खूनखराबे के बाद नेपाल में लौट रही शांति, Gen Z तय कर रहा नया PM!
नेपाल वर्तमान में राजनीतिक और सामाजिक उथल-पुथल के दौर से गुजर रहा है। प्रधानमंत्री ओली का इस्तीफा, कैदियों का फरार होना और ‘Gen Z’ द्वारा सत्ता परिवर्तन की मांग ने देश को संकट में डाल दिया है।;
नेपाल में बीते कुछ दिनों से जारी हिंसक प्रदर्शनों के बीच गुरुवार को हालात में थोड़ी शांति देखी गई। 'जेन जेड' (Gen Z) द्वारा शुरू किए गए इन प्रदर्शनों के चलते राजधानी काठमांडू सहित कई इलाकों में कर्फ्यू लगाया गया था। सेना ने काठमांडू घाटी के तीन जिलों में निषेधाज्ञा को बढ़ा दिया है, हालांकि सीमित समय के लिए आम जनता को बाहर निकलने की अनुमति दी गई।
अब तक 30 मौतें, 1,000 से अधिक घायल
नेपाल के स्वास्थ्य और जनसंख्या मंत्रालय के अनुसार, रविवार शाम से शुरू हुए प्रदर्शनों में अब तक 30 लोगों की मौत हो चुकी है। मंत्रालय द्वारा बुधवार शाम जारी बयान के अनुसार, कुल 1,061 लोग घायल हुए हैं, जिनमें से 719 को अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है जबकि 274 का अब भी इलाज चल रहा है।
कौन बनेगा नेपाल का अगला प्रधानमंत्री?
प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली के मंगलवार को दिए गए इस्तीफे के बाद नए प्रधानमंत्री की तलाश जारी है। इसी बीच प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे ‘जेन जेड’ समूह ने नेपाल विद्युत प्राधिकरण के पूर्व प्रबंध निदेशक कुलमान घिसिंग का नाम अगला प्रधानमंत्री बनाए जाने के लिए प्रस्तावित किया है। इससे पहले सुप्रीम कोर्ट की पूर्व मुख्य न्यायाधीश सुशीला कार्की, काठमांडू के मेयर बालेन्द्र शाह और कुलमान घिसिंग के नाम चर्चा में थे। गुरुवार सुबह सूत्रों के मुताबिक, अब एक और नाम धरान नगरपालिका के मेयर हर्का साम्पांग पर भी विचार किया जा रहा है।
छत्तीसगढ़ के सीएम के निर्देश
इस बीच छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विश्वेश्वर देव साय ने नेपाल में फंसे पर्यटकों की सुरक्षित वापसी के लिए अधिकारियों को निर्देश दिए हैं। राज्य सरकार ने बताया कि उन्हें नेपाल में कुछ पर्यटकों के फंसे होने की जानकारी मिली है। मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सुरक्षा हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है। अधिकारियों को तत्काल कदम उठाने के निर्देश दिए गए हैं। केंद्र सरकार के साथ समन्वय में सभी प्रयास किए जा रहे हैं।
नेपाल में कर्फ्यू में ढील, लेकिन सेना का अलर्ट जारी
गुरुवार को नेपाल में हालात ज्यादातर शांत रहे। हालांकि, रामेछाप जिले की जेल में तीन कैदियों की मौत की खबर से तनाव फिर बढ़ गया। सेना की ओर से जारी नोटिस में बताया गया कि काठमांडू, ललितपुर और भक्तपुर जिलों में सुबह 6 बजे से कुछ घंटों के लिए कर्फ्यू में ढील दी गई थी। सुबह 10 बजे से शाम 5 बजे तक निषेधाज्ञा फिर से लागू रहेगी। शाम 5 से 7 बजे फिर ढील मिलेगी। शाम 7 से अगली सुबह 6 बजे तक नाइट कर्फ्यू रहेगा। इस दौरान लोग जरूरी सामान की खरीदारी के लिए बाजारों की ओर भागे। सड़कों पर गाड़ियों की संख्या कम थी और अभी भी बीते दिनों की हिंसा के निशान साफ दिख रहे थे।
सेना की चेतावनी
सेना ने बुधवार शाम 5 बजे से कर्फ्यू लगाया था और मंगलवार रात से पूरे देश की सुरक्षा व्यवस्था अपने हाथ में ले ली थी। सेना ने चेतावनी दी है कि किसी भी तरह के प्रदर्शन, आगजनी, तोड़फोड़ या निजी संपत्ति पर हमले को आपराधिक कृत्य माना जाएगा और सख्ती से निपटा जाएगा। इस बीच काठमांडू स्थित त्रिभुवन अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा (TIA) ने 24 घंटे बंद रहने के बाद बुधवार शाम से अपनी सेवाएं फिर शुरू कर दी हैं।
नेपाल की जेलों में हिंसा, 15,000 से अधिक कैदी फरार
गुरुवार को रामेछाप जिला जेल में कैदियों और सुरक्षाबलों के बीच झड़प के दौरान तीन कैदियों की मौत हो गई, जबकि देश भर की 25 से अधिक जेलों से 15,000 से ज्यादा कैदी फरार हो चुके हैं। काठमांडू पोस्ट की रिपोर्ट के अनुसार, यह जेलब्रेक तब शुरू हुआ, जब प्रदर्शनकारियों ने जेलों पर हमला किया, प्रशासनिक भवनों को आग के हवाले कर दिया और जेल के गेट जबरन खोल दिए। रामेछाप की घटना में कैदियों ने गैस सिलेंडर फोड़कर जेल से भागने की कोशिश की, जिसके बाद सुरक्षाबलों ने फायरिंग की। तीन कैदी मारे गए और घायल कैदियों को रामेछाप जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है। गंडकी प्रांत के कास्की जिला जेल में कुल 773 कैदी फरार हुए, जिनमें 13 भारतीय नागरिक और 4 अन्य विदेशी शामिल हैं।
प्रधानमंत्री मोदी की चिंता
भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को नेपाल की बिगड़ती स्थिति पर चिंता जताई और वहां की जनता से शांति बनाए रखने की अपील की।