रायटर्स का दावा यूक्रेन कर रहा भारतीय गोला बारूद का इस्तेमाल; भारत ने किया ख़ारिज

यूरोपीय खरीदार भारत निर्मित हथियार यूक्रेन भेज रहे हैं; रूस और पश्चिम के बीच संतुलन बनाने की दिल्ली की कोशिशों के बीच भारत ने अभी तक हथियारों का प्रवाह नहीं रोका है, रायटर्स के इस दावे को भारतीय विदेश मंत्रालय ने निराधार और शरारतपूर्ण बताया है.

Update: 2024-09-19 16:29 GMT

Indian Ammunition In Ukraine: भारत में न्यूज़ एजेंसी रायटर्स की उस रिपोर्ट को खारिज किया है, जिसमें ये दावा किया गया है कि रूस के खिलाफ युद्ध में यूक्रेन भारत निर्मित गोला बारूद इस्तेमाल कर रहा है. रिपोर्ट में ये भी दावा किया गया है कि भारतीय निर्माताओं द्वारा बेचे गए गोला-बारूद को यूरोपीय ग्राहकों द्वारा यूक्रेन भेज दिया गया है और नई दिल्ली ने इस व्यापार को रोका भी नहीं है. रायटर्स की इस रिपोर्ट पर प्रतिक्रिया देते हुए भारतीय विदेश मंत्रालय ने इसे "गलत और शरारतपूर्ण" करार दिया है. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने गुरुवार को कहा, "हमने रॉयटर्स की रिपोर्ट देखी है, जो कयासबाजी पर आधारित भ्रामक रिपोर्ट है. इसमें भारत द्वारा उल्लंघन का संकेत दिया गया है, जबकि ऐसा कुछ भी नहीं है और इसलिए ये गलत और शरारतपूर्ण है.''

जायसवाल ने कहा, "भारत अपने रक्षा निर्यात को अपने अंतर्राष्ट्रीय दायित्वों को ध्यान में रखते हुए और अपने स्वयं के मजबूत कानूनी और नियामक ढांचे के आधार पर कर रहा है, जिसमें अंतिम उपयोगकर्ता दायित्वों और प्रमाणन सहित प्रासंगिक मानदंडों का समग्र मूल्यांकन शामिल है."

रायटर्स की रिपोर्ट में 11 भारतीय और यूरोपीय अधिकारीयों से बातचीत का दावा
रॉयटर्स की रिपोर्ट में अधिकारियों के साथ बातचीत और सीमा शुल्क डेटा के विश्लेषण का हवाला दिया गया है. अपनी रिपोर्ट में, रॉयटर्स ने ग्यारह भारतीय और यूरोपीय सरकार और रक्षा उद्योग के अधिकारियों के साथ बातचीत और व्यावसायिक रूप से उपलब्ध सीमा शुल्क डेटा के विश्लेषण का हवाला देते हुए दावा किया कि भारतीय हथियार निर्माताओं द्वारा बेचे गए तोपखाने के गोले यूरोपीय ग्राहकों द्वारा यूक्रेन भेजे गए थे और भारत सरकार ने मास्को के विरोध के बावजूद व्यापार को रोकने के लिए हस्तक्षेप नहीं किया.
रिपोर्ट में ये भी दावा किया गया है कि रूस के खिलाफ युद्ध में यूक्रेन की मदद करने वाले हथियारों की आपूर्ति एक साल से अधिक समय से हो रही थी और क्रेमलिन ने जुलाई में विदेश मंत्री एस जयशंकर और उनके रूसी समकक्ष सर्गेई लावरोव के बीच हुई बैठक के दौरान कम से कम दो बार भारत के साथ इस मुद्दे को उठाया था.
रिपोर्ट में ये भी दावा किया गया है कि भारतीय हथियार निर्यात नियम निर्दिष्ट करते हैं कि हथियारों का उपयोग केवल घोषित खरीदार द्वारा ही किया जा सकता है और यदि अनधिकृत हस्तांतरण होते हैं तो उन्हें भविष्य में बिक्री रोकी जा सकती है.

इटली और चेक गणराज्य का ज़िक्र
रिपोर्ट में कहा गया है कि "यूक्रेन को भारतीय हथियार भेजने वाले यूरोपीय देशों में इटली और चेक गणराज्य शामिल हैं, जो कीव को यूरोपीय संघ के बाहर से तोप के गोले की आपूर्ति करने की पहल का नेतृत्व कर रहे हैं, ऐसा स्पेन के एक वरिष्ठ भारतीय अधिकारी और यंत्र इंडिया के एक पूर्व शीर्ष अधिकारी ने बताया है, ये एक सरकारी स्वामित्व वाली कंपनी है जिसके हथियारों का इस्तेमाल यूक्रेन द्वारा किया जा रहा है." 
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