SCO सम्मेलन: ‘आपसे मिलकर हमेशा खुशी होती है’, पुतिन से दोस्ताना मुलाकात में बोले पीएम मोदी

SCO सम्मेलन में मोदी और पुतिन की यह गर्मजोशी से भरी मुलाकात अमेरिका के साथ बढ़ते व्यापारिक तनाव के बीच एक अहम रणनीतिक संकेत मानी जा रही है. यह भारत की स्वतंत्र विदेश नीति और बहुपक्षीय कूटनीति की दिशा में एक और मजबूत कदम है.;

Update: 2025-09-01 04:10 GMT

SCO Summit 2025: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने शनिवार को चीन के तिआनजिन में शंघाई सहयोग संगठन (SCO) सम्मेलन के इतर मुलाकात की. इस दौरान दोनों ने एक-दूसरे को गर्मजोशी से गले लगाया. यह मुलाकात उस समय हुई है, जब अमेरिका ने भारत के खिलाफ भारी-भरकम टैरिफ लगाए हैं.

प्रधानमंत्री मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर पुतिन के साथ अपनी दो तस्वीरें साझा कीं — एक में दोनों नेता बातचीत कर रहे हैं और दूसरी में एक-दूसरे को गले लगा रहे हैं. मोदी ने लिखा कि हमेशा खुशी होती है राष्ट्रपति पुतिन से मिलकर!

अमेरिकी टैरिफ संकट के बीच रणनीतिक संदेश

यह मुलाकात ऐसे समय पर हुई है, जब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारतीय वस्तुओं पर 50% तक का टैरिफ लगा दिया है. इनमें से आधे शुल्क रूस के साथ व्यापार करने की ‘सजा’ के तौर पर लगाए गए हैं. ट्रंप और उनके शीर्ष अधिकारियों ने रूस से तेल खरीदने को लेकर भारत पर लगातार निशाना साधा है. ट्रंप प्रशासन के ट्रेड एडवाइज़र पीटर नवारो ने यहां तक आरोप लगाया कि भारत से प्राप्त राजस्व का उपयोग रूस, यूक्रेन युद्ध को आगे बढ़ाने में कर रहा है.

ट्रंप की टिप्पणी

कुछ हफ्ते पहले अलास्का में ट्रंप और पुतिन की मुलाकात हुई थी, जिसमें यूक्रेन संकट पर चर्चा हुई. उस बैठक से पहले ट्रंप ने FOX न्यूज को दिए इंटरव्यू में कहा था कि रूस ने अपना एक बड़ा तेल ग्राहक खो दिया और वो भारत है, जो लगभग 40% तेल खरीदता था. अगर मैं सेकेंडरी सैंक्शन लगाता तो यह उनके लिए विनाशकारी होता. इस बयान के कुछ दिन बाद ही ट्रंप ने भारत से आयात पर 50% टैरिफ की धमकी दे दी थी.

SCO सम्मेलन: एक अहम मंच

प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति पुतिन वर्तमान में तिआनजिन में SCO सम्मेलन में भाग ले रहे हैं. दोनों नेताओं का स्वागत चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने किया. यह प्रधानमंत्री मोदी की सात साल बाद चीन की पहली यात्रा है और जिनपिंग से उनकी लगभग एक साल में पहली मुलाकात भी है. पिछली बार अक्टूबर में कज़ान, रूस में दोनों नेताओं की मुलाकात हुई थी, जिसने भारत-चीन सीमा गतिरोध को समाप्त करने की दिशा में एक अहम शुरुआत की थी.

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