बजट में अन्नदाताओं पर खास जोर, क्या अब एमएसपी की आवाज पड़ेगी कुंद

वित्त मंत्री ने बजट 2024 में कृषि और किसानों के लिए खास ऐलान किए हैं। उन्होंने कहा कि खेती, अर्थव्यवस्था का मुख्य आधार है लिहाजा इसे उपेक्षित नहीं छोड़ा जा सकता।

By :  Lalit Rai
Update: 2024-07-23 08:35 GMT

Budget 2024 Agriculture Sector: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सातवीं बार बजट पेश किया. बजट पेश करते हुए उन्होंने कहा अन्नदाताओं के लिए हमारी सरकार पहले से ही संवेदनशील रही है और हमारी कोशिश है कि उन्हें और सशक्त बनाया जाए ताकि आर्थिक तरक्की में उनकी भागीदारी बढ़ सके.बजट के बारे में किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि यह अच्छी बात है कि सरकार किसानों के लिए, फसलों की किस्मों के साथ साथ दाल और तिलहन की उपज पर ध्यान देने की बात कह रही है लेकिन एमएसपी वाला मुद्दा तो अभी भी अनसुलझा है. सवाल यह है कि कानूनी मान्यता देने में क्या दिक्क्त है. इन सबके बीच हम बताएंगे कि बजट में क्या कुछ ऐलान किया गया है.

कृषि क्षेत्र के लिए खास ऐलान

  • 1.52 लाख करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं।
  • देश के 400 जिलों में डिजिटल सार्वजनिक अवसंरचना के जरिए खरीफ फसलों का डिजिटल सर्वेक्षण
  • 5 राज्यों में जनसमर्थन आधारित किसान क्रेडिट कार्ड जारी करने का ऐलान
  • झींगा, मछली, ब्रूडस्टॉक के लिए केंद्रीयकृत प्रजनन केंद्रों का नेटवर्क स्थापित करने हेतु वित्तीय सहयोग उपलब्ध करने का भी ऐलान
  • ग्रामीण अर्थव्यवस्था की वृद्धि और रोजगार सृजन में तेजी लाने के उद्देश्य से राष्ट्रीय सहयोग नीति
  • खेती में उत्पादकता, रोजगार और क्षमता विकास, समग्र मानव संसाधन विकास, सामाजिक न्याय, विनिर्माण और सेवाएं, शहरी विकास, ऊर्जा सुरक्षा, अधोसंरचना, नवाचार, शोध और विकास को प्राथमिकता
  • रोजगार और कौशल प्रशिक्षण से जुड़ी पांच योजनाओं के लिए दो लाख करोड़ रुपए का बजट। 

 जानकारों का क्या कहना है
जानकारों का कहना है कि इसमें दो मत नहीं कि सरकार खेती के क्षेत्र में बड़े सुझार के ऐलान कर चुकी है, लेकिन जमीनी स्तर पर जब तक क्रियान्यवन नहीं होगा हालात में सुधार नहीं होंगे. अगर आप पांच राज्यों में क्रेडिट कार्ड की बात करें तो निश्चित तौर पर यह अच्छी पहल है, किसान सस्ते दर पर इसका इस्तेमाल कर सकते है, हालांकि यह देखना होगा कि इसका बेजा इस्तेमाल ना हो. इसके साथ ही सरकार ने दलहन और तिलहन की खेती पर खास जोर दिया है. लेकिन यह भी सच है कि दलहन और तिलहन की एमएसपी पर खरीद कम होती है.

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