रणनीतिक तटस्थता या समीकरण का संतुलन? अमेरिका की पाकिस्तान नीति पर सवाल

अमेरिकी जनरल कुरिल्ला ने कहा कि आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में पाकिस्तान अहम साझेदार है और अमेरिका को भारत-पाक दोनों से संबंध बनाए रखने होंगे।;

Update: 2025-06-11 16:23 GMT

एक वरिष्ठ अमेरिकी जनरल ने हाल ही में अमेरिकी कांग्रेस की हाउस आर्म्ड सर्विसेज कमेटी के समक्ष गवाही देते हुए स्पष्ट किया है कि अमेरिका को भारत और पाकिस्तान दोनों के साथ मजबूत संबंध बनाए रखने की आवश्यकता है। उन्होंने जोर देते हुए कहा कि यह कोई द्विध्रुवीय समीकरण नहीं है, जिसमें एक को चुनने के लिए दूसरे को छोड़ना पड़े।

टाइम्स ऑफ इंडिया में छपी रिपोर्ट के अनुसार यह बयान जनरल माइकल कुरिल्ला, प्रमुख, यूएस सेंट्रल कमांड ने दिया, जिन्होंने क्षेत्रीय आतंकवाद के विरुद्ध अमेरिका के संघर्ष में पाकिस्तान की भूमिका की सराहना की। उन्होंने कहा, अमेरिका को आतंकवाद के विरुद्ध अपनी लड़ाई के लिए इस क्षेत्र में पाकिस्तान की साझेदारी की सख्त आवश्यकता है।”

पाकिस्तान की भूमिका की प्रशंसा

जनरल कुरिल्ला ने पाकिस्तान को शानदार साझेदार करार देते हुए कहा कि वह आईएसआईएस-खुरासान (ISIS-K) के खिलाफ सक्रिय आतंकवाद-रोधी अभियान चला रहा है, वह भी अमेरिकी खुफिया जानकारी की सीमित सहायता के बावजूद। उन्होंने बताया कि आईएसआईएस-के दुनिया भर में हमलों की साजिश रचने में सबसे सक्रिय समूहों में से एक है, जिनमें अमेरिका को निशाना बनाने वाले षड्यंत्र भी शामिल हैं।

उन्होंने कहा, तालिबान और आईएसआईएस-के के बीच गहरी दुश्मनी है। तालिबान ने कई आतंकियों को अफगान-पाक सीमा के कबायली इलाकों में खदेड़ दिया है। ऐसे में पाकिस्तान के साथ हमारी मजबूत साझेदारी के तहत उन्होंने दर्जनों ISIS-K आतंकियों को मार गिराया है।

जाफर की गिरफ्तारी और अमेरिका प्रत्यर्पण

जनरल ने इस दौरान एबीगेट बम धमाके के मास्टरमाइंडों में शामिल जाफर की गिरफ्तारी और अमेरिका प्रत्यर्पण का भी उल्लेख किया। उन्होंने बताया कि पाकिस्तानी सेना प्रमुख जनरल मुनिर ने स्वयं उन्हें इसकी जानकारी दी थी। कुरिल्ला के अनुसार, जनरल मुनिर ने मुझे फोन कर कहा  हमने जाफर को पकड़ लिया है, हम उसे अमेरिका प्रत्यर्पित करेंगे। कृपया रक्षा सचिव और राष्ट्रपति को बताएं।”

पाकिस्तान पर आतंकवादी हमलों का खतरा

उन्होंने बताया कि 2024 की शुरुआत से अब तक पाकिस्तान के पश्चिमी हिस्से में एक हजार से अधिक आतंकी हमले हो चुके हैं, जिनमें करीब 700 सुरक्षा बलों और आम नागरिकों की मौत हुई और 2500 से अधिक घायल हुए हैं। पाकिस्तान इस समय सक्रिय आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में है। उन्होंने कहा कि इस लड़ाई में वह अमेरिका का असाधारण साझेदार साबित हुआ है।

भारत-पाक संबंधों को लेकर स्पष्ट संदेश

जनरल कुरिल्ला ने खास तौर पर एक बात जोड़ते हुए कहा, अमेरिका को पाकिस्तान और भारत दोनों के साथ संबंध रखने चाहिए। यह ऐसा नहीं है कि अगर हमारे भारत के साथ संबंध हैं तो हम पाकिस्तान के साथ नहीं रह सकते। हमें दोनों संबंधों के फायदों को देखकर फैसला करना चाहिए।जनरल के इस बयान को भारत के लिए एक स्पष्ट संकेत माना जा रहा है। अमेरिका यह स्पष्ट कर चुका है कि वह अपने रणनीतिक हितों की पूर्ति के लिए पाकिस्तान को एक साझेदार बनाए रखेगा। यह भी संदेश गया है कि भारत के लिए पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद से लड़ना मुख्यतः उसकी स्वयं की लड़ाई है।

इस बयान से यह भी साफ हो गया कि वॉशिंगटन नई दिल्ली के साथ रणनीतिक साझेदारी को लेकर प्रतिबद्ध रहते हुए भी इस आधार पर इस्लामाबाद से दूरी नहीं बनाएगा। जनरल माइकल कुरिल्ला के यह शब्द न केवल अमेरिका की क्षेत्रीय रणनीति को उजागर करते हैं, बल्कि यह भी संकेत देते हैं कि दक्षिण एशिया में भारत और पाकिस्तान दोनों की भूमिका अमेरिकी दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है। विशेषकर आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में। भारत के लिए यह एक कूटनीतिक यथार्थ की याद दिलाने जैसा है। 

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