 10 घायल हुए।दक्षिण वज़ीरिस्तान में कम से कम 6 जवानों की मौत हुई। TTP ने सेना की गाड़ियाँ नष्ट कीं और हथियार भी कब्जे में लिए।TTP ने अपने टेलीग्राम अकाउंट से इन दोनों हमलों के वीडियो जल्द जारी करने की बात कही है।

वहीं ISPR ने अपने बयान में दावा किया कि 11 TTP लड़ाकों को मारा गया, और उन्हें भारत समर्थित आतंकी कहा। यह ISPR की पुरानी रणनीति है जिससे वह अफगानिस्तान या तालिबान का नाम लेने से बचती है।

TTP को लेकर पाकिस्तान की दोहरी रणनीति पर सवाल

इस हमले ने पाकिस्तान की आंतरिक सुरक्षा की पोल एक बार फिर खोल दी है। लंबे समय तक TTP जैसे संगठनों को रणनीतिक उद्देश्यों के लिए समर्थन देने वाला पाकिस्तान अब खुद उनके निशाने पर है। वहीं, हर बार की तरह ISPR की ओर से भारत का नाम लेकर बाहरी साज़िश की थ्योरी पेश की गई, लेकिन यह पाकिस्तान के अंदर बढ़ती कट्टरता, असंतोष और सुरक्षा व्यवस्था की कमजोरियों को ढक नहीं पा रही है।

मेजर मोइज़ अब्बास की मौत और दर्जनों सैनिकों की शहादत TTP के खतरनाक विस्तार और पाकिस्तान की जमीनी विफलताओं की गंभीर चेतावनी है। अभिनंदन वर्थमान को पकड़ने का दावा करने वाला अधिकारी अब उसी देश में आतंकवाद का शिकार बन गया, जिसने उसे नायक बताया था। TTP की यह चुनौती पाकिस्तान के लिए सिर्फ सैन्य नहीं, बल्कि राजनीतिक, वैचारिक और रणनीतिक मोर्चे पर भी बड़ा संकट है।

Tags:    

Similar News