अगर आपकी कमाई 12 लाख 76 हजार हो, यहां समझें टैक्स की गणित

बजट 2025 में न्यू टैक्स रीजिम में करमुक्त आय की सीमा 12 लाख की गई है। इसमें स्टैंडर्ड डिडक्शन को जोड़े तो यह राशि 12 लाख 75 हजार हो जाती है।;

By :  Lalit Rai
Update: 2025-02-03 02:14 GMT

Budget 2025 Income Tax:  एक फरवरी को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने जब बजट पेश किया को नौकरीपेशा वालों की उम्मीद बढ़ गई। उन्होंने इनकम टैक्स को लेकर जो ऐलान किया उसके बाद नौकरीपेशा और मिडिल क्लास गदगद है। न्यू टैक्स रीजिम में 12 लाख की आय को करमुक्त कर दिया गया है। यदि आप इसमें स्टैंडर्ड डिडक्शन 75 हजार को जोड़ें को यह आय 12 लाख 75 हजार आती है। यानी इस आय पर कर शून्य होगा। अब इसकी वजह से सरकारी खजाने पर एक लाख करोड़ का बोझ बढ़ेगा। लेकिन इसका एक पहलू यह है कि टैक्स पेयर्स इसका इस्तेमाल दूसरी जगह पर खर्च कर सकेंगे और इसकी वजह से अर्थव्यस्था में तेजी आएगी।

पहले सात लाख तक की आय इनकम टैक्स के दायरे से बाहर थी। यह बदलाव न्यू टैक्स रीजिम के लिए हुआ है। ओल्ड टैक्स में जो लोग इनकम टैक्स अदा कर रहे हैं उन्हें किसी तरह की रियायत नहीं दी गई है। बता दें कि देश के टैक्सपेयर्स में 75 फीसद न्यू टैक्स रीजिम का फायदा उठा रहे हैं।

पहले न्यू टैक्स स्लैब को समझिए

  • 0-4 लाख शून्य टैक्स
  • 4-8 लाख पांच फीसद
  • 8-12 लाख 10 फीसद
  • 12 -16 लाख 15 फीसद
  • 16-20 लाख पर 20 फीसद टैक्स
  • 20 से 24 लाख पर 25 फीसद
  • 24 लाख से अधिक आय पर 30 फीसद टैक्स

    अगर इनकम 12 लाख 76 हजार हो तो

    न्यू टैक्स स्लैब में 4 लाख से अधिक इनकम पर पांच फीसद टैक्स लगेग। लेकिन इनकम टैक्स की धारा 87 ए में 60 हजार रुपए का रिबेट मिलेगा। 12 लाख की आय पर कुल टैक्स 60 हजार रुपए मिलता। हालांकि रिबेट की वजह से टैक्स नहीं लगेगा। नौकरीपेशा लोगों के लिए स्टैंडर्ड डिडक्शन की सीमा 75 हजार रुपए हैं। यानी कि 12 लाख 75 हजार तक टैक्स का झंझट नहीं है। लेकिन जैसे ही आपकी आय 12 लाख 75 से एक रुपए भी अधिक होगी तो आप टैक्स के दायरे में आ जाएंगें। मान लीजिए की आपकी आय 12 लाख 76 हजार है तो टैक्स की राशि 62556 रुपए होगी। अब इस तरह की दिक्कत से निपटने के लिए मार्जिनल रिलीफ को पेश किया गया है। 

    क्या है मार्जिनल रिलीफ

    मार्जिनल रिलीफ में ऐसे आयकर देने वालों को राहत मिलती है। जिनकी सैलरी में मामूली इजाफा होता है। अगर आप की इंक्रीमेंटल आय (बढ़ी हुई आय) करयोग्य आय से थोड़ा अधिक है तो फायदा मिलता है। नियम के हिसाब से इंक्रीमेंटल आय और इनकम टैक्स में जो कम होगा उसे आयकर के तौर गणना की जाएगी। जब 12 लाख 75 हजार पर कोई टैक्स नहीं तो यह अजीब सी बात है कि 12 लाख 76 हजार पर टैक्स की राशि 62556 हो जाएगी। यानी एक हजार रुपए आय बढ़ने पर इतना अधिक टैक्स। अब यहीं मार्जिनल रिलीफ से काम बन जाता है। नियम के हिसाब से इंक्रीमेंटल आय और इनकम टैक्स में जो कम होगा उस पर कर देना होगा।

    अगर आप की इंक्रीमेंटल आय 13 लाख रुपए है तो मार्जिनल रिलीफ के तहत आपको 25 हजार रुपए पर टैक्स देना होगा। न्यू टैक्स रीजिम के तहत 60 हजार रुपए तक मार्जिनल लाभ मिलेगा लेकिन जैसे ही मार्जिनल और इनकम टैक्स के बीच का अंतर शून्य होगा उसके बाद इंक्रीमेंटल इनकम एक रुपया बढ़ने पर पूरा टैक्स अदा करना होगा। 

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