भारतीय उत्पाद बच सकते हैं 50% टैरिफ से, जानें क्या हैं तीन जरूरी शर्तें
India-US trade: अमेरिका द्वारा भारतीय उत्पादों पर 50% आयात शुल्क लागू करना दोनों देशों के व्यापार संबंधों में नया तनाव ला सकता है. हालांकि, कुछ उत्पादों और ट्रांजिट में भेजी जा चुकी वस्तुओं को अस्थायी छूट दी गई है.;
US tariffs: अमेरिका ने भारतीय उत्पादों पर अतिरिक्त 25% शुल्क (टैरिफ) लगाने का आधिकारिक नोटिस जारी कर दिया है, जिससे कुल शुल्क दर 50% तक पहुंच जाएगी. यह टैरिफ 27 अगस्त 2025 से प्रभावी होगा. हालांकि, कुछ उत्पादों को अस्थायी रूप से राहत दी गई है.
किन वस्तुओं को मिली छूट?
अमेरिकी होमलैंड सिक्योरिटी विभाग द्वारा जारी अधिसूचना के अनुसार, अगर भारतीय वस्तुएं निम्नलिखित शर्तों को पूरी करती हैं तो उन्हें 50% टैरिफ से छूट मिल सकती है:-
1. अगर वे 27 अगस्त 2025 को 12:01 AM (EST) से पहले अमेरिका में अंतिम ट्रांजिट मोड पर ट्रांजिट में हैं और लोडिंग पोर्ट से जहाज पर चढ़ाई जा चुकी हैं.
2. अगर वे 17 सितंबर 2025 को 12:01 AM (EST) से पहले उपभोग के लिए दर्ज या वेयरहाउस से निकाली गई हैं.
3. अगर आयातक एक नया हार्मोनाइज़्ड टैरिफ शेड्यूल घोषित कर यह प्रमाणित करता है कि उत्पाद इस "इन-ट्रांजिट" छूट के लिए पात्र हैं.
कौन से उत्पाद होंगे छूट के दायरे में?
⦁ लोहा, स्टील, एल्युमिनियम और कॉपर से बने उत्पाद
⦁ पैसेंजर वाहन, लाइट ट्रक और ऑटो पार्ट्स
⦁ फार्मा सेक्टर (दवाइयां, APIs आदि)
⦁ इलेक्ट्रॉनिक उत्पाद – चिप्स, मोबाइल फ़ोन, टैबलेट्स आदि
टैरिफ बढ़ाने का कारण
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इस भारी-भरकम टैरिफ के पीछे भारत द्वारा रूस से कच्चा तेल खरीदने को कारण बताया है. उन्होंने कहा कि यह व्यापार “यूक्रेन में युद्ध मशीन को ईंधन” दे रहा है. ऐसे में, ट्रंप प्रशासन भारत समेत कुछ अन्य देशों पर सख्त व्यापारिक रुख अपना रहा है.
आधिकारिक अधिसूचना
अमेरिकी होमलैंड सिक्योरिटी विभाग द्वारा जारी अधिसूचना में कहा गया है कि राष्ट्रपति की कार्यकारी आदेश संख्या 14329 (दिनांक 6 अगस्त 2025) को लागू करने के लिए भारत से आयातित उत्पादों पर शुल्क संशोधित करना आवश्यक है. यह संशोधन हार्मोनाइज़्ड टैरिफ शेड्यूल (HTSUS) में दर्शाया गया है. इसमें यह भी स्पष्ट किया गया कि ये शुल्क उन भारतीय उत्पादों पर लागू होंगे, जो 27 अगस्त 2025 को सुबह 12:01 AM (ईस्टर्न डेलाइट टाइम) या उसके बाद उपभोग के लिए दाखिल किए जाते हैं.
भारत पर असर
भारत उन देशों में प्रमुख है, जो ट्रंप के व्यापारिक आक्रमण (Trade Offensive) से सबसे ज्यादा प्रभावित हो सकते हैं. अमेरिका भारत का एक बड़ा निर्यात बाजार है, खासकर फार्मा, टेक्नोलॉजी, ऑटो और मेटल सेक्टर में. ऐसे में यह टैरिफ बढ़ोतरी भारतीय निर्यातकों के लिए झटका साबित हो सकती है.