रूसी तेल पर असहमति लेकिन रिश्ते मजबूत,सर्जियो गोर बोले- जल्द सुलझेगा टैरिफ विवाद

भारत में अगले अमेरिकी राजदूत नामित सर्जियो गोर ने कहा कि भारत-अमेरिका के बीच टैरिफ विवाद बड़े नहीं हैं और जल्द सुलझ सकते हैं रिश्ते मजबूत बने रहेंगे ।;

Update: 2025-09-12 02:17 GMT
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भारत में अगले राजदूत पद के लिए चुने गए अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के करीबी सहयोगी सर्जियो गोर ने कहा है कि अमेरिका और भारत के बीच टैरिफ को लेकर बड़े मतभेद नहीं हैं और आने वाले हफ्तों में इन समस्याओं का समाधान निकल सकता है।

गोर ने सीनेट समिति की सुनवाई में कहा कि हालिया विवादों और भारत द्वारा रूसी तेल की खरीद पर असहमति के बावजूद, दोनों देशों के रिश्ते रणनीतिक रूप से बेहद महत्वपूर्ण बने हुए हैं। उन्होंने साफ किया कि राष्ट्रपति ट्रंप चाहते हैं कि भारत रूसी तेल की खरीद बंद करे। साथ ही, उन्होंने यह भी रेखांकित किया कि ब्रिक्स जैसे मंच पर भारत कई मुद्दों पर अमेरिका के पक्ष में रहा है।

ट्रंप के करीबी और रणनीतिक रिश्तों पर जोर

सर्जियो गोर फिलहाल व्हाइट हाउस प्रेसिडेंशियल पर्सनल ऑफिस के डायरेक्टर हैं और ट्रंप के भरोसेमंद सहयोगी माने जाते हैं। उनका भारत में अमेरिकी राजदूत के रूप में नामित होना दोनों देशों के रिश्तों के नए अध्याय की शुरुआत माना जा रहा है, जिसमें व्यापार, सुरक्षा और रणनीतिक साझेदारी अहम होंगे।



अमेरिकी विदेश मंत्री का बयान

अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने सीनेट पैनल के सामने गोर का परिचय कराते हुए कहा कि भारत और अमेरिका के संबंध भविष्य की वैश्विक राजनीति तय करेंगे। उन्होंने जोर दिया कि 21वीं सदी की कहानी इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में लिखी जाएगी, जहां भारत की भूमिका केंद्रीय है। इसी कारण अमेरिका ने अपने इंडो-पैसिफिक कमांड को और मजबूत किया है।

रुबियो ने कहा कि भारत-अमेरिका रिश्ते असाधारण बदलाव के दौर से गुजर रहे हैं और कई अहम मुद्दों जैसे यूक्रेन युद्ध और क्षेत्रीय मामलों पर दोनों देशों को मिलकर काम करना होगा।

व्यापारिक परिदृश्य

वर्तमान में भारत और अमेरिका के बीच सालाना 190 अरब डॉलर से अधिक का द्विपक्षीय व्यापार होता है। हालांकि, हाल के दिनों में व्यापारिक तनाव बढ़ा है।अमेरिका ने भारत पर 50% टैरिफ लगाया है, जबकि शुरुआत में इसे 25% रखा गया था।27 अगस्त से लागू इस बढ़े हुए टैरिफ का कारण भारत द्वारा रूसी तेल की खरीद बताया गया।

भारत ने कृषि और डेयरी क्षेत्र खोलने से इनकार कर दिया, जिससे बातचीत प्रभावित हुई।हालांकि हालात तनावपूर्ण हैं, लेकिन दोनों देशों के नेताओं का मानना है कि आने वाले हफ्तों में टैरिफ और व्यापार से जुड़े विवाद सुलझ सकते हैं। रणनीतिक और सुरक्षा साझेदारी को देखते हुए अमेरिका भारत को एशिया में चीन के प्रभाव का संतुलन बनाने वाला अहम सहयोगी मानता है।

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