पीयूष गोयल के बयान पर अशनीर ग्रोवर का पलटवार, कहा- 'राजनेताओं का हो रियल्टी चैक'

Ashneer Grover reaction: गोयल का कहना है कि भारत को अधिक तकनीकी क्षेत्र पर ध्यान देना चाहिए. जबकि ग्रोवर ने कहा कि राजनेताओं को अपनी सोच को बदलने की जरूरत है.;

Update: 2025-04-05 11:05 GMT

Ashneer Grover reaction on Piyush Goyal: बिजनेसमैन अशनीर ग्रोवर ने केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल के भारतीय स्टार्टअप्स पर दिए गए बयान पर अपनी प्रतिक्रिया दी. उन्होंने कहा कि भारत में "रियल्टी चैक" की जरूरत केवल राजनेताओं को है. बता दें कि 3 अप्रैल को नई दिल्ली में हुए स्टार्टअप महाकुंभ 2025 में पीयूष गोयल ने भारतीय स्टार्टअप्स को सलाह दी थी कि वे अपने ध्यान को ग्रोसरी डिलीवरी और आइसक्रीम बनाने से हटाकर उच्च-तकनीकी क्षेत्रों जैसे सेमीकंडक्टर्स पर लगाएं. उन्होंने भारतीय स्टार्टअप्स की तुलना चीन के स्टार्टअप्स से की और कहा कि "वहां के स्टार्टअप्स रोबोटिक्स, मशीन लर्निंग, 3D निर्माण और अगली पीढ़ी के कारखानों पर काम कर रहे हैं."

अशनीर ग्रोवर का जवाब

गोयल के इस बयान पर अशनीर ग्रोवर ने जवाब दिया. उन्होंने कहा कि चीन में भी पहले स्टार्टअप्स फूड डिलीवरी से शुरू हुए थे और बाद में वे तकनीकी क्षेत्रों की ओर बढ़े. ग्रोवर ने ट्विटर (X) पर लिखा कि भारत में जिन लोगों को 'वास्तविकता की जांच' की जरूरत है, वे केवल राजनेता हैं. बाकी सभी लोग भारत की असली स्थिति में जी रहे हैं.

भारत में चर्चा को बदलने की अपील

अशनीर ग्रोवर ने यह भी कहा कि अब समय आ गया है कि भारत में चर्चा का विषय "इतिहास" से बदलकर "विज्ञान" पर हो. उन्होंने कहा कि चीन ने भी पहले फूड डिलीवरी शुरू की थी और बाद में उसने तकनीकी क्षेत्र में विकास किया. यह अच्छा है कि हम उनकी सफलता से प्रेरित हों. लेकिन शायद राजनेताओं को 10%+ आर्थिक विकास की कामना करनी चाहिए और फिर आज के नौकरी सृजककर्ताओं को नसीहत देने से पहले अपने काम पर ध्यान देना चाहिए.

पीयूष गोयल का बयान

पीयूष गोयल ने कहा था कि भारतीय स्टार्टअप्स को अधिक तकनीकी क्षेत्रों पर ध्यान देना चाहिए. जैसे सेमीकंडक्टर्स, मशीन लर्निंग, रोबोटिक्स और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI), बजाय केवल ग्रोसरी डिलीवरी और आइसक्रीम बनाने के. उन्होंने यह भी कहा कि अरबपतियों के बच्चों द्वारा बनाए गए लग्जरी ब्रांड्स को असली स्टार्टअप्स से न मिलाया जाए. गोयल ने कहा था कि क्या हम सिर्फ डिलीवरी बॉय और गर्ल बनकर खुश रहेंगे? क्या यही भारत का भविष्य है? यह असली स्टार्टअप नहीं है, यह बस उद्यमिता है. दूसरी ओर जो हो रहा है, वह रोबोटिक्स, मशीन लर्निंग और 3D निर्माण जैसे क्षेत्रों में है.

ज़ेप्टो CEO का बयान

ज़ेप्टो के CEO आदित पालिचा ने X पर एक पोस्ट में दावा किया कि उनकी कंपनी ने 1.5 लाख नौकरियां सृजित की हैं और प्रति वर्ष ₹1,000 करोड़ से अधिक का टैक्स सरकार को दिया है. उन्होंने कहा, "भारत में उपभोक्ता इंटरनेट स्टार्टअप्स की आलोचना करना आसान है. लेकिन जब आप उन्हें अमेरिका और चीन में हो रहे तकनीकी विकास से तुलना करते हैं, तो यह सही नहीं है."

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