सुर्खियों में हिंडनबर्ग, जानें कौन है संस्थापक नाथन एंडरसन और कैसे काम करती है यह फर्म?

अमेरिकी शॉर्ट सेलर फर्म हिंडनबर्ग एक बार फिर सुर्खियों में है. ऐसे में लोगों में इस बात को लेकर जिज्ञासा है कि कौन हैं फर्म के संस्थापक नाथन एंडरसन और उनकी रिसर्च फर्म कैसे काम करती है?

Update: 2024-07-02 11:43 GMT

American Short Seller Firms Hindenburg: अमेरिकी शॉर्ट सेलर फर्म हिंडनबर्ग एक बार फिर सुर्खियों में है. इसके पीछे की वजह मार्केट रेग्युलेटर सेबी द्वारा हिंडनबर्ग रिसर्च को 46 पन्नों का कारण बताओ नोटिस जारी करना है. हालांकि, इसके बाद नाथन एंडरसन की नेतृत्व वाली अमेरिकी फर्म ने सेबी को ही कटघरे में खड़ा करते हुए कहा कि ये नोटिस चुप कराने के लिए जारी किया गया है. इसके बाद लोगों में इस बात को लेकर जिज्ञासा है कि कौन हैं नाथन एंडरसन और उनकी रिसर्च फर्म कैसे काम करती है?

अडानी ग्रुप पर हेरफेर का आरोप

बता दें कि हिंडनबर्ग रिसर्च ने बीते साल अडानी ग्रुप को लेकर 106 पेज की रिपोर्ट पब्लिश की थी. इसमें अडानी ग्रुप पर कर्ज से लेकर शेयरों की कीमत में हेरफेर करने के तमाम आरोप लगाए गए थे. वहीं, अब सेबी ने हिंडनबर्ग को भेजे नोटिस में कहा है कि रिपोर्ट में तथ्यों को गलत ढंग से पेश करते हुए लोगों को गुमराह किया गया था.

नाथन एंडरसन

करीब छह साल पहले लोग नाथन एंडरसन को मुश्किल से जानते थे. वह अमेरिका के मैनहट्टन के एक छोटे से अपार्टमेंट में रहते थे और उसका खर्च भी वह मुश्किल से उठा पाते थे. लेकिन कॉरपोरेट धोखाधड़ी को पकड़ने की उनकी एक असाधारण प्रतिभा थी. कनेक्टिकट यूनिवर्सिटी से अंतरराष्ट्रीय बिजनेस में स्नातक करने वाले नाथन एंडरसन ने डेटा कंपनी फैक्टसेट रिसर्च सिस्टम्स इंक में फाइनेंस में अपना करियर शुरू किया था. यहां नौकरी करते हुए उन्होंने निवेश प्रबंधन कंपनियों के साथ काम किया. रॉयटर्स के अनुसार, उन्होंने इज़राइल में एम्बुलेंस ड्राइवर के रूप में भी कुछ समय काम किया था. इसको लेकर नाथन ने कहा था कि इससे उन्हें अधिक दबाव में सोचने और काम करने का अनुभव मिला. एंडरसन बर्नी मैडॉफ की धोखाधड़ी को पकड़ने वाले हैरी मार्कोपोलोस को आदर्श मानते हैं.

ऐसे पड़ा फर्म का नाम

नाथन एंडरसन ने साल 2017 में एक फोरेंसिक फाइनेंस रिसर्च फर्म के रूप में हिंडनबर्ग रिसर्च की स्थापना की थी. यह फर्म इक्विटी, क्रेडिट और डेरिवेटिव का विश्लेषण करती है. कंपनी अपनी खुद की पूंजी निवेश करती है. इस फर्म का नाम साल 1937 में हिंडनबर्ग एयरशिप की हाई प्रोफाइल डिजास्टर के नाम पर रखा गया था, जिसमें न्यू जर्सी में उड़ान भरते ही आग लग गई थी. हिंडनबर्ग आमतौर पर किसी भी मामले की व्याख्या करते हुए एक रिपोर्ट प्रकाशित करता है और टारगेट कंपनी के खिलाफ दांव लगाता है, जिससे कि लाभ कमाया जा सके.

निकोला कॉर्प को ठहराया दोषी

हिंडनबर्ग को सितंबर 2020 में इलेक्ट्रिक ट्रक निर्माता निकोला कॉर्प (NKLA.O) के खिलाफ अपने दांव के लिए सबसे ज्यादा जाना जाता है, जिसने बड़ी जीत हासिल की थी. रॉयटर्स के अनुसार, इस शॉर्ट-सेलर फर्म का कहना है कि निकोला ने अपने तकनीकी विकास के बारे में निवेशकों को धोखा दिया था. एंडरसन ने निकोला द्वारा बनाए गए एक वीडियो को चुनौती दी, जिसमें उसका इलेक्ट्रिक ट्रक तेज गति से दौड़ता हुआ दिखाया गया था. इसके बाद एक अमेरिकी जूरी ने निकोला के संस्थापक ट्रेवर मिल्टन को निवेशकों से झूठ बोलने के आरोपों पर धोखाधड़ी का दोषी ठहराया था और कंपनी ने निवेशकों को साल 2021 में 125 मिलियन डॉलर का भुगतान करना पड़ा था. हिंडनबर्ग का कहना है कि व्हिसलब्लोअर और पूर्व कर्मचारियों द्वारा इसमें मदद मिली थी.

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